एज़ाज़ क़मर, डिप्टी एडिटर-ICN (The Jewish Fairies of Bollywood : A Tribute) नई दिल्ली। पहली पत्नी सायरा से जन्मे पैगंबर इब्राहीम के मंझले पुत्र इसाक़ के बेटे याकूब (इज़रायल) के वंशजो को इज़रायली अर्थात यहूदी कहा जाता है,जब मनुष्य अनाज के एक-एक दाने के लिये संघर्ष करता था तब यहूदियो की जिंदगी मे रंग भरे होते थे,इसलिये “खुदा के चुने हुये लोग (मनुष्य)” होने के घमंड ने उन्हे मानव-जाति से अलग-थलग कर दिया।विरोधियो के निशाने पर आ जाने के बावजूद भी उनका आत्मविश्वास नही टूटा,बल्कि यहूदियो की अभिनव सोच और खोजी…
Read MoreMonth: July 2020
शब्द उमड़ रहे हैं, घुमड़ रहे हैं
अमिताभ दीक्षित, एडिटर-ICN U.P. शब्द उमड़ रहे हैं, घुमड़ रहे हैं मेरे और तुम्हारे भीतर वाक्य बनने को लालायित, आतुर ध्वनियों की सीमा नहीं चाहिए उन्हें भी आकार प्रखर बनने से पूर्व ज्वाला का एक आहार जीवन से प्रेरित आहट टूटी सी सहमी सहमी सन्देह करेगी सदियों पर अनचाहा गर्भस्थ शिशु जैसे अचानक चिहुँक उठेगा हौले से बोलेगा ‘ माँ ’ एकान्त में एक दिवस विश्व के कोलाहल से दूर अंचल के पास माँ उसे चुमकारे जैसे एक ही अतीत नहीं कई से इतिहास व्याकुल हैं शब्दों की उमड़न से घुमड़न से चेतनता अस्तित्व के…
Read Moreपाकिस्तान के सामने वैचारिक अस्तित्व का संकट
प्रो. प्रदीप कुमार माथुर नई दिल्ली। आज पाकिस्तान गंभीर संकट से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान चाहे कितनी भी बड़ी-बड़ी बातें करें और चाहे चीन से मिलकर भारत के विरुद्ध विश्व में अपना वर्चस्व दिखाने का दावा करें लेकिन वह मन ही मन समझते हैं कि वह उस जर्जर और कमजोर देश के नेता हैं जिसके अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लग रहा है। पाकिस्तान में आर्थिक और राजनीतिक संकट तो है ही पर यह वैचारिक संकट वर्ष 1970-71 के संकट से भी बड़ा है जब पाकिस्तान विभाजित हुआ और…
Read Moreगीत-गीता : 15
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप (श्रीमद्भागवत गीता का काव्यमय भावानुवाद) द्वितीय अध्याय (सांख्य योग) (छंद 64-70) श्रीकृष्ण : ( श्लोक 11-53) जो मात्र कर्म करते हैं, वे कर्म सहित फल खोते। कटते हैं बंधन सारे, वे मुक्त चक्र से होते।।(64) हर मोह स्वयं तज जाता, हो निर्विकार खोता है। परलोक, लोक के ऊपर, वैराग्य प्राप्त होता है।।(65) जब अटल, अचल स्थिर हो- विचलित मति, योग धरेगी। तब परम् आत्मा निसदिन, निश्छल संयोग करेगी।।(66) अर्जुन : (श्लोक 54) अर्जुन बोले, हे केशव,…
Read Moreउर्दू शायरी में ‘आँसू’ : 1
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप हर ‘आँसू’ यानी ‘अश्क’ की अपनी ही कहानी है। चाहे खुशी हो या ग़म, आँसू अपनी दोस्ती हमेशा ही शिद्दत से निभाते हैं। सत्यता यह है कि आँसू के खारे पानी में वह आग है जो दिल पर जमी बर्फ़ को गला देती है और उसके बाद आदमी अपने-आप को हमेशा ही हल्का और तरोताज़ा महसूस करता है। कभी-कभी तो आँसू भी घड़ियाली होते हैं जो दिल से नहीं, सिर्फ़ आँखों से बरसते हैं। आँसुओं की अपनी जु़बान है। ज़िंदगी के जितने फ़लसफ़े…
Read Moreहिंदी विश्वविद्यालय की बोधिसत्त्व बाबा साहेब ई-ज्ञान श्रृंखला में ‘आत्मनिर्भर भारत और हमारा दायित्व’ विषय पर व्याख्यान
डॉ. रिन्जु राय, एसोसिएट एडिटर-ICN स्वयं की चेतना को विकसित करने से आएगी आत्मनिर्भरता – राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ल वर्धा, 31 जुलाई 2020: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में बोधिसत्त्व बाबा साहेब ई-ज्ञान श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित व्याख्यान श्रृंखला में गुरुवार, 31 जुलाई को राज्यसभा सांसद श्रीयुत शिव प्रताप शुक्ल जी ने ‘आत्मनिर्भर भारत और हमारा दायित्व’ विषय पर दिए व्याख्यान में कहा है कि स्वयं की चेतना को विकसित करने से ही आत्मनिर्भरता आएगी। श्रीयुत शुक्ल जी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत योजना…
Read Moreकोरोना काल और रेडियो मयूर की टीम, दोस्त बनकर कर रहे हैं जागरूक !
