रूरल इंटरप्रिन्यूरशिप : आत्मनिर्भर भारत का रोडमैप

लखनऊ।  क्या मात्र तथ्यों व घटनाओं का संप्रेषण मात्र ही पत्रकारिता है या पत्रकारिता कहीं इससे आगे भी उपस्थित है। सत्यता यह है कि समय निरंतर बहता है और पत्रकारिता समय की इसी यात्रा को लिपिबद्ध करने का कार्य करता है। जब हम बीते हुये समय को लेखबद्ध करते हैं तो उसे ‘इतिहास’ कहते हैं और जब वर्तमान को लिखा जाता है तो उसे ‘पत्रकारिता’ कहते हैं। इतिहास लिखते समय हमारा ‘अनुभव’ हमारा मित्र होता है और पत्रकारिता करते समय हमारा ‘विवेक’। ‘इतिहास’ के लेखन में हमें अतीत में झांकना पड़ता है और निष्कर्ष निकालने होते हैं कि अमुक तथ्य अथवा घटना का क्या परिणाम निकला किंतु पत्रकारिता के समय हमें भविष्य की ओर देखना होता है कि अमुक तथ्य व अमुक घटना का क्या परिणाम हो सकता है। यही कारण है कि पत्रकारिता इतिहास लिखने से बड़ा और अधिक संवेदनशील कार्य है क्योंकि एक पत्रकार की असंतुलित पत्रकारिता भविष्य में बड़ी दुर्घटनाओं, क्षतियों एवं विडंबनाओं की ज़िम्मेदार हो सकती है जबकि‌ संतुलित एवं ज़िम्मेदार पत्रकारिता भविष्य में अद्भुत परिणाम दे सकती है।
आज के समय‌ में पत्रकारिता का उत्तरदायित्व और भी अधिक बढ़ गया है क्योंकि वर्तमान ‌के आंकड़ों पर भविष्य के रोडमैप का अनुमान जितना वर्तमान लिखने वाला लगा सकता है, उतना कोई और नहीं।
रोटी से साहित्य की गंध और साहित्य से रोटी की खुशबू, यही एक सुसंस्कृत, सुगठित व संतुलित समाज की पहली पहचान हेै। आई.सी.एन. मात्र एक वैचारिक क्रांति ही नहीं है बल्कि यह वह सामाजिक प्रयोगशाला है जहाँ सामाज के सर्वांगीण विकास के संदर्भ में अद्भुत परिणामों की अनंत संभावनाएं उपस्थित हैं। सकारात्मक व ज़िम्मेदार पत्रकारिता में वैश्विक स्तर पर अपने आप में एकमात्र अनूठी पहचान रखने वाली आई.सी.एन. यह भी मानती है कि अच्छे से अच्छा विचार भी मात्र शब्दों से रचा सम्मोहन मात्र है जब तक वह समाज के ज़मीनी स्तर पर प्रक्रियात्मक रूप से अपनी उपयोगिता को सिद्ध नहीं करता। और यही कारण है कि जब विकास की बात आती है, आई.सी.एन. की ठोस व स्पष्ट मान्यता है कि “देश का सर्वांगीण विकास केवल तभी संभव हेै जब देश का हर नागरिक जहाँ पर है, वहीं विकसित हो सके।” जब कभी इंटरप्रिन्यूरशिप की बात आती है, इसे अकथित व अलिखित रूप से नगरीय विकास के साथ जोड़ दिया जाता है किंतु ग्रामीण क्षेत्र इस उद्यमिता से वंचित रह जाता है।
कोरोना के वैश्विक संक्रमण काल में एकाएक ठहरे हुये विश्व में जीवन के लिये साँसें चुनौती बनी हुई थीं, भारतवर्ष के सामाजिक और आर्थिक धरातल पर खिंचाव से फटन की दरकनें स्पष्ट दिखाई पड़ीं और दो-तीन माह के समय ने हमें यह बता दिया कि वर्तमान में हमारी प्रास्थिति के देक्षांश और अक्षांश निकट भविष्य में हमें धुँयें की तरह वातावरण में अदृश्य कर देंगे। कृषि की अनदेखी और नगरों पर उनकी क्षमता से अधिक भार के दुष्परिणाम अभी देश ने ताजस-ताजा देखें हैं।
