अखिलेश कुमार श्रीवास्तव ‘चमन ‘ लखनऊ: 18 मई 2020 से लाॅंकडाउन पार्ट-4 की घोषणा हो गयी। सच कहें तो यह लाॅंकडाउन पार्ट-4 नहीं बल्कि लाॅंकडाउन पार्ट-5 है। एक दिन के लिए ही सही पहला लाॅंकडाउन 22 मार्च को हुआ था। उसके बाद 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लाॅंकडाउन पार्ट-2, 15 अप्रैल से 3 मई तक लाॅंकडाउन पार्ट-3, फिर 4 मई से 17 मई तक लाॅंकडाउन पार्ट-4 और अब 18 मई से 31 मई तक लाॅंकडाउन पार्ट-5 की घोषणा हुयी है। लगातार इतने लाॅंकडाउन के बावजूद जैसी स्थितियाॅं देखने में…
Read MoreMonth: May 2020
कोरोना एवम् सियासत: राजस्थान का राजनीतिक परिद्र॒श्य
डॉ. करन पलसानियाँ पुरे विश्वभर में आज कोरोना महामारी का प्रकोप फ़ैला हुआ है और विश्व के 215 देश व 50 लाख लोग इसकी चपेट में आ चुके है| भारत के शीर्ष नेतृत्व ने, समय रहते हुये कोरोना के संकट को विकट होने से बचाने के लिये कठिन प्रयास किये है| वही दूसरी तरफ राजस्थान की कांग्रेस सरकार इस मामले में विफ़ल होती नज़र आ रही है| राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्ववाली कांग्रेस की सरकार ने प्रियंका गाँधी के आदेश पर अमानवीयता का परिचय देते हुये सेकड़ो बसों को…
Read Moreग़ज़ल–कैसे कह दूं कि हम उदास नहीं ….
केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN “घर पर रहें – घर पर सुनें” हर रोज़ नए गाने ग़ज़ल – कैसे कह दूं कि हम उदास नहीं …. गायिका – पद्मश्री पीनाज़ मसानी (मुंबई) संगीतकार – केवल कुमार गीतकार – अशोक हमराही https://youtu.be/NV6V-kqHQR0 पद्मश्री पीनाज़ मसानी सुप्रसिद्ध ग़ज़ल गायिका हैं. वर्ष 1981 से उनका गायकी का सफ़र शुरू हुआ. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 1996 में उन्हें ‘शहज़ादी तरन्नुम’ ख़िताब से नवाज़ा गया. वर्ष 2002 में संगीत में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें प्रतिष्ठित ‘कलाकार अवार्ड’ से सम्मानित किया गया. सिडेनहैम महाविद्यालय से…
Read Moreगर्मी के मौसम में रखें सेहत का ख्याल।
डॉ अनुरूद्ध वर्मा, एडिटर-ICN गर्मी का मौसम शुरु हो गया है और इसके साथ ही शुरू हो गई है बीमारियों की बरसात। गर्मी को एक तरह से बीमारियों का मौसम कहा जाता है। गर्मी के मौसम में कालरा, गैस्ट्रोएन्टेराइटिस, दस्त, पेचिश, टायफॉइड बुखार, पीलिया, भोजन विषाक्तता, उल्टी आदि संक्रामक बीमारियां होती हैं जो कि गंदगी,प्रदूषित जल, प्रदूषित भोजन और असावधानी से होती हैं तथाब समय पर सही उपचार ना मिलने पर जानलेवा भी हो सकती है। कुछ सावधनियाँ अपनाकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है। गर्मी में होने वाली…
Read Moreश्रम का भीड़तंत्र : 2
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप हमारे देश में कृषकों के पास बड़ी मात्रा में भूमि उपलब्ध होने के बावजूद ‘कृषि योग्य भूमि’ अत्यंत सीमित है। अत: समस्त भूमि को ‘कृषि योग्य अथवा अन्य रोज़गार योग्य’ तैयार करने की राष्ट्रीय योजना तैयार करना अत्यंत आवश्यक है जिसका क्रियान्वयन ग्राम सभाओं के माध्यम से किया जाना आवश्यक है। समस्या का दूसरा सिरा उन महानगरों व नगरों से जुड़ा है जहाँ अभी तक उपस्थित औद्योगिक इकाइयों में यही श्रमिक कार्यरत थे किंतु उनकी घर वापसी के पश्चात कारखाने तो खुले किंतु…
