केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN “घर पर रहें – घर पर सुनें” हर रोज़ नए गाने ग़ज़ल – ज़िन्दगी में रंज ओ ग़म सहते रहे …. गायक – आज़म अली मुकर्रम (मुंबई) संगीतकार – केवल कुमार गीतकार – अशोक हमराही https://youtu.be/7vrGjD6nE_o रामपुर में जन्मे आज़म अली मुकर्रम मशहूर ग़ज़ल और सूफ़ी गायक हैं. पंजाब और रामपुर घराने से ताल्लुक रखने वाले आज़म अली मुकर्रम के पिता उस्ताद अता हुसैन खां मशहूर तबला वादक थे. उन्होंने उस्ताद ज़ाकिर ख़ान और उस्ताद अनवर हुसैन खान से संगीत की तालीम ली. आज़म अली मुकर्रम…
Read MoreDay: June 4, 2020
युगल गीत–कुछ रोज़ अभी तुमसे हम मिल न सकेंगे ….
केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN “घर पर रहें – घर पर सुनें” हर रोज़ नए गाने युगल गीत – कुछ रोज़ अभी तुमसे हम मिल न सकेंगे …. गायक – अवनी भट्ट और राजीव भट्ट (मुंबई) म्युज़िक अरेंजर – राजीव भट्ट वीडियो – अवनी भट्ट और राजीव भट्ट संगीतकार – केवल कुमार गीतकार – अशोक हमराही https://youtu.be/hhuQf08nq10 राजकोट, गुजरात में जन्मी अवनी को बचपनसे ही संगीत से रूचि थी। माता-पिता का सहयोग और श्रीमती हेमा दवे, श्रीनरेन्द्रजी, श्रीबाबूभाई अंधरिया और सुरमणि प्रमोद प्रभुणेजी से अवनी ने शास्त्रीय संगीतकी शिक्षा प्राप्त ली…
Read Moreसोनू सूद-ए रियल लाइफ हीरो
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप सोनू सूद फिल्मी दुनिया का कोई महानायक या बादशाह जैसा नाम नहीं है किंतु उसने साबित किया कि वह एक बहुत बड़ा ‘हिंदुस्तानी’ है और उसका हिंदुस्तान मात्र किसी प्रदेश की भौगोलिक सीमाओं अथवा क्षेत्रीय सोच का गुलाम न होकर पूरे देश का सच है। भारतीय फिल्मों में सब संभव है। जो रियल लाइफ में घटता है, वह सब तो इसमें होता ही है लेकिन कई बार ऐसा भी होता है जो रियल लाइफ में कभी नहीं घटता। सच कहा जाये तो फिल्मी…
Read More“छोड़-कर-आए“
सी. पी. सिंह, एडीटर-ICN ग्रुप प्रवासी , तब -बने – हम , जब , बहुत -कुछ , छोड़ – कर – आए | अपने – शुभ – गाँव -के -सारे – सुखों -से , मुहँ -मोड़ -कर – आए || बूढ़े – बाप – बहन – औ – छोटे – भाई – को | ममता – की – मूरति – रोती – (हुई) माई – जो | सब – आँखें – ज्यों – भरे – सपने – हैं – गाई – सो | माँ – के – भाव –…
Read Moreतीन प्रश्न-तीन उत्तर
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप प्रश्नोत्तर – 3 अक्सर उठती है मन के अंदर यह पीड़ा, क्या कभी समय के नियम समझ भी आयेंगे। हर बार करेगा काल अंत मे जय हमको, या हममें भी कुछ कालजयी कहलायेंगे।। (1) क्या चाल समय की निश्चित है, निर्धारित है, जो छूट गया, वह क्यों इतिहास कहाता है। क्या वर्तमान है धरती, पाँवों के नीचे, अक्सर क्यों आने वाला भी दिख जाता है।। (2) जाने भविष्य, फिर यह अतीत, फिर वर्तमान के मध्य कौन सी डोर सदा सेि जीवित है। है…
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