केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN
“घर पर रहें – घर पर सुनें”
हर रोज़ नए गाने
ग़ज़ल – हम तो महफूज़ अपने घर में हैं, फ़िक्र उनकी है जो सफ़र में हैं …
गायिका– मिथिलेश तिवारी (गोरखपुर)
म्यूज़िक अरेंजर – के के सिंह
संगीतकार – केवल कुमार
गीतकार – अशोक हमराही
गायिका मिथिलेश तिवारी आकाशवाणी व दूरदर्शन की अनुमोदित कलाकार हैं. उन्होंने दर्शनशास्त्र और संगीत गायन में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है। मिथिलेश तिवार भजन, गीत , ग़ज़ल, लोक गीत सभी कुछ गाती हैं। अनेक संगीत रूपकों में उन्होंने अपनी आवाज़ दी है। वह देश विदेश में अनेक मंचीय प्रस्तुतियां देती रही हैं। उन्हें U.K. हिंदी समिति (लंदन) द्वारा उन्हें “सुर सलिला” और “प्रिंसेस ऑफ इंडियन फोक म्यूज़िक ” का सम्मान प्राप्त है। इसके अतिरिक्त देश के कई सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों द्वारा भी सम्मानित होने का उन्हें गौरव प्राप्त है।मिथिलेश तिवारी ने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा श्री किशोरी शरण मिश्र और राम नारायण मणि त्रिपाठी से प्राप्त की है। इसके अलावा उस्ताद शुजात हुसैन, उस्ताद राहत अली, श्री प्रकाश शर्मा जी, श्री प्रेम शंकर, डॉ शरद मणि त्रिपाठी जैसे मूर्धन्य संगीतज्ञों के सानिध्य में संगीत की बारीकियां समझने का उन्हें अवसर मिलता रहा है। गायक-संगीतकार केवल कुमार से उन्हें सुगम संगीत में अनूठे प्रयोग और अनुशासित कार्य शैली की प्रेरणा निरंतर प्राप्त होती रही है। हाल ही में उन्हें संस्कृति मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा प्राप्त फेलोशिप (सुराजी/स्वराज्य लोकगीत) को संपादित करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने विश्वविद्यालय (दी.द.उ.गोरखपुर) में लगभग आठ वर्षों तक संगीत प्रवक्ता के रूप में अपनी सेवाएँ दी हैं। वर्तमान में ललित कलाओं को समर्पित राष्ट्रीय संगठन “संस्कार भारती” के गोरक्ष प्रांत के संगीत प्रमुख का उत्तरदायित्व निभा रही हैं। उनके गाए गीतों का एल्बम “अर्सा हो गया” भी रिलीज़ हो चुका है। उनकी गाई हुई ये ग़ज़ल सुनिए… Shareकरिए …..और अपने विचार भी अवश्य लिखिए।
विशेष : समय कभी नहीं रुकता है। जब कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु लॉकडाउन के दौरान सारा विश्व थमा हुआ सा प्रतीत हो रहा था, सृजन उस समय भी जारी था। जीवन हर चुनौती से बड़ा है और उसी लॉकडाउन काल में रचे व सृजित किये गये ये गीत हमारी हर संकट से जूझने व जीतने की संस्कृति के प्रतीक हैं।
धन्यवाद
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