गीत-गीता : 3

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  (श्रीमद्भागवत गीता का काव्यमय भावानुवाद) (छंद 15-21) संजय : (श्लोक 12-27) फिर युधिष्ठिर ने बजाया शंख अपना अनंतविजयम। शंखध्वनि का नाद स्वर से हो रहा रण बीच संगम।। तब नकुल ने शंख अपना भी बजाया है गरज कर। और फिर सहदेव मणिपुष्पक बजाते हैं निरंतर।।(15)   श्रेष्ठ काशीराज, सात्यिक, द्रुपद, वीर विराट डोले। वीर अभिमन्यु, शिखंडी, धृष्टद्युम्न के शंख बोले।। द्रोपदी के पुत्र पाँचों, शंख के मु़ँह खोलते हैं। इस महास्वर से डरे, कुरु वक्ष सारे डोलते हैं।।(16)   पार्थ ने ले शस्त्र…

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जगमग बाग़ लगे

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप राजा के घर अग्निफूल के, जगमग बाग लगे । अब चाहे तो रोज़ प्रजा के, घर में आग लगे ।।        (1) निकले हैं फरमान, नए कानून बनाये जायेंगे । धान प्रजा के काट, अलख हर रोज़ जलाये जायेंगे।। जल सीमित है किन्तु, लहू हर देह कलश में काफी है, नित्य रुधिर से राजमहल के, शीश धुलाये जायेंगे।। राजा के घर रंगमहल में हर दिन फाग लगे। चाहे नित्य प्रजा के आँगन, काले काग लगे ।।        (2) हुई…

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ग़ज़ल

सुहैल काकोरवी, लिटरेरी एडिटर-ICN ग्रुप  देती है सबक़ हमको इस क़ौल की दानाई “लम्हों ने खता की थी सदियों ने सजा पाई “ It gives a lesson to us, the sagacity of the version That erred the moments and got punishment the centuries मजनूं ने मोहब्बत से की मेरी पज़ीराई देखा जो मुझे उसने होते हुए सहराई The love lunatic [Majnu] lovingly welcomed me As he saw me intending to seek dwelling in loneliness like him इंसां से मोहब्बत में हम फ़र्क़ नहीं करते हिन्दू हो मुसलमां हो वो सिख…

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उर्दू शायरी में ‘ताजमहल’

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  ताजमहल न केवल अपने आप में अनूठा है बल्कि सारी दुनिया को सदैव मोहब्बत का पैग़ाम देने वाला यह वह करश्मिाई शाहकार है जिसका आज तक कोई दूसरा विकल्प संभव ही नहीं हुआ।   ताजमहल अगर मोहब्बत की सबसे खूबसूरत निशानी है तो कुछ लोग इसे दौलत के बल पर एक अंहकारी द्वारा मोहब्बत करने वाले गरीब आशिकों के मुँह पर ज़ोरदार तमाचे की शक्ल में भी देखते हैं। कुछ लोग अगर दुनिया के सात अजूबों में शामिल इस बला की खूबसूरत इमारत…

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गीत: ये किसको था मालूम कभी अब ऐसे भी दिन आयेंगे, पर इतना हमको यकीन है वो दिन हम लौटा लायेंगे 

केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN  “घर पर रहें – घर पर सुनें” हर रोज़ नए गाने गीत – ये किसको था मालूम कभी अब ऐसे भी दिन आयेंगे, पर इतना हमको यकीन है वो दिन हम लौटा लायेंगे गायिका- पार्श्व गायिका उषा तिमोथी स्वर – अशोक हमराही संगीतकार – केवल कुमार गीतकार – अशोक हमराही म्यूज़िक अरेंजर – राहुल श्रीवास्तव https://youtu.be/Sff2pFA4aa8 वेटरन सिंगर उषा तिमोथी 1970 के दशक में उन्होंने मोहम्मद रफ़ी के साथ ज़्यादातर युगल गीत गाए।इसके अलावा मुकेश, शमशाद बेगम, सुमन कल्याणपुर, हेमलता, कृष्णा कल्ले आदि गायक कलाकारों के…

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कोरोना काल में सीमा पर असामायिक एवं दुर्भाग्यपूर्ण टकराव

प्रो. प्रदीप माथुर नई दिल्ली। विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या के 6 देशों में शामिल भारत, चीन और पाकिस्तान आज कोरोना वायरस की विभीषिका की रोकथाम और उस पर विजय पाने के एक ऐसे युद्ध में संलग्न है जैसे उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। एशिया के इन देशों में समस्त विश्व की लगभग आधी जनसंख्या रहती है। अंत कोरोना से इनका संघर्ष मानवता की रक्षा के लिए किया जाने वाला एक बड़ा संघर्ष है। कोरोना की विभीषिका ने समस्त विश्व की तरह ना सिर्फ हमारे इन तीन एशियाई देशों की…

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लद्दाख में शहीद हुए देश के रणबांकुरे बेटों के लिए श्रद्धांजलि गीत

सी. पी. सिंह, एडीटर-ICN ग्रुप “चीन – द्वारा- लद्दाख – में – शहीद – मेरे – देश – के – बेटे “ ये – शहीद – हैं – मेरे – देश – के , इनको – पूजे – ये – मन | अमर -हो – गए -सब -कुछ -दे -ये, गर्व – करें -जन – मन ||   यों – तो , बीस – घरों – के – थे – ये – चिराग ? उन – घरों – में – हैं – इनके – ज्यों – बिविध – राग |…

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यश चोपड़ा की एक फ़िल्म जिसकी कहानी अपने से आगे समय की थी

लम्हे यश चोपड़ा की रोमांटिक फिल्मों में सबसे मार्मिक फिल्मों में से एक थीं। हालांकि यह फिल्म सफल नही हो पाई थी लेकिन 1991 में आई फ़िल्म की चर्चा हमेशा होती हैं। हनी ईरानी द्वारा लिखी इस फ़िल्म की कहानी प्रेम के नए अध्याय को गढ़ती हैं। श्री देवी ,अनिल कपूर,अनुपम खेर और वहीदा रहमान जैसे दिग्गज कलाकार इस फ़िल्म में थे। इसकी कहानी में नायक जिसे चाहता है उसे नही पा पाता और उसकी मौत के बाद नायिका के बच्ची की जिम्मेदारी उस पर आ जाती हैं लेकिन वो…

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गीत: उड़ गई निंदिया हमार सखी री परदेसिया के मारे … 

केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN    “घर पर रहें – घर पर सुनें” हर रोज़ नए गाने गीत– उड़ गई निंदिया हमार सखी री परदेसिया के मारे … गायिका- तान्या भारद्वाज (बाराबंकी) म्यूज़िक अरेंजर और साउंड एडीटर – डी नाथ शर्मा संगीतकार – केवल कुमार गीतकार- अशोक हमराही https://youtu.be/63ZyngH9Gxg बचपन से ही प्रतिभाशाली तान्या भारद्वाज अपने जन्म स्थान गोरखपुर के भव्य दुर्गा पूजा से लेकर अन्य स्थानीय कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति देती रही हैं, तत्पश्चात बाराबंकी में देवा,महादेवा आदि मोहत्सवों में अपने  गायन व नृत्य (कथक) से उपस्थिति दर्ज़ कराती रही हैं…

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