आई.सी.एन. के अनेक सर्वहितकारी मिशनों में से एक मिशन “रूरल इंटरप्रिन्यूरशिप” है जिसका अर्थ ग्रामीणों के सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक हितों के संवर्धन व संरक्षण की दृष्टि से उन्हें “गोद लेना” है तथा उन्हें सामूहिक रूप से जोड़ कर उन्हें  सामाजिक व आर्थिक रूप से स्वयं बेहतर जीवन स्तर प्राप्त करने योग्य बनाना है। आई.सी.एन. देश के इस संभावित भविष्य ‘आत्मनिर्भरता’ पर पहले से ही कार्यरत है और ‘मीडिया’ को विकास का ‘मीडियम’ स्वीकार करते हुये भारत के नवनिर्माण में अपनी भूमिका का चयन स्वयं ही कर चुका है। आई.सी.एन. के सीनियर एक्जीक्यूटिव एडीटर तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, एडीटर एन चीफ डा० शाह अयाज़ सिद्दिकी, सीनियर कंसल्टिंग एडीटर डॉ भोला नाथ मिश्रा, एक्जीक्यूटिव एडीटर ICN ग्रुप श्री मो० ज़ैद, एक्जीक्यूटिव एडिटर ICN , डॉ शाह नवाज़ सिद्दिक़ी, सीनियर एसोशियेट एडिटर हार्दिक मुरारका, एसोशियेट एडिटर राहिल अख़्तर, सीनियर एसोशियेट एडिटर डॉ वासु व डिप्टी ब्यूरो चीफ़ उत्तर प्रदेश श्री मो० तौसीफ़, मेराज खान ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ जनपद के मलिहाबाद, मॉल एवं काकोरी तहसील के अंतर्गत 11 ग्राम सभा के 55 ग्रामों का चयन कर उनका विकास में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करने की दृष्टि से महाबली इंटर कॉलेज हसनापुर में स्थानीय समाजसेवी व भूतपूर्व विधायक श्री इंदल कुमार रावत के सौजन्य से एक वेबिनार व वेबशाप का आयोजन किया जिसमें सीनियर एडिटर श्री तरुण प्रकाश श्रीवास्तव ने आई.सी.एन. के उद्देश्यों से प्रतिभागियों को परिचित कराया, सीनियर कंसल्टिंग एडिटर डॉ भोला नाथ मिश्रा जी ने कर्म की उपयोगिता व भारतीय वर्तमान के परिवेश में इसकी आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त किये, एडिटर इन चीफ़ डॉ शाह अयाज़ सिद्दिक़ी ने इस मिशन पर आई.सी.एन. की योजनाओं के विषय में बताया तथा आई.सी.एन. के विशेषज्ञ, सीनियर एसोशियेट एडिटर श्री हार्दिक मुरारका ने ग्रामीणों को संविदात्मक कृषि, कैशक्राप्स, मछलीपालन, वर्ष में अनेक फसल चक्रों व कृषि की आधुनिक तकनीकों से परिचित कराया। इस वेबशाप में ‘आन लाइन’ प्रणाली के माध्यम से मैसूर से चीफ एडवाइजर प्रो. के वी नागराज, शिमला से सीनियर एडवाज़र एवं सीनियर एडिटर श्री राकेश लोहुमी जी, विजय कुमार वर्मा ग्रुप एडिटर ,थाईलैंड से डॉ राम भुजेल, राजीव सक्सेना, एडिटर ICN इंटरनेशनल व वेरापन सूतिपथ, विक बेलानी,उक्रेन से उजेनी, जर्मनी से सिरुस, रशिया से लीडिया मयलकीना, धौलपुर, राजस्थान से लेफ्टिनेन्ट कर्नल श्री निलेश इंगले ,लखीमपुर कैम्पस चंद्रशेखर कृषि विश्वविद्यालय के डीन व एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर प्रोफेसर आर.के.यादव, डॉ. श्वेता व कोलकाता से श्रीमती बरनाली बोस, एडिटर ICN वर्ल्ड गुवाहाटी से ऍम एस मजुमदार, एडिटर ICN ग्रुप, सी पी सिंह, एडिटर ICN ग्रुप ने कार्यक्रम में भाग लिया तथा आई.सी.एन. की इस अद्भुत मिशन में अपनी प्रतिभागिता की। इस वेबिनार व वेबशाप में स्थानीय ग्रामीणों ने क्षेत्र के पूर्व विधायक व समाज सेवी इंदल कुमार रावत की अगुवाई में पूरे उत्साह के साथ भाग लिया और अपने क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिये आई.सी.एन. के विशेषज्ञों के मार्ग दर्शन में एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लिया।हरिशंकर यादव प्रधान, श्री चन्द्र पाल रावत मास्टर, हसना पुर के कार्यक्रम स्थल, जनाब नज्म मुस्तफा, श्री बलराम रावत जिला पंचायत सदस्य, श्री जितेन्द्र यादव गुड्डू प्रधान संघ अध्यक्ष, श्री  बुद्धा लाल पूर्व प्रधान श्री राम रावत मास्टर, श्री भगवत मौर्या, श्री संदीप यादव युवा नेता,आदि लगभग 11 ग्राम सभा के लोगों  ने भाग लिया ।

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