पिछले वर्ष ही अपने गांव-ननिहाल व पटना में तीन दिनों तक ठहरे थे सुशांत
धोनी अनटोल्ड स्टोरी के बाद सुर्खियों में आए सुशांत मुंबई में हुए थे स्थापित
राणा अवधूत कुमार, ब्यूरो चीफ-ICN बिहार
पटना। बॉलीवुड के उदीदयमान एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने रविवार की दोपहर मुंबई में अपने घर में ही फांसी से लटक कर जान दे दी। उनके निधन की खबर सुनते ही देश भर में फैले उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। सुशांत सिंह राजपूत का अंतिम संस्कार उपनगरीय विले पार्ले स्थित पवन हंस शमशान घाट में किया गया बहुत कम समय में मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित होने वाले सुशांत सिंह राजपूत के निधन से एक उभरता हुआ सितारा कहीं खो गया। वर्ष 2020 का समय बॉलीवुड कलाकारों के लिए काफी दुखदायी है। पहले इरफान खान फिर ऋषि कपूर व अब सुशांत सिंह राजपूत जैसे युवा कलाकार की मौत ने सिनेप्रेमियों को झकझोर कर रख दिया है। सुशांत सिंह राजपूत मूल से बिहार के पूर्णिया जिला के निवासी थे। हालांकि उनका बचपन तो पटना में ही बीता था। उनका जन्म पटना में ही हुआ था। एमएस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी, छिछोरे, काई पो चे जैसी कई अच्छी फिल्मों में अभिनय कर चुके सुशांत की शुरुआती पढ़ाई सेंट कैरेंस हाईस्कूल स्कूल से हुई थी। इसके बाद वह दिल्ली के कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल में पढ़ने चले गए थे। दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से उन्होंने मैकेनिल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए प्रवेश किया। लेकिन इंजीनियरिंग का कोर्स पूरा नहीं कर सके। सुशांत सिंह राजपूत की चार बड़ी बहनें भी हैं, जिसमें से एक मीतू सिंह राज्य स्तर की क्रिकेट खिलाड़ी रही हैं।
सुशांत सिंह का पैतृक आवास पूर्णिया जिले के बड़हरा कोठी में है। पटना के राजीव नगर में रहकर पढ़ाई की थी। सुशांत ने अपने कॅरियर की शुरुआत टीवी एक्टर के तौर से की थी। उन्होंने सबसे पहले किस देश में है मेरा दिल नाम के धारावाहिक में काम किया था। लेकिन उनकी पहचान पवित्र रिश्ता से मिली। इसके बाद उन्हें फिल्मों में काम मिलने लगा। आमिर खान स्टारर पीके फिल्म से सुशांत को सही मायने में पहचान मिली थी। उन्होंने अनुष्का शर्मा के प्रेमी का रोल निभाया था। फिर भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की जीवनी पर बनी बायोपिक फिल्म एमएस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी व पिछले वर्ष आई फिल्म छिछोरे से सुशांत की छवि एक स्थापित कलाकार के रूप में हो गई थी।
17 साल बाद पिछले साल पूर्णिया आए थे सुशांत
दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत तकरीबन 17 वर्षों बाद बिहार के पूर्णिया स्थित अपने पैतृक गांव बड़हरा कोठी के मलडीहा में पहुंचे थे। यहां से वे अपने परिवार के साथ मुंडन कराने अपने ननिहाल खगड़िया जिले के बोरने स्थित भगवती मंदिर पहुंचे। नाव से बागमती नदी पार अभिनेता अपनी ननिहाल गांव बोरने स्थान पहुंचे थे। बोरने पहुंचे अभिनेता सबसे पहले माता भगवती मंदिर पहुंचे। मंदिर पहुंचकर सबसे पहले उन्होंने माता का दर्शन किया। फिर ननिहाल स्थित घर में जाकर कुल देवी का आशीर्वाद लिया। उसके बाद फिर मंदिर पहुंचकर समाजिक और हिन्दू रीति रिवाज से उनका मुंडन संस्कार किया गया। हालांकि उनका एक ही लट (बाल) काटा गया था। उस वक्त उनके चचेरे भाई विधायक नीरज सिंह बबलू व एमएलसी भाभी नूतन सिंह पटना रेलवे स्टेशन से साथ लेकर पूर्णिया व खगड़िया ले गए थे। विदित हो कि इतने बड़े कलाकार होने के बावजूद वे ट्रेन से ही पटना आए थे। उस समय यह खबर भी अखबारों की सुर्खियों में रही थी। जबकि उनके लिए प्लेन का सफर कोई बड़ी बात नहीं थी। पटना से बाहर निकलने पर पूर्णिया से खगड़िया तक रास्ते में कई स्थानों पर सुशांत सिंह राजपूर का स्वागत फूल-माला से उनके प्रशंसकों ने किया था।
सुशांत के आत्महत्या मामले की पुलिस कर रही जांच
बताया जा रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत के नौकर ने पुलिस को फोन कर एक्टर के सुसाइड की जानकारी दी थी। मुंबई पुलिस सुशांत की खुदकुशी मामले में जांच पड़ताल कर रही है। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही सुशांत सिंह राजपूत की एक्स मैनेजर दिशा सालियान ने आत्महत्या की थी। सुशांत ने अपनी इंस्टा स्टोरी में दिशा को लेकर लिखा था, यह बहुत दुखद खबर है। दिशा के परिवार और दोस्तों को मेरी सांत्वना है। ईश्वर तुम्हारी आत्मा को शांति दे। हालांकि सोमवार को आई जांच रिपोर्ट में मुंबई पुलिस ने खुलासा कर दिया है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत आत्महत्या से ही हुई है। गले में फंदा डालने व दम घुटने से उनकी मौत की पुष्टि पुलिस ने कर दी है। लेकिन सवाल है कि शोहरत व पैसे की ऊंचाई पर पहुंचने के बावजूद कोई इस तरह अपनी जिंदगी से नाराज कैसे हो सकता है। सुशांत की मौत ने मुंबई-दिल्ली महानगरों में पांचसितारा जीवन जीने वालों की वास्तविक स्थिति एक बार फिर सामने ला दी है। जहां लोगों की चकाचौंध में फिल्मी सितारे आमलोगों से तो ऊपर दिखते हैं लेकिन हकीकत में उनके अंदर भी कई दर्द छिपे होते हैं। दोस्त, मित्र या हमसफर की कमी इसमें बड़ा कारण बनकर सामने आ रही है।