डॉ. रिन्जु राय, एसोसिएट एडिटर-ICN
स्वयं की चेतना को विकसित करने से आएगी आत्मनिर्भरता – राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ल
वर्धा, 31 जुलाई 2020: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में बोधिसत्त्व बाबा साहेब ई-ज्ञान श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित व्याख्यान श्रृंखला में गुरुवार, 31 जुलाई को राज्यसभा सांसद श्रीयुत शिव प्रताप शुक्ल जी ने ‘आत्मनिर्भर भारत और हमारा दायित्व’ विषय पर दिए व्याख्यान में कहा है कि स्वयं की चेतना को विकसित करने से ही आत्मनिर्भरता आएगी। श्रीयुत शुक्ल जी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह स्वावलंबन की दिशा में उठाया गया बड़ा और महत्वाकांक्षी कदम है।बाबा साहेब ई-ज्ञान श्रृंखला के इस आठवें व्याख्यान कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने की ।सांसद शुक्ल ने कोविड-19 का संदर्भ लेते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में अन्य देशों के मुकाबले हमने इसका डटकर मुकाबला किया है। देश को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री जी ने बीस लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा कर आत्मनिर्भरता की ओर महत्वपूर्ण पहल की है। स्वदेश उत्पाद में आत्मनिर्भरता लाने हेतु देश के लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए बड़ी आर्थिक मदद इसके अंतर्गत की गयी है। ‘लोकल से वोकल’ नाम से परिचित योजना के माध्यम से हम अपने पैरों पर खड़ा होना चाहते हैं। उन्होंने आत्मनिर्भरता की दिशा में सरकार द्वारा जारी की गयी अनेक योजनाओं का जिक्र अपने व्याख्यान में किया। उन्होंने जनधन खाता खुलवाना, मनरेगा में श्रमिकों की मजदुरी बढ़ाना, श्रम को देश के बाहर जाने से रोकना, प्रवासी मजदुरों को सीधे मदद करना तथा एक साथ तीन महीने का राशन मुहैया कराना जैसे कदमों की सराहना की और कहा कि इससे आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होने में मदद मिल रही है। उन्होंने स्वयंसहायता समुहों का उल्लेख करते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता की दृष्टि से देश में मौजूद लगभग बीस लाख स्वयंसहायकता समूह देश के आर्थिक स्वावलंबन पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं। भारत की पहचान कृषि से होती है और ऐसे में खेती में विभिन्न प्रयोग कर बागवानी और फुलों की खेती जैसे प्रयोगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। आत्मनिर्भरता महसूस करने की बड़ी प्रेरणा आर्थिक सहायता से मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत योजना लोगों को लक्ष्य तक ले जाने में सहायक सिद्ध होगी। कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने अध्यक्षीय टिप्पणी करते हुए नयी शिक्षा नीति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत में भारत के लिए भारत की शिक्षा नीति केे तौर पर नयी शिक्षा नीति स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद का एक बड़ा संकल्प है। उन्होंने इसे युगांतकारी, क्रांतिकारी और आशावादी बताया। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति सांस्कृतिक परंपरा में भारतीय मन-मानस को सोद्देश्य शिक्षा देने का एक संकल्प भी है। प्रो. शुक्ल ने आत्मनिर्भरता की भारतीय पहल पर कहा कि आत्मनिर्भरता का प्रशन भारतीय दृष्टि से पूरी दुनिया में हल किये जाने की कोशिशें चल रही हैं और हमारी एक मान्य अर्थव्यवस्था दुनिया को नई किरण दिखा सकती है। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. अनिल कुमार राय ने आभार ज्ञापित किया।है। बोधिसत्व बाबासाहेब ई-ज्ञान श्रृंखला के अंतगर्त आयोजित इस व्याख्यान को विश्वविद्यालय के फेसबुक लाइव व यूट्यूब लाइव पर प्रसारित किया गया। अकादमिक ज्ञान तथा बहुआयामी संवाद-दर्शन की भावनाओं को विकसित करने के लिए यह ऑनलाइन श्रृंखला विश्वविद्यालय की एक अभिनव एवं महत्वाकांक्षी पहल है। जनसंचार विभाग के सहायक प्रोफेसर संदीप कुमार वर्मा इसके सह संयोजक है।