गीत-गीता : 6

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  (श्रीमद्भागवत गीता का काव्यमय भावानुवाद) द्वितीय अध्याय (सांख्य योग) (छंद 1-7)   संजय : (श्लोक -1)   शोकाकुल अर्जुन बैठे, व्याकुल आहत निष्क्रिय से। नयनों में नीर भरे हैं, चिंतित ‘होनी’ के भय से।।(1)   तूफानों में ज्यों नैया, पतवार रहित हो डोले। यह दशा देख अर्जुन की, मधुसूदन उनसे बोले।।(2)   श्रीकृष्ण : (श्लोक 2-3)   कौंतेय, उचित क्या अवसर, इस भाँति आचरण का है? जब प्रश्न युद्ध में केवल, विश्वास जागरण का है।।(3)   हे वीर सखा, यह क्रंदन, उस पर…

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राष्ट्र की कृषि क्षेत्र की चुनौतियाँ और उसका समाधान : ICN मीडिया हाउस का एक प्रयास

By: Dr. Bhola Nath Mishra, Head-EHS, Regional Convener-SJM (U.P. & U.K.) & Sr. Consulting Editor-ICN Group भारत गाँवों में बसता है और ग्रामीण अर्थ व्यवस्था का प्रमुख आधार कृषि है। ये भारत का सौभाग्य कहिये कि खेती योग्य  सर्वाधिक भूमि, अनुकूल  जलवायु,ऋतुयें, कृषि हेतु आवश्यक प्राकृतिक संसाधन,जैव वैविध्य एवं कार्य करने वाले युवा हाथ भी उसी के पास हैं परन्तु विडम्बना देखिये कि अधिकांश खाद्यान्नों जैसे दलहन, तिलहन आदि के लिये ये राष्ट्र परमुखापेक्षी अर्थात विदेशों पर अब भी निर्भर है ? जब एक विकाशशील राष्ट्र अपनी आय का बड़ा…

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