डॉ. नौशीन अली ब्यूरो चीफ आई.सी.एन. (म.प्र)
प्रोटीन शरीर के निर्माण में यह अपनी अहम भूमिका निभाता है व पाचक रसों (गेस्ट्रिक जूस ) का निर्माण करता है।
भोपाल।प्रोटीन की कमी से जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।सिनोविअल फ्लूइड प्रोटीन से बना होता है और यह जोड़ों में मौजूद होता है.जोड़ों को लचीला बनता है.साथ ही मांसपेशियों का पुनर्निर्माण करता है। प्रोटीन की कमी से फ्लूइड कम बनता है जिससे जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है.
प्रोटीन सिर्फ बॉडी बनाने की चाहत रखने वालों के लिए ही जरूरी नही होता, बल्कि यह खासोआम की जरूरत होता है।
प्रोटीन के बिना सम्पूर्ण स्वास्थ्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
प्रोटीन भोजन का अहम अंग है।
समुचित प्रोटीन के बिना किसी भी भोजन को सम्पूर्ण नहीं माना जा सकता।
प्रोटीन के बिना हम अपने रोजमर्रा के काम भी पूरे नहीं कर सकते।
बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर उम्र के लोगों के लिए बेहद जरूरी होता है प्रोटीन।
प्रोटीन की भूमिका शरीर की टूट–फूट की मरम्मत करना होता है।
यह शरीर में कोशिकाओं बनाने में मदद करता है साथ ही हससे टूटे हुए तन्तुओं का पुनर्निर्माण होता है।
शरीर के निर्माण में यह अपनी अहम भूमिका निभाता है व पाचक रसों (गेस्ट्रिक जूस ) का निर्माण करता है।
क्यों जरूरी है प्रोटीन
आप चाहे खूबसूरत दिखना चाहते हैं, बॉडी बनाना चाहते हैं या अपनी हाईट में ग्रोथ चाहते हैं हर चीज के लिए आपको प्रोटीन की जरूरत होती है।
1) प्रोटीन की मदद से ही हम अपने रोजमर्रा के कामों को अच्छी तरह कर सकते हैं
2) एक्सरसाइज के बाद प्रोटीन का सेवन करने से मांसपेशियों में अधिक मजबूती आती है
3) नाखून और बालों के बढ़ने का माध्यम सिर्फ प्रोटीन है
4) प्रोटीन के नियमित सेवन से ही हम एक स्वस्थ पाचन तंत्र पा सकते हैं
5) प्रोटीन में पर्याप्त मात्रा में मौजूद अमीनो एसिड्स मांसपेशियों को तंदरुस्त और मजबूत बनाते हैं।
6) अगर किसी का वजन 50 किलो है तो उसे रोजाना 50 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए
7) प्रोटीन को शरीर के लिए सबसे जरूरी माइक्रोन्युट्रिएंट्स में से एक कहा जाता है
8) प्रोटीन हमारी शारीरिक और मानसिक क्षमता को बढ़ाने मे मदद करता है
शरीर में प्रोटीन की कमी के लक्षण-
जोड़ों और मांसपेशियों का दर्द
प्रोटीन की कमी से जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।सिनोविअल फ्लूइड प्रोटीन से बना होता है और यह जोड़ों में मौजूद होता है जोड़ों लचीला बनता है साथ ही मांसपेशियों का पुनर्निर्माण करता है। प्रोटीन की कमी से फ्लूइड कम बनता है जिससे जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है
भूख लगना
जब हमारे शरीर में प्रोटीन की कमी होती है तो हम नॉन नूट्रिशनल और अन्हेल्थी खाने की तरफ भागते हैं इन खाद्य पदार्थों में शकर की मात्रा ज्यादा होती है, जिसे कैंडी, चॉकलेट, पास्ता, चिप्स, और कोल्ड ड्रिंक्स। अगर आपको इन सब खाद्य पदार्थों को खाने का मन हो रहा है तो आपके अंदर प्रोटीन की कमी है कम ऊर्जा और थकान प्रोटीन की कमी से ब्लड शुगर लेवल कम होता है जिससे मूड स्विंग्स की परेशानी होती है।हम जल्दी नाराज़ होने लगते हैं और मानसिक तनाव महसूस करते हैं। हमारा शरीर शारीरिक और मानसिक तनाव को झेल नहीं पता है जिसकी वजह से हमारी एकाग्रता में कमी आती है।
स्रोत:अंडे को प्रोटीन का सबसे अच्छा सोर्स माना जाता है। अक्सर यह माना जाता है कि वेजिटेरियन फूड में ज्यादा प्रोटीन नहीं होता। लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। एक अंडे में प्रोटीन की मात्रा करीब 6 ग्राम होती है। कई वेजिटेरियंस फूड में इससे भी ज्यादा प्रोटीन होता है हम यहां ऐसे ही 8 फूड्स के बारे में बता रहे हैं जो प्योर वेजिटेरियंस के लिए पूरी तरह परफेक्ट हैं। इन्हें खाकर वे अंडे जितना या उससे भी ज्यादा प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं।
एक दिन में हमें चाहिए इतना प्रोटीन
एक वयस्क पुरुष के लिए जरूरी प्रोटीन : 56 ग्राम प्रतिदिन
एक वयस्क महिला के लिए जरूरी प्रोटीन : 46 ग्राम प्रतिदिन
एक दिन में हमें चाहिए इतना प्रोटीन
प्रोटीन युक्त अनाज
विटामिन्स और प्रोटीन्स से भरपूर होता है। साबुत अनाज जैसे मटर, राजमा और साबुत मूंग अन्य दालों के मुकाबले काफी ज़्यादा मात्रा में प्रोटीन से युक्त होते हैं। रिफाइंड अन्य अनाज जो कि प्रोटीन से युक्त होते हैं वे हैं बिना पका हुआ वीट जर्म (wheat germ), पका हुआ दलिया, बिना पका हुआ राइस ब्रान (rice bran) तथा कच्चा दलिया।( प्रोटीन के स्रोत हैं दलिया (Oats)दलिया धरती के सबसे स्वास्थ्यकर अनाज में से एक होते हैं जिसमें कई प्रकार के पोषक तत्व भरे हुए होते हैं। ये फाइबर (fiber), मैंगनीज, मैग्नीशियम और विटामिन बी 1 (vitamin B1) से भरे हुए होते हैं। इन्हें आप प्रोटीन से युक्त नाश्ते के रूप में अपने खानपान में शामिल कर सकते हैं।), दही भी प्रोटीन का बहुत अच्छा स्त्रोत है
प्रोटीन युक्त सब्जियां
सब्जियां प्रोटीन का सबसे अच्छा स्त्रोत होती हैं। अंकुरित फलियाँ, मटर तथा डालें प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत होती हैं। अन्य फलियों में पकी हुई लिमा (lima) बीन्स, कॉर्न केल, ब्रोकली, mushroom (corn kale, broccoli, mushrooms) आदि मुख्य हैं।
प्रोटीन युक्त फल
फल भी प्रोटीन का स्त्रोत होते हैं पर ये सब्जियों, फलियों, दालों तथा अन्य उच्च मात्रा में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के मुकाबले कम प्रोटीन प्रदान करते हैं। कई सूखे फल जैसे किशमिश, अखरोट, काजू आदि प्रोटीन से भरपूर होते हैं। कुछ