छपरा : वैसे तो रेडियो मयूर की टीम ने सामुदायिक रेडियो के सही मायने हमेशा से प्रस्तुत किये हैं और अपने कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों अच्छी तरह से जागरूक करने का काम भी किया है , लेकिन इस कोरोना काल में कई विषम परिस्थितियों में भी रेडियो मयूर की टीम ने एक बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश की है . लॉक डाउन वन के समय से ही टीम काफी एक्टिव रही , रेडियो प्रसारण के साथ साथ सोशल मीडिया पर लाइव कार्यक्रम भी लगातार करते रहे रहे जिसमें हर…
Read Moreअमेरिका की जेलों में गुजारे 13 वर्षों ने मेरी ईमानदारी और सहनशक्ति का टेस्ट लिया: लाल भाटिया
सच्ची घटनाओं पर आधारित लेखक लाल भाटिया की किताब प्रकाशित सोचिए, अगर आपको किसी दूसरे देश में बिना किसी सपोर्ट सिस्टम के अपनी आजादी की लड़ाई लड़नी पड़े, अपने ही परिवार के सदस्यों से धोखा खाना पड़े और मुकदमे का सामना करना पड़े?तो यह कितना कठिन लगता है। खैर, यह लेखक लाल भाटिया की पुस्तक इंडिक्टिंग गोलियत ’की वन लाईनर है जो एक ऐसे व्यक्ति की वास्तविक जीवन की कहानी है जिसे अमेरिका में एक वकील के बिना न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ा था जब उसकी पूर्व पत्नी के…
Read Moreविवेकानंद द लीजेंड ऑफ इण्डिया।
मोहम्मद सलीम खान, एसोसिएट एडिटर-आईसीएन सहसवान/बदायूं। इस संसार में समय-समय पर अनेक महान आत्माओं ने जन्म लिया है जिन्होंने मानवता की सेवा की खातिर अपना संपूर्ण जीवन विश्व समुदाय की भलाई में न्योछावर कर दिया।इस संसार में यदि कोई सबसे उत्तम एवं उत्कृष्ट (The greatest and exquisite job) कार्य है तो वह कार्य समाज सेवा है भूखे को खाना खिलाना नंगे को कपड़ा पहनाना भटके को रास्ता दिखाना संसार के सबसे उत्कृष्ट कार्य हैं। ईश्वर ने समय-समय पर इस संसार में ऐसी महान आत्माओं को भेजा जिन्होंने संसार की मोह…
Read Moreउर्दू शायरी में ‘धूप’: 3
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप धूप रंगीन भी है, चमकदार भी, उजली भी और ज़िन्दगी की पर्याय भी है। वहीं यह वक़्त की सख़्ती, कड़ी मेहनत और मुसीबतों की लड़ी की भी मिसाल है। इसके बहुत से अर्थ हैं जो विभिन्न परिस्थितियों में बिल्कुल अलग-अलग चित्र बनाते हैं। जिसके जैसे अनुभव हैं, उसने धूप का वही रुख़ हमारे सामने अपने अशआरों के माध्यम से किया। धूप के बिना भी नहीं रहा जा सकता और मुसलसल धूप के साथ भी नहीं रहा जा सकता। सच कहा जाये तो हम…
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