ग़ज़ल

सुहैल काकोरवी, लिटरेरी एडिटर-ICN ग्रुप  वो मुझसे मुलाक़ात की तदबीर करे गा कुछ रंग यक़ीनन वो मेरे दिल में भरे गा The beloved will design for meeting some strategy Would fill my heart with some colors decidedly ये तये हुआ देखा जो उसे पहली नज़र ने वो ऐसा हसीं है कि जो मन मेरा हरे गा On first sight it was apparent certainty That she would capture my heart has such beauty मैं सोचता हूँ ग़ैर से उसकी हुई क़ुरबत दिन आ गए अब उसके वो बेमौत मरे गा I…

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कशमकश

सुरेश ठाकुर, कंसल्टिंग एडिटर-ICN कहानी मुझे अभी भी समझ नहीं आता कि शादाब के साथ अपने रिश्ते को क्या नाम दूँ ? दोस्ती या मोहब्बत ? जो भी कहूँ लेकिन क्या एक शादी शुदा औरत के लिए किसी ग़ैर मर्द के साथ इनमें से कोई भी रिश्ता मुनासिब है ? आज मेरे पास अल्लाह के फ़ज़्ल से सब कुछ है | बेशुमार दौलत, इज़्ज़त, शौहरत और बेपनाह मोहब्बत करने वाला शौहर | लेकिन फिर भी फिर भी दिल के किसी कोने में कोई ख़ालीपन तो ज़रूर था वरना शादाब मेरी…

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प्राचीन गुरु व शिष्य, बनाम आधुनिक अध्यापक व विद्यार्थी

मोहम्मद सलीम खान, एसोसिएट एडिटर-आईसीएन सहसवान/बदायूँ । ईश्वर ने इंसान को दुनिया में रहने के लिए इंसान के रिश्ते और उसके रिश्तेदार बनाए हैं। प्रकृति की सबसे अनमोल धरोहर माता-पिता बनाए भाई बहन अन्य  रिश्तो की सौगात हमारी झोली में डाली। किसी भी व्यक्ति की कामयाबी पर उसके माता-पिता भाई-बहन वह अन्य  सगे संबंधी बहुत ज्यादा प्रसन्न होते हैं मगर इन रिश्तों के बीच में एक ऐसा रिश्ता भी है जो रिश्ता खूनी  व कुदरती  तो नहीं मगर प्रेम स्नेह व वफा की कसौटी पर सदियों से खरा उतरता आ…

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अंतर्भावो की सुरबद्ध अभिव्यक्ति : संगीत

डॉ शिखा भदौरिया, असिस्टेंट एडिटर, ICN एंटरटेनमेंट    ” साहित्यसङ्गीतकलाविहीनः साक्षात्पशुः पुच्छविषाणहीनः ।     तृणं न खादन्नपि जीवमानस्तद्भागधेयं परमं पशूनाम् ॥ “   साहित्य, संगीत और कला से विहीन मनुष्य साक्षात पूँछ और सींघ रहित पशु के समान है। और ये पशुओं की खुद्किस्मती है की वो उनकी तरह घास नहीं खाता।    ” संगीत वह कला है जो मनुष्य को भौतिक एवं आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति कराती है। भारतीय परंपरा में संगीत का मूल आधार आध्यात्मिक है, यहाँ यह मनोरंजन का साधन मात्रा नहीं रहा है, बल्कि यह…

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उर्दू शायरी में ‘एकता’ : 3

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप हम सब हिंदुस्तानी हैं और हिंदुस्तान राम- कृष्ण का भी देश है और गॉड, वाहे गुरु और अल्लाह का भी। यह देश रघुपति सहाय ‘फ़िराक़ गोरखपुरी, कृष्ण बिहारी ‘नूर’ का है तो सुहैल काकोरवी, तश्ना आज़मी का भी और सरदार पंक्षी और चरण सिंह ‘बशर” का भी। टॉम आल्टर और मार्क ट्रुली तो इस देश की गंगा-जमुनी संस्कृति के ऐसे मुरीद हुये कि वे हिंदुस्तान के ही होकर रह गये।उर्दू शायरी में भी हमारी इस संस्कृति की विशेषता को तमाम शायरों ने अपने…

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