Read More“इंद्रियो पर नियंत्रण करने का अभ्यास” अथवा “इंद्रियो पर विजय पाने का अस्त्र” है “रोज़ा”
एज़ाज़ क़मर, एसोसिएट एडिटर-ICN नई दिल्ली: रोज़ा का मतलब सिर्फ खाना पीना छोड़ देना नही है, बल्कि वचन और कर्म से हिंसा करना, असत्य बोलना, अभद्र भाषा और अश्लील शब्दो का उपयोग करना, फालतू बहस करना भी वर्जित है, घमंड, ईर्ष्या, क्रोध और वासना पर नियंत्रण करना अति आवश्यक है। (सहल बिन साद ने सुनाया, कि पैगंबर साहब ने कहा, “जो कोई भी मुझे जांगो के बीच (उसके निजी अंगो) और जबड़े के बीच (उसकी जीभ) की परहेज़गारी (पवित्रता) की ज़मानत (गारंटी) देता है, मै (उसको) स्वर्ग की ज़मानत (गारंटी)…
Read Moreएक फील गुड फ़ूड: अलसी
By: Dr. Ripudaman Singh, Associate Editor-ICN & Dr. Hemant Kumar, Asstt. Editor-ICN अलसी एक प्रकार का तिलहन है। इसका बीज सुनहरे रंग का तथा अत्यंत चिकना होता है। फर्नीचर के वार्निश में इसके तेल का आज भी प्रयोग होता है। आयुर्वेदिक मत के अनुसार अलसी वातनाशक, पित्तनाशक तथा कफ निस्सारक भी होती है। मूत्रल प्रभाव एवं व्रणरोपण, रक्तशोधक, दुग्धवर्द्धक, ऋतुस्राव नियामक, चर्मविकारनाशक, सूजन एवं दरद निवारक, जलन मिटाने वाला होता है। यकृत, आमाशय एवं आँतों की सूजन दूर करता है। बवासीर एवं पेट विकार दूर करता है। सुजाकनाशक तथा गुरदे की…
Read Moreचिर-उरस्थ-माँ
By: C.P. Singh, Editor-ICN Group आंख के आंसू पोंछि मेरी माँ, होंठो से मुस्काई है । जिमि खिलती शुभ धूप की गरिमा, नभ में बदरी छाई है । पन थककर, माँ के कन्धों से, पावन –पग तक आया है । त्याग और ममता बन्धों से, भरी जननी की काया है । करम- धरम के तट-बन्धों से, प्रेरित लौकिक छाया है । बच्चे- घर- दैनिक धन्धों से, मन उसका भरमाया है । घडी की सुई सी चलती मेरी माँ, रोई ना हरसाई है । आंख के आंसू पोंछि मेरी माँ, होंठो…
Read Moreश्रम का भीड़तंत्र : 1
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप कोरोना संक्रमण काल में पिछले दिनों राष्ट्रीय स्तर पर जिन बड़े चौंकाने वाले और एक सीमा तक भारतीय मानस को कंपकंपा कर रख देने वाले प्रश्नों ने जन्म लिया है, उनमें औद्योगिक समाज द्वारा श्रम की उपेक्षा और लॉक डाउन में भूख-प्यास से त्रस्त असंगठित श्रम समाज द्वारा आत्महत्या के द्वार पर दस्तक देने सरीखे दुसाहस का परिचय देना सबसे गंभीर मुद्दा है। चीन के बाद आबादी की दृष्टि से विश्व में दूसरे सबसे बड़े देश भारत में ये स्थितियां एक बड़ा यक्षप्रश्न…
Read Moreसमय का गीत: 10
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप मैं समय के सिंधु तट पर आ खड़ा हूँ, पढ़ रहा हूँ रेत पर, मिटते मिटाते लेख, जो बाँचे समय ने। है समय अदृश्य लेकिन दृश्य है अनुपम रचाता। सिर्फ़ साक्षी है मगर, इतिहास है इसमें समाता।। यह बिना आवाज़ के ही शून्य में है गीत गाता। यह नचाता है, मिटाता है, हँसाता है, रुलाता।। है समय अद्भुत, अनोखा, कौन इसको जान पाया। एक में निर्माण, दूजे हाथ में विध्वंस लाया।। युद्ध भी यह, बुद्ध भी यह, नीर भी है, ज्वाल…
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