सुष्मान्जलि से बॉलीवुड ने दिया सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि

नेशन फर्स्ट कलेक्टिव , संस्कार भारती पूर्वोत्तर और संस्कृति गंगा न्यास  के संयुक्त तत्वाधान में  सुषमा स्वराज की पुण्यतिथि पर विशेष कार्यक्रम सुष्मांजलि का आयोजन किया गया  

फिल्म जगत हेतु उनके बिल पारित होने में श्रीमती सुषमा स्वराज की विशेष भूमिका रही: फिल्म जगत

नई दिल्ली, 6 अगस्त, 2020 : आज भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जी के निधन के एक साल पूरे हो जाने पर सुष्मांजलि नाम से एक वर्चुअल इवेंट रखा गया | इस कार्यक्रम का आयोजन संयुक्त रूप से नेशन फर्स्ट कलेक्टिव, संस्कार भारती पूर्वोत्तर एवँ संस्कृति गंगा न्यास ने किया | लेखक, प्रस्तुतकर्ता  श्री हरीश भिमानी  ने  इसका संचालन किया | इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पर्यावरण, सूचना एवं प्रसारण मंत्री भारत सरकार माननीय श्री प्रकाश जावड़ेकर ने की।  कार्यक्रम में  सुषमाजी की सुपुत्री  बांसुरी स्वराज की विशेष उपस्थिति थी | इसके अलावा, भारत के प्रमुख,लेखक,  कलाकार और फिल्म निर्माता ने भी शिरकत की   जिनमें से हैं अभिनेता मोहनलाल, प्रख्यात कवि  प्रसून जोशी, निर्माता निर्देशक सुभाष घई,  गायक अनूप जलोटा, निर्माता निर्देशक मधुर भंडारकर, गायक कविता कृष्णामूर्ति,  अभिनेत्री कंगना राणावत, के साथ, अमीषा पटेल, ईशा गुप्ता गीतकार समीर अनजान, लेखक कमलेश पांडे,   प्रियदर्शन, कुलदीप सिंह, शत्रुघन  सिन्हा, गजेन्द्र चौहान और मुकेश खन्ना सहित फिल्म इंडस्ट्री से अनेको गणमान्य  व्यक्तियों ने भाग लिया | जाने माने निर्देशक श्री प्रियदर्शन इस कार्यक्रम के आयोजन समिति के अध्यक्ष थे।  वर्चुअल इवेंट के जरिए सुषमा स्वराज के योगदान को  कई लोगों ने याद किया इस कार्यक्रम के उपलक्ष्य में श्री प्रसून जोशी जी के द्वारा श्री सुषमा स्वराज जी को सुनाई गयी आखिरी कविता ‘उखड़े उखड़े क्यों हो वृक्ष सुख जाओगे’ भी उन्होंने सुनाई|
पद्मश्री, भजन सम्राट श्री अनूप जलोटा जी ने कार्यक्रम की शुरुआत सुषमा जी के पसंदीदा गीत से की और कहा कि मेरी कई बार सुषमाजी से भेंट हुई और हर बार उनसे मिलकर मै प्रभावित होता था | वे एक बहुत ही स्पष्ट वक्ता थी  और हम कलाकारों के लिए भी उनके ह्रदय में विशेष स्थान था|
पद्मश्री, फिल्म निर्देशक, श्री मधुर भंडारकर  ने कहा मुझे श्री सुषमा स्वराज जी से कई बार मिलने और बात करने का मौका मिला वर्ष 2003 में मेरी फिल्म ‘आन: मेन एट वर्क’ के मुहूर्त पर वे ख़ास तौर पर दिल्ली से मुंबई आईं थी| सुषमा जब भी मिलती थी तो हमेशा मुझे मेरी फिल्मों के लिए प्रोत्साहित करती थी, मेरी फिल्म देखकर मुझे फ़ोन करके अपनी राय देती थी|
म्यूजिक डायरेक्टर श्री कुलदीप सिंह  ने 18 अप्रैल,2011 को श्री सुषमा स्वराज जी द्वारा उनको लिखा गया पत्र पढ़ कर सुनाया| उस पत्र में श्री सुषमा जी ने मुझे आश्वासन दिया था की ‘कॉपीराइट बेंच’ जब भी संसद में प्रस्तुत किया जाएगा उस समय हमारी पार्टी बिल को पूरा समर्थन देकर पारित करवाएगी और आप जैसे कलाकारों को न्याय दिलाने की कोशिश में अहम भूमिका निभाएगी|  सुषमा जी का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि बिल तो पारित हो गया परन्तु आज अगर वो हमारे बीच में होती तो हमारे ऊपर आज जो अन्याय हो रहे हैं उनकी स्थिति  और बेहतर होती|

पद्मश्री, गीत कार श्री प्रसून जोशी  जी ने कहा कि कॉपीराइट संशोधन बिल में सुषमाजी का बहुत बड़ा योगदान रहा है| श्री सुषमा स्वराज जी के मन में ‘जीवन के प्रति काव्य दृष्टि थी’,  वे कविताओं की बहुत बड़ी प्रशंसक थी और मेरी लिखी हुई कविताएं उन्हें काफी पसंद आती थी | उनकी सोच को हमेशा याद रखेंगे|
पद्मश्री, अभिनेत्री, सुश्री कंगना रणावत ने श्री सुषमा स्वराज जी को याद करते हुए कहा कि सुषमा ने अपने जीवन में कई बहादुरी भरे काम किये|  उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को अंडरवर्ल्ड  के हाथों से बचाया और और एक पहचान दी, वे मेरे लिए प्रेरणा स्वरुप हैं| उनकी पूरी ज़िन्दगी महिला शशक्तिकरण की मिसाल है जिसे हमारी आने वाली पीढ़ियां कभी भुला नहीं सकती|
माननीय मंत्री  श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा मुझे विश्वास नहीं होता की सुषमा जी अब हमारे बीच नहीं हैं| सुषमा जी हमारी 40 साल की सहयोगी थी, वे एक बहुत ही जिंदा दिल व्यक्ति थी| वे एक प्रखर वक्ता थी और उनका भाषण सुनने के लिए लोक सभा,राज्य सभा और पार्टी मीटिंग सब बहुत आतुर रहते थे| सबको प्यार बाटने वाली, सबसे प्यार से बात करने वाली और अपनी राय बेबाकी से बताने वाली थी हमारी छोटी| मेरे लिए वे आज भी एक मार्गदर्शक हैं और आगे भी रहेंगी|
सुषमा जी की सुपुत्री सुश्री बांसुरी स्वराज ने अपनी माँ कि पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए उनके बारे में  कई बातें बताई|  उन्होंने बताया कि माँ कृष्णा उपासक थी उनका मानना था की कृष्णा जी ने जो भी कार्य किये उसमे खुद को समर्पित कर दिया| सुषमा  जी  ने अपने जीवन में इसी उद्देश्य  का अनुसरण किया’| उन्होंने जो भी विभाग  संभाला उसमे जनकल्याण के लिए बड़े से बड़े फैसले लिए| इसके अलावा माँ को फिल्म देखना और गाने गाना बेहद पसंद था|
उत्कृष्ट गायिका कविता कृष्णामूर्ति ने सुषमाजी जी को “तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा” गीत समर्पित किया और कार्यक्रम का समापन किया|

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