केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN
“घर पर रहें – घर पर सुनें”
हर रोज़ नए गाने
नमस्कार
Unlock 1 शुरू हो गया है, अब घरों में रहने की बाध्यता भले ही न हो, लेकिन सतर्कता अब और भी ज़रूरी है; यह संक्रमण काल है, ऐसे में अपनी हिफ़ाज़त हमें खुद करनी है। बेहतर होगा जब बहुत ज़रूरी हो तभी घर से निकलें, वो भी बचाव के सभी नियमों का पालन करते हुए… हम आपके लिए रोज़ नए गाने पेश करते रहेंगे, आप *घर में रहें – सुरक्षित रहें
गीत – कैसे बीतेंगे इंतिज़ार के दिन …
गायिका – संजीवनी भेलांडे (मुंबई)
म्युज़िक अरेंजर और वीडियो एडीटर– राहुल श्रीवास्तव
संगीतकार – केवल कुमार
गीतकार- अशोक हमराही
पार्श्वगायिका संजीवनी भेलांडे ने विधु विनोद चोपड़ा की फ़िल्म क़रीब से पार्श्व गायन की शुरुआत की। इस फ़िल्म में उनके गाये हुए गीत ‘चोरी चोरी जब नज़रें मिली, चुरालो ना दिल मेरा सनम, हाँ जुदाई से डरता है दिल, तुम जुदा होकर’ काफ़ी पसंद किये गए। इसके बाद की फ़िल्मों में भी उनके गाये गीत भी बेहद लोकप्रिय हुए, जिनमें से ‘सोचा ना था’, ‘क्या दिल ने कहा’, ‘नायक’, ‘रोड’, ‘Rules-pyar ka superhit formula आदि फ़िल्में शामिल हैं। उन्हें 1999 में सर्वोत्तम पार्श्वगायिका का पुरस्कार भी मिला। वह सारेगामा प्रतियोगिता के पहले पर्व की सर्वप्रथम विजेता और बाद में इसकी जुरी मेम्बर भी रहीं। Youtube पर इनके स्वरचित 100 से अधिक भक्तिगीत रिलीज़ किये जा चुके हैं। उन्होंने अपनी किताब और अल्बम ‘मीरा एंड मी’ में मीरा बाई के पदों का अंग्रेज़ी गीत में अनुवाद किया है। संजीवनी भेलांडे विश्वभर में 2000 से अधिक कार्यक्रम प्रस्तुम कर चुकी हैं। शास्त्रीय अंग के गीत उनकी विशेषता है। उन्होंने कथक तथा ओडीसी नृत्य की भी आपने तालीम ली है। उन्होंने अनेक TV कार्यक्रमों का संचालन भी किया है। वह 13 भाषाओं में पार्श्वगायन कर चुकी हैं। नेपाली भाषा में भी उनके 100 से अधिक गीत लोकप्रिय हैं। संगीत विशारद संजीवनी भेलांडे ने शास्त्रीय संगीत की तालीम पंडित दिनकर कायक़ीनी, पंडित सुधीन्द्र भौमिक, संध्या काथवटे और पंडित फिरोज़ दस्तूर से ली है| शास्त्रीय रागों पर आधारित गीतों का ॲल्बम ‘Raag in a song’ released recently. इसके अलावा Prarthana Sabha songs Album with Anup Jalota ji ‘Matiko putlo’ released lastweek, Sufi Kabir song released with director Mahesh bhatt singing Sanjeevani’s composition. संजीवनी भेलांडे का गाया हुआ ये गीत सुनिए… Like करिए .… Share करिए …..और अपने विचार भी अवश्य लिखिए।
विशेष : समय कभी नहीं रुकता है। जब कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु लॉकडाउन के दौरान सारा विश्व थमा हुआ सा प्रतीत हो रहा था, सृजन उस समय भी जारी था। जीवन हर चुनौती से बड़ा है और उसी लॉकडाउन काल में रचे व सृजित किये गये ये गीत हमारी हर संकट से जूझने व जीतने की संस्कृति के प्रतीक हैं।
धन्यवाद
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