ग़ज़ल: कैसे कह दूं की हमें उनका इन्तिज़ार नहीं …

केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN   
“घर पर रहें – घर पर सुनें”
हर रोज़ नए गाने
ग़ज़ल –  कैसे कह दूं की हमें उनका इन्तिज़ार नहीं …
राग – किरवानी
गायिका – एला सेन (मुंबई)
वीडियो रेकार्डिंग – अर्पी महेश्वरी
संगीतकार – केवल कुमार
गीतकार – अशोक हमराही
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गायिका एला सेन मुंबई आकाशवाणी से जुडी हुई हैं. वह आकाशवाणी के लिए ग़ज़ल और भजन गाती हैं. दूरदर्शन के शाम –ए –ग़ज़ल कार्यक्रम में वह कई बार शिरकत कर चुकी हैं. श्री कुलदीप सिंह के संगीत निर्देशक में उन्हें दूरदर्शन के धारावाहिक ‘नुक्कड़’ में भी गाने का मौका मिला. वह श्री ब्रजनारायण के संस्थान ‘सुर सिंगार’ के शाम – ए –ग़ज़ल और आचार्य वृहस्पति भजन सम्मेलन में नियमित रूप से भाग लेती रही हैं. एला सेन ने कोलकाता से शास्त्रीय संगीत भारती डिप्लोमा हासिल किया है. उसके बाद उन्होंने सुप्रसिद्ध श्री सुखेंदु गोस्वामी से शास्त्रीय संगीत में तालीम ली. मुंबई आने के बाद एला सेन ने पंडित आसकरण शर्मा से शास्त्रीय गायन और उस्ताद फैय्याज़ अहमद ख़ान से ग़ज़ल गायन के गुर सीखे. एला सेन की गाई ये ग़ज़ल सुनिए… Like करिए .… Share करिए …..और अपने विचार भी अवश्य लिखिए।
विशेष : समय कभी नहीं रुकता है। जब कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु लॉकडाउन के दौरान सारा विश्व थमा हुआ सा प्रतीत हो रहा था, सृजन उस समय भी जारी था। जीवन हर चुनौती से बड़ा है और उसी लॉकडाउन काल में रचे व सृजित किये गये ये गीत हमारी हर संकट से जूझने व जीतने की संस्कृति के प्रतीक हैं।
                                                                                                        धन्यवाद 🙏
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