सी. पी. सिंह, एडीटर-ICN ग्रुप
“चीन – द्वारा- लद्दाख – में – शहीद – मेरे – देश – के – बेटे “
ये – शहीद – हैं – मेरे – देश – के , इनको – पूजे – ये – मन |
अमर -हो – गए -सब -कुछ -दे -ये, गर्व – करें -जन – मन ||
यों – तो , बीस – घरों – के – थे – ये – चिराग ?
उन – घरों – में – हैं – इनके – ज्यों – बिविध – राग |
हर – हिन्दी – ह्रदय – में – हैं , इनके – लहू – के – दाग |
विचलित – गर्वित – सभी – मन | सभी , रिपु – दुश्मन – के – बन ||
मेरे – देश – के – हैं – ये , बीसों – ही – बच्चे |
सीमा – पे – लड़े – रिपु – से , ज्यों – शुभ – सच्चे |
ये – तो – चिर – अजेय , खा (रिपु) गे – कुटिल – गच्चे ?
खौलि -खून , उबलि -सभी -मन | तप -रहे -सभी -भारतीय -पन ||
मेरे – देश – का – हर – सैनिक – है – ही – अमोल |
हिन्द – के – सभी – मन – ज्यों – गए – इससे – डोल ?
इन – हत्याओं – का – क्या – लें (कैसे) रिपु – से – मोल ?
रोए -खून – से, हर -एक -मन | रोए -हिन्द -धरा – औ – गगन ||
एकल – सुत – निज – माँ – बाप – के – कोई |
निज – बहनों – का – एक – भाई – जो – होई |
ऐसे – देखि – माँ – औ – भू , क्या – क्या – दिए – खोई ?
दुःख – ग्रस्त – है – निज – कण – कण | भू – सरि – वातायन – घन ||
चले – गए – हैं – शहीद – होके – जो – ये – हीरे |
लग – गए – हैं – सभी – के – ह्रदयों – में – चीरे |
जैसे , मन – भावों – के – वस्त्रों – के (पे) छीरे ?
भू -जननि -खोए -ज्यों -कन्चन ? रो – दे – ये – गर्वित – मन्थन ||
मातृभूमि – के – हर – आँसू – को – है – गर्व |
माँ – ने – लुटा – दिया – है – जैसे – अपना – सर्व ?
ये – भी – दिन – होंगे – यहाँ – शुभ – अबसे – पर्व ?
रोए – गर्वित – हर – कृन्दन ? डग मग – हिय – साँस – चलन ||
ये – शहीद – हैं – मेरे – देश – के , इनको – पूजे – ये – मन |
अमर -हो – गए -सब -कुछ -दे -ये, गर्व – करें -जन – मन ||
********