ग़ज़ल–कैसे कह दूं कि हम उदास नहीं ….

केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN
“घर पर रहें – घर पर सुनें”
हर रोज़ नए गाने
ग़ज़ल –  कैसे कह दूं कि हम उदास नहीं ….
गायिका – पद्मश्री पीनाज़ मसानी (मुंबई)
संगीतकार – केवल कुमार
गीतकार – अशोक हमराही
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पद्मश्री पीनाज़ मसानी सुप्रसिद्ध ग़ज़ल गायिका हैं. वर्ष 1981 से उनका गायकी का सफ़र शुरू हुआ. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 1996 में उन्हें ‘शहज़ादी तरन्नुम’ ख़िताब से नवाज़ा गया. वर्ष 2002 में संगीत में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें प्रतिष्ठित ‘कलाकार अवार्ड’ से सम्मानित किया गया.
सिडेनहैम महाविद्यालय से स्नातक होने के पश्चात उन्होंने बॉलीवुड में पार्श्व गायिका के रूप में कार्य प्रारंभ किया और 50 से अधिक हिंदी फ़िल्मों के लिए गीत गाये. उन्होंने  10 से भी अधिक भाषाओं में गीत गाये हैं. ‘इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस’ के माध्यम से उन्होंने जर्मनी ,साउथ अफ्रीका, नाइजीरिया, घाना, वियतनाम आदि देशों में अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किये हैं. वर्ष 2009 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया.हम संगीत प्रेमियों के लिए उन्होंने बिना किसी साधन के मोबाईल से ग़ज़ल रिकॉर्ड की है. लॉकडाउन में वह इन दिनों अपने घर पर भी नहीं है. दूसरी जगह होते हुए मुश्किल हालात में भी उन्होंने आग्रह स्वीकार किया और पूरी ग़ज़ल गाकर संगीत प्रेमियों को समर्पित की…इसके लिए हम सभी उनके शुक्रगुज़ार हैं….  पद्मश्री पीनाज़ मसानी की गाई ये ग़ज़ल ज़रूर सुनिए … Like करिए … Share करिए…अपने विचार लिखिए… और उनके प्रति आभार भी अवश्य व्यक्त करिये।
धन्यवाद
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विशेष : समय कभी नहीं रुकता है। जब कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु लॉकडाउन के दौरान सारा विश्व थमा हुआ सा प्रतीत हो रहा था, सृजन उस समय भी जारी था। जीवन हर चुनौती से बड़ा है और उसी लॉकडाउन काल में रचे व सृजित किये गये ये गीत हमारी हर संकट से जूझने व जीतने की संस्कृति के प्रतीक हैं।
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