केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN “घर पर रहें – घर पर सुनें” हर रोज़ नए गाने गीत – प्रेम है सागर प्रेम लहर है गायिका – रेनू पांडे संगीतकार – केवल कुमार गीतकार – अशोक हमराही म्युज़िक अरेंजर – अरुण शर्मा https://youtu.be/-Wt8xeYrUOc गायिका रेनू पान्डे विगत 30 वर्षों से आकाशवाणी लखनऊ की लोकसँगीत एवं सुगम सँगीत की कलाकार हैं। उन्होँने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा श्री कृष्ण कुमार कपूर जी से ली एवम् भातखण्डे सँगीत विद्यालय से निपुण किया है। लोकगीत एवं गज़ल गायकी की शिक्षा उन्होने यश भारती पुरस्कार प्राप्त श्री संगीतकार …
Read MoreDay: June 23, 2020
गीत: तुम बिन मोरे सांवरिया कैसे कटेगी रैन
केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN “घर पर रहें – घर पर सुनें” हर रोज़ नए गाने गीत – तुम बिन मोरे सांवरिया कैसे कटेगी रैन राग किरवानी : ताल कहरवा गायक- प्रो विद्याधर मिश्र संगीतकार – केवल कुमार गीतकार – अशोक हमराही https://youtu.be/gckjK726dTg सुप्रसिद्ध गायक प्रोफ़ेसर विद्याधर मिश्र ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संगीत में पीएचडी की है। प्रयाग संगीत समिति की संगीत प्रवीण परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर वह टॉपर और गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं। शास्त्रीय गायन के क्षेत्र में वह अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकार हैं।वह आकाशवाणी और दूरदर्शन के…
Read Moreप्रिय दादी !
आकृति विज्ञा ‘अर्पण’, असिस्टेंट ब्यूरो चीफ-ICN U.P. प्रिय दादी ! आपको पता है कि मैं अब लगभग रोज नहाती हूं, भले कोई मेरे पीछे साबुन और तौलिया लेकर न दौड़ता हो। कभी-कभी बिना खाये भी सो जाती हूं और बड़े आराम से झूठ बोल लेती हूं कि अभी तो तीन रोटियां खाई थी ! बहुत बार महसूस करती हूं कि वक्त भी कुछ बातों को अपनी पहलू में छुपाये रहा और नियति भी न चाहते हुए सहर्ष साथ दे रही थी। तब मन व्याकुल हो जाता था , जब से…
Read Moreमानसून के मौसम में रखें सेहत का ख्याल: जरूरी है सावधानी
डॉ अनुरूद्ध वर्मा, एडीटर-ICN गर्मी के मौसम के बाद मानसून की प्रतीक्षा रहती है, लगता है कि बरसात के मौसम की फुहारों से कुछ राहत मिलेगी परन्तु बरसात का सुहाना मौसम अपने साथ अनेक बीमारियां भी लाता है। मानसून की शुरुआत हो गई है और बरसात के इस मौसम में कालरा, पेचिस, दस्त, गैस्ट्रोइंट्राइटिस, फूड पाॅयजनिंग, बदहजमी के साथ मलेरिया, वायरल फीवर, डेंगू, चिकुनगुनिया, कन्जेक्टवाइटिस, पीलिया, टाइफाइड बुखार, जापानी इन्सेफेलाइटिस, फोड़े-फुंसी एवं अन्य अनेक रोगों के आक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। बरसात के इस मौसम में कुछ सावधानियाँ अपनाकर…
Read Moreबोधिसत्व बाबा साहेब ई-ज्ञान श्रृंखला: भारतीयता की समझ, नए भारत का निर्माण
गीत-गीता : 4
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप (श्रीमद्भागवत गीता का काव्यमय भावानुवाद) प्रथम अध्याय (अर्जुन विषाद योग) (छंद 22-28) अर्जुन : (श्लोक 28-46) हे महागिरिधर, शिथिल सब अंग मेरे हो रहे हैं। भार तृण पर्वत सरीखा व्यर्थ इनका ढो रहे हैं।। रोम हर रोमांच में है, सूखता है मुख निरंतर। तन निरंतर कांपता है, ज्यों हवा में वृक्ष थर-थर।।(22) अब संभलता ही नहीं है, हाथ में गाँडीव मेरे। जल रही है यूँ त्वचा, हो ज्यों सघन ज्वर गात घेरे।। मन भ्रमित सा हो रहा है, है ह्रदय,…
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