Day: July 17, 2020
गीत : ग़म की ये रात खुशियों की सुबह लाएगी …
केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN “घर पर रहें – घर पर सुनें” हर रोज़ नए गाने गीत– ग़म की ये रात खुशियों की सुबह लाएगी … गायिका–जैस्मीन मेहता (अहमदाबाद) संगीतकार -केवल कुमार गीतकार -अशोक हमराही https://youtu.be/K4NfW0hZHl8 सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका जैस्मीन मेहता ने भारत के लगभग सभी बड़े शहरों और दुनिया भर के कई देशों में अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किये हैं। उन्होंने कई हिंदी और हॉलीवुड फ़िल्मों के लिए पार्श्व गायन किया है। गुजराती लोकनृत्य (गरबा), बॉलीवुड रीमिक्स, ड्रामा, जिंगल्स, आदि में उनकी प्रतिभा सदैव सराहनीय रही है। जैस्मीन मेहता ने हाल…
Read Moreकौन जाने रचा किसने ये ऊहापोह का खेल
अमिताभ दीक्षित, एडिटर-ICN U.P. कौन जाने रचा किसने ये ऊहापोह का खेल किसने बिछायी मन की बिसात पर शतरंज की बाज़ी कौन लाया इकट्ठे करके ये पुतले किसको छला गया और किसने छला लीलाधारी छद्मवेशी शपथ और तमस पथ गामी वर्जनाओं को किसने रख दिया आमने-सामने सम्बन्धों के सन्दर्भों की गणित में किसने कितना जोड़ा किसे घटाया कितने गुणे कितने भाग जीवन ने किसको कितना अवसर दिया मौका दिया और कौन किसे चुनने के लिए बाध्य किया गया परिभाषाओं की सीमायें तोड़ कौन निकला रचना की तलाश में किसके हिस्से…
Read Moreराजस्थान : सचिन पायलट न घर के न घाट के।
प्रो. प्रदीप कुमार माथुर नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिलहाल अपनी कुर्सी बचाने में सफल हो गए हैं। इस तरह लगता है कि कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान के संघर्ष का पहला राउंड जीत लिया है। आगे आने वाले दिनों में क्या होगा इस समय कहना कठिन है। पर जिस तरह से सचिन पायलट को बैकफुट पर आना पड़ा और जिस तरह अपनी रणनीति में असफल होने के बाद बीजेपी के नेताओं को अपना मुंह छिपाना पड़ रहा है, उससे लगता है कि राजस्थान का राजनीतिक संकट फिलहाल टल गया…
Read Moreहिंदी विश्वविद्यालय की बोधिसत्त्व बाबा साहेब ई-ज्ञान श्रृंखला में आचार्य गिरीश चंद्र त्रिपाठी जी का उद्बोधन
डॉ. रिन्जु राय, एसोसिएट एडिटर-ICN डायस्पोरा ‘सतत विकास का भारतीय प्रारूप और स्वावलंबन की अवधारणा’ विषय पर दिया व्याख्यान @vcomgahv के माध्यम से फेसबुक लाइव स्ट्रीमिंग व यूट्यूब पर हुआ प्रसारण. विकास का प्रारूप प्रकृति के नियम के अनुरूप हों – आचार्य गिरीश चंद्र त्रिपाठी वर्धा, 17 जुलाई 2020: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में बोधिसत्त्व बाबा साहेब ई-ज्ञान श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित व्याख्यान श्रृंखला में गुरुवार, 16 जुलाई को उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष तथा काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भूतपूर्व कुलपति आचार्य गिरीश चंद्र त्रिपाठी…
Read Moreगीत-गीता : 11
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप (श्रीमद्भागवत गीता का काव्यमय भावानुवाद) द्वितीय अध्याय (सांख्य योग) (छंद 36-42) श्रीकृष्ण : ( श्लोक 11-53) तू जान गया जब इसको, क्या अर्थ शोक का है फिर। संवेगों को मत गति दे, कर पुन: बुद्धि को स्थिर।।(36) यदि फिर भी तू यह पाता, यह जन्म मृत्यु के अंदर। है जन्म सुनिश्चित इसका, मरता है यह कालांतर ।। (37) तो भी हे मित्र सुबाहु, जो जन्मा, वह मरता है। मरने वाला, हे अर्जुन, फिर देह नयी धरता है।।(38) इस…
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