ग़ज़ल–ज़िन्दगी में रंज ओ ग़म सहते रहे ….

केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN  
“घर पर रहें – घर पर सुनें”
हर रोज़ नए गाने
ग़ज़ल – ज़िन्दगी में रंज ओ ग़म सहते रहे ….
गायक – आज़म अली मुकर्रम (मुंबई)
संगीतकार – केवल कुमार
गीतकार – अशोक हमराही
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रामपुर में जन्मे आज़म अली मुकर्रम मशहूर ग़ज़ल और सूफ़ी गायक हैं. पंजाब और रामपुर घराने से ताल्लुक रखने वाले आज़म अली मुकर्रम के पिता उस्ताद अता हुसैन खां मशहूर तबला वादक थे. उन्होंने उस्ताद ज़ाकिर ख़ान और उस्ताद अनवर हुसैन खान से संगीत की तालीम ली. आज़म अली मुकर्रम की गायकी का अपना अलग अंदाज़ है. उनकी गाई हुई ये ग़ज़ल सुनिए…आपको खुद ब खुद इसका अंदाज़ा हो जायेगा…. सुनिए… Like करिए .… Share करिए …..और अपने विचार भी अवश्य लिखिए। विशेष : समय कभी नहीं रुकता है। जब कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु लॉकडाउन के दौरान सारा विश्व थमा हुआ सा प्रतीत हो रहा था, सृजन उस समय भी जारी था। जीवन हर चुनौती से बड़ा है और उसी लॉकडाउन काल में रचे व सृजित किये गये ये गीत हमारी हर संकट से जूझने व जीतने की संस्कृति के प्रतीक हैं।
धन्यवाद 🙏
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