ग़ज़ल: मेरे जुनूं मेरी वफ़ा में ये असर आये, कभी तो आसमां का चाँद मेरे घर आये    

केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN
“घर पर रहें – घर पर सुनें”
हर रोज़ नए गाने
ग़ज़ल –मेरे जुनूं मेरी वफ़ा में ये असर आये, कभी तो आसमां का चाँद मेरे घर आये
गायक – देबू सेठ
संगीतकार – केवल कुमार
गीतकार – अशोक हमराही
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गायक देबू सेठ, सुप्रसिद्ध गायिका श्रीमती उषा टंडन के पुत्र है। श्रीमती उषा टंडन संगीत जगत की जानी मानी गायिका रही हैं, उन्होंने आकाशवाणी और दूरदर्शन के माध्यम से  श्रोताओं को लगभग ४५ साल तक अपनें संगीत कौशल से मनमुग्ध किया है। श्रीमती उषा टंडन ने विख्यात उस्ताद मरहूम राहत अली खां साहब की शागिर्दी में, उनके साथ ग़ज़ल, गीत, भजन गायकी में अपनी छाप सुनहरे अक्षरों में दर्ज करी और देश विदेश में उन्हें पुरस्कृत किया गया। संगीत नाटक अकादमी ने उन्हें हाल ही में सुगम संगीत के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए सम्मान से अलंकृत किया। उनके पुत्र देबू सेठ को संगीत विरासत में प्राप्त हुआ। बचपन से ही देबू को संगीत के प्रति अत्यधिक प्रेम रहा, और घर के संगीतमय माहौल मे उनकी बाल्यकाल से ही परवरिश हुई। स्कूल स्तर से ही देबू ने गायन क्षेत्र की अनेक परियोगिताओं में पुरस्कार अर्जित किए। उस्ताद राहत अली खान साहेब द्वारा अपनी मां को दी हुई तालीम, बचपन से देबू के ज़हन पर उनके संगीत कौशल की अमिट छाप छोड़ चुकी है। आकाशवाणी  और दूरदर्शन गोरखपुर के माध्यम से देबू ने युवा वाणी कार्यक्रमों में अनेक प्रसारण दिए और अपने संगीत कौशल का परिचय श्रोताओं को दिया। उच्च शिक्षा प्राप्ति के उपरांत फाइनेंशियल सर्विसेज क्षेत्र में कॉरपोरेट जगत में 25 वर्षों तक विभिन्न कंपनियों में सेवा प्रदान की और एक पारंगत फाइनेंशियल प्रोफेशनल का खिताब अर्जित किया। तत्पश्चात अपनी कंपनी Adroidex Knowledge Solutions Pvt. Ltd, को नगमित करके, धर्मपत्नी श्रीमती मनाली सेठ के साथ मिलकर बतौर फाउंडर डायरेक्टर्स अग्रसर कर रहे हैं और ग़ाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश में निवास करते हैं। संगीत के प्रति देबू का लगाव आज अपने उरूज पर है, और वह अपने माता और पिता के आशीर्वाद और मरहूम उस्ताद राहत अली खान साहेब के द्वारा दिए हुए बचपन के सबक को याद कर संगीत साधना में समर्पित हैं और रियाज़ करते रहते हैं। देबू सेठ  ग़ज़ल, गीत, लोकसंगीत, बॉलीवुड गीत और शास्त्रीय, उपशास्त्रीय संगीत को गाना और सुनने पसंद करते हैं। देबू सेठ  ने इस ग़ज़ल को बड़ी ही ख़ूबसूरती से गाया है … सुनिये …. Like करिए …. Share करिए …और अपने विचार भी लिखिए।
धन्यवाद!
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