गीत: माही वे, दिल नइयो लगदा तेरे बिना …

केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN    “घर पर रहें – घर पर सुनें” हर रोज़ नए गाने पंजाबी गीत –  माही वे, दिल नइयो लगदा तेरे बिना … गायिका– डॉली गुलेरिया (पंचकुला, हरियाणा) म्युज़िक अरेंज़र – सोनू भोला संगीतकार – केवल कुमार गीतकार – अशोक हमराही https://youtu.be/eWarSBG_208 डॉली गुलेरिया एक पंजाबी लोक गायिका हैं। वह सुप्रसिद्ध पार्श्वगायिका सुरिंदर कौर की बेटी हैं, जिन्हें ‘पंजाब कोकिला’ (The Nightingale of Punjab)  के रूप में जाना जाता है। उन्हें अपनी माँ से पंजाबी लोक गायन की समृद्ध विरासत मिली। डॉली गुलेरिया को बचपन से ही…

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ग़ज़ल: हुस्न बिखरा है हमारे क़ल्ब के माहौल में

सुहैल काकोरवी, लिटरेरी एडिटर-ICN ग्रुप हुस्न बिखरा है हमारे क़ल्ब के माहौल में जो घिरा है रुए ज़ेबा की बहारे ज़ौल  में Grace has been scattered around the atmosphere of my heart The heart, which is encircled by the elegance smart उसने इक रंगीं  इशारा मेरी नज़रों को दिया मैंने सब चौपट किया दरअसल मैं था हौल  में She gave a sweet hint to my eyes lovingly I made a mess of the matter as I was in a frenzy तुम बहोत मासूम हो जो ग़ैर पर तुम हो फ़िदा…

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घर टूट गया

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप   कहानी लैंप का प्रकाश तीव्र कर दिया मैंने। प्रकाश की ज्योति स्थूलकाय हो वातावरण से चिपक गयी। कुछ विचित्र सा अनुभव कर रहा था मैं इधर कुछ दिनों से। प्रतीत होता था – दीमक सी लग गयी हो जीवन की पुस्तक में …. या पुस्तक के पृष्ठ चिंदी-चिंदी होकर हवाओं में उड़ रहे हों। वास्तव में जीवन ही कठिन है और जब दर्द का आवरण उस पर आ पड़ता है तो वह और भी कठिन हो जाता है। संघर्ष करता रहा हूँ अपने…

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गेहूॅं की कटाई उपरान्त प्रबन्धन, भण्डारण एवं मूल्य संवर्धन

प्रो. आर0 के0 यादव, आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग, चॅं0 शे0 आ0 कृषि एवं प्रौ0 वि0 वि0 कानपुर & एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  कानपुर। आज से छः दशक पहले जब देश में लोगों को पेट भरने के लिए काफी कठिनाई का सामना करना पड रहा था और खेती बहुत कम क्षेत्रफल पर होती थी, उस समय देश का खाद्यान्न उत्पादन 500 लाख टन था। आज यह बढकर लगभग 2900 लाख टन हो गया है। खाद्यान्न के कुल उत्पादन में 13.37 फीसदी हिस्सेदारी गेंहॅूं के रूप में सबसे बडे उत्पादक देश से है।…

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गीत-गीता : 1

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  (श्रीमद्भागवत गीता का काव्यमय भावानुवाद) प्रथम अध्याय (अर्जुन विषाद योग) (छंद 1-7)   धृतराष्ट्र : (श्लोक 1) व्यग्रता है जानने की जो घटा रणक्षेत्र में है । कल्पना का चित्र केवल दृष्टि वंचित नेत्र में है।। युद्ध की उस धर्म-धरती पर सजी क्या हैं बिसातें। युद्ध को तत्पर, जो न उत्साह से फूले समाते।। (1)   पुत्र मेरे श्रेष्ठ हैं कुरुवंश के उद्दाम योद्धा। शीर्ष अनगिन सम्मिलित निज सैन्यदल में हैं पुरोधा।। देखते जो दिव्य नयनों से, मुझे बतलाओ,संजय! पाण्डु पुत्रों की दशा…

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