गीत–ये लम्हे क्यों उदास हैं ….

घर पर रहें – घर पर सुनें”
हर रोज़ नए गाने
गीत –  ये लम्हे क्यों उदास हैं ….
पार्श्व गायिका – मधुश्री (मुंबई)
संगीतकार – केवल कुमार
गीतकार – अशोक हमराही
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सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका मधुश्री का वास्तविक नाम सुजाता भट्टाचार्य है, लेकिन संगीत जगत उन्हें ‘मधुश्री’ के नाम से जानता है। प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने अपने पिता अमरेन्द्रनाथ और माता पार्बती भट्टाचार्य से प्राप्त की। बाद में उन्होंने बिष्णुपुर घराने के संगीताचार्य पंडित अमिय रंजन बंधोपाध्याय से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा हासिल की तथा ठुमरी और ख्याल गायन में विशेषज्ञता अर्जित की। बाद में उन्होंने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के लिए काम करना शुरू किया, जिसके माध्यम से उन्हें सूरीनाम में शास्त्रीय संगीत सिखाने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया।मधुश्री पार्श्वगायन में अपना करियर बनाने मुंबई आ गईं और जल्दी ही उन्हें राजेश रोशन के संगीत निर्देशन में फ़िल्म ‘मोक्ष’ में पार्श्वगायन का मौका मिला। इसके बाद फ़िल्म युवा, पहेली, रंग दे बसंती, जोधा अकबर, रांझना , कल हो ना हो, हम हैं इस पल यहाँ, कुछ ना कहो, बाहुबली 2, गुरु  जैसी फ़िल्मों में गीत गाकर बॉलीवुड में उन्होंने अपनी पहचान बना ली। उन्होंने हिंदी के अलावा कन्नड़, तमिल, तेलुगू आदि फ़िल्मों में भी पार्श्वगायन किया है। शास्त्रीय संगीत के साथ ही उन्होंने पश्चिमी शैली  के संगीत का भी प्रशिक्षण प्राप्त किया है।  मधुश्री ने घर में रहते हुए संगीत प्रेमियों के लिए ये गीत गाया है और इसका Video भी ख़ुद ही तैयार किया है। सुनिए … Like करिए .… Share करिए …..और अपने विचार भी अवश्य लिखिए।
धन्यवाद
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विशेष : समय कभी नहीं रुकता है। जब कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु लॉकडाउन के दौरान सारा विश्व थमा हुआ सा प्रतीत हो रहा था, सृजन उस समय भी जारी था। जीवन हर चुनौती से बड़ा है और उसी लॉकडाउन काल में रचे व सृजित किये गये ये गीत हमारी हर संकट से जूझने व जीतने की संस्कृति के प्रतीक हैं।
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