गीत-गीता : 6

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  (श्रीमद्भागवत गीता का काव्यमय भावानुवाद) द्वितीय अध्याय (सांख्य योग) (छंद 1-7)   संजय : (श्लोक -1)   शोकाकुल अर्जुन बैठे, व्याकुल आहत निष्क्रिय से। नयनों में नीर भरे हैं, चिंतित ‘होनी’ के भय से।।(1)   तूफानों में ज्यों नैया, पतवार रहित हो डोले। यह दशा देख अर्जुन की, मधुसूदन उनसे बोले।।(2)   श्रीकृष्ण : (श्लोक 2-3)   कौंतेय, उचित क्या अवसर, इस भाँति आचरण का है? जब प्रश्न युद्ध में केवल, विश्वास जागरण का है।।(3)   हे वीर सखा, यह क्रंदन, उस पर…

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राष्ट्र की कृषि क्षेत्र की चुनौतियाँ और उसका समाधान : ICN मीडिया हाउस का एक प्रयास

By: Dr. Bhola Nath Mishra, Head-EHS, Regional Convener-SJM (U.P. & U.K.) & Sr. Consulting Editor-ICN Group भारत गाँवों में बसता है और ग्रामीण अर्थ व्यवस्था का प्रमुख आधार कृषि है। ये भारत का सौभाग्य कहिये कि खेती योग्य  सर्वाधिक भूमि, अनुकूल  जलवायु,ऋतुयें, कृषि हेतु आवश्यक प्राकृतिक संसाधन,जैव वैविध्य एवं कार्य करने वाले युवा हाथ भी उसी के पास हैं परन्तु विडम्बना देखिये कि अधिकांश खाद्यान्नों जैसे दलहन, तिलहन आदि के लिये ये राष्ट्र परमुखापेक्षी अर्थात विदेशों पर अब भी निर्भर है ? जब एक विकाशशील राष्ट्र अपनी आय का बड़ा…

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ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम के द्वारा आई.सी.एन. इंटरनेशनल के पत्रकारो ने “स्वदेशी, स्वावलंबन और स्वाभिमान” का बिगुल बजाया

एज़ाज़ क़मर, एसोसिएट एडिटर-ICN नई दिल्ली। “ग्रीन स्पॉट्स अंडर आई०सी०एन० रूलर एंटरप्रेन्योरशिप सीरीज़ – 1” नामक शीर्षक से दिनांक 28 जून को 2020 को आई०सी०एन० मीडिया हाउस द्वारा महाबली इंटर कॉलेज हसनापुर (मलिहाबाद), लखनऊ मे वेब-संगोष्ठी व वेब-कार्यशाला (वेबिनार व वेबशाप) का आयोजन किया गया जिसमे 11 ग्राम सभा के 55 गांवों के प्रतिनिधियो ने भाग लिया।आई०सी०एन० मीडिया हाउस को पत्रकारो की समाज सेवी संस्था आई०सी०एन० ट्रस्ट संचालित करती है, जिसका उद्देश्य पत्रकारिता के मूल्यो की रक्षा करना और भावी पत्रकारो को प्रशिक्षण देकर उन्हे पत्रकारिता की मुख्यधारा से जोड़ना…

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शहद से मीठी ज़बान उर्दू की शायरी से जन्मी दिल्ली की गंगा-जमुनी तहज़ीब का आख़िरी चिराग़ बुझ गया

एज़ाज़ क़मर, एसोसिएट एडिटर-ICN क्या किसी एक शायर के चले जाने से शायरी के सफर को लगाम लग जाती है? क्या मिर्ज़ा ग़ालिब के इंतेकाल से उर्दू का कारवां रुक गया? क्या एक इंसान के गुज़र जाने से साझा विरासत तितर-बितर होकर बिख़र जाती है? क्या महात्मा गांधी के निधन से हिंदू-मुस्लिम एकता खत्म हो गई? ज़ाहिर सी बात है कि इन सभी सवालो के जवाब मे कहा जायेगा, कि “किसीे एक व्यक्ति के होने या ना होने से कोई असर नही पड़ता है और दुनिया चलती रहती है”,किंतु यह…

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मेरी ग़ज़ल

सुहैल काकोरवी, लिटरेरी एडिटर-ICN ग्रुप नहीं आसां जुनूने इश्क़ में हुशिआर हो जाना कि जैसे नींद का हमला हो और बेदार हो जाना Consciousness is not easy in love lunacy As in the attack of sleep for awakening no possibilty कहानी हो गए वो दिन कि जब खुशियां छलकती थीं तेरा सरशार हो जाना मेरा सरशार हो जाना Became tale those days when spilled around  the glee And are no more my frenzy and too your frenzy न घर से वो निकलता है न मैं इक खौफ है ऐसा कहाँ…

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रूरल इंटरप्रिन्यूरशिप : आत्मनिर्भर भारत का रोडमैप

लखनऊ।  क्या मात्र तथ्यों व घटनाओं का संप्रेषण मात्र ही पत्रकारिता है या पत्रकारिता कहीं इससे आगे भी उपस्थित है। सत्यता यह है कि समय निरंतर बहता है और पत्रकारिता समय की इसी यात्रा को लिपिबद्ध करने का कार्य करता है। जब हम बीते हुये समय को लेखबद्ध करते हैं तो उसे ‘इतिहास’ कहते हैं और जब वर्तमान को लिखा जाता है तो उसे ‘पत्रकारिता’ कहते हैं। इतिहास लिखते समय हमारा ‘अनुभव’ हमारा मित्र होता है और पत्रकारिता करते समय हमारा ‘विवेक’। ‘इतिहास’ के लेखन में हमें अतीत में झांकना…

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स्वर्गीय वी०पी० सिंह का जन्मदिन “स्वाभिमान दिवस” घोषित किया जाएं!

एज़ाज़ क़मर, एसोसिएट एडिटर-ICN नई दिल्ली। सामान्य व्यक्ति के लिए शब्दार्थ और भावार्थ मे कोई अंतर नही होता है, किंतु एक लेखक के लिये जिस लिखित शब्द को पढ़ने मात्र से उस शब्द का अर्थ स्पष्ट जाये तो वह उस अर्थ को शब्दार्थ कहता है और वह पंक्तियो मे छुपे उस शब्द के भाव को व्यक्त करने को भावार्थ कहता है,परन्तु जनसाधारण की भाषा मे अर्थ और व्याख्या के बीच की चीज़ (विषय-वस्तु) को भावार्थ कहते है,जैसे :- सूफी संतो द्वारा प्रेम शब्द का उपयोग भगवान के लिये किया जाता…

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नशीली दवाओं के दुरूपयोग एवम अवैध व्यापार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस

डॉ अनुरूद्ध वर्मा, एडीटर-ICN नशीली दवाओं का कारोबार अपराध, भ्रष्टाचार एवँ आतंकवाद को बढ़ावा देता है जो स्वास्थ्य, सुरक्षा, न्याय शांति एवम स्थायी कल्याण के लिए खतरनाक है। नशीली दवाओं के बढ़ते प्रयोग से पूरी दुनिया चिंतित एवं परेशान है और इससे छुटकारा पाने के लिए प्रयासरत है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 7 दिसंबर 1987 को पारित संकल्प के अनुसार प्रतिवर्ष 26 जून को नशीली दवाओं के दुरूपयोग एवम अवैध व्यापार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष के दिवस की विषय वस्तु बेहतर देखभाल…

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गीत-गीता : 5

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  (श्रीमद्भागवत गीता का काव्यमय भावानुवाद) प्रथम अध्याय (अर्जुन विषाद योग) (छंद 29-34)   अर्जुन : (श्लोक 28-46)   मारकर धृतराष्ट्र की संतान हमको क्या मिलेगा। पापियों को मारकर भी पाप हमको ही लगेगा।। है नहीं सामर्थ्य मुझमें, बांधवों को मारने का। फल अधिक मीठा मिलेगा,युद्ध फिर भी हारने का।।(29)   मानता हूँ भ्रष्ट हैं सब, लोभ में भटके हुये हैं। स्वार्थ सबके नीतिगत अन्याय में अटके हुये हैं।। जानते हैं किंतु हम कुलनाश है अपराध भारी। पाप से उन्मुक्ति की क्यों रीति न…

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