फिराक़ गोरखपुरी को क्यो नही काबुलीवाला पसंद आई

धीरज मिश्र (हृदय से किशोर लेखक और फिल्मकार) मुंबई: एक ऐसा लेखक जिन्होंने शुरुआत तो फारसी से की लेकिन जब हिंदी के नज़दीक आये तो उसी के हो कर रह गए। फिराक़ गोरखपुरी ने उर्दू के आधुनिक काव्यधारा को एक प्रवाह दी , सन 1896 की 28 अगस्त को गोरखपुर में अहीरों के मोहल्ले में उनका जन्म हुआ। अपने आस पास हमेशा गरीब मजदुर, मोची, और चरवाहों को ही देखा और अंत तक वैसे ही लोग इनके दिल के करीब रहे , फिराक़ की मूर्खता से सदा दुश्मनी थी वो…

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ग़ज़ल–और कब तक दर्द सहना होगा  ….

केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN “घर पर रहें – घर पर सुनें” हर रोज़ नए गाने ग़ज़ल –  और कब तक दर्द सहना होगा  …. गायक – अजय शर्मा (गोरखपुर) म्युज़िक अरेंजर – केके सिंह (के. के. रिकार्डिंग स्टूडियो गोरखपुर) संगीतकार – केवल कुमार गीतकार – अशोक हमराही https://youtu.be/Qry8bKNXdmk जाने माने गायक अजय शर्मा ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने बड़े भाई अशोक शर्मा जी से प्राप्त की. शास्त्रीय गायन की शिक्षा पंडित हरेन्द्र मिश्रा और लखनऊ सैनी घराने के उस्ताद रियासत खां से हासिल की. प्रयाग संगीत समिति से प्राभकर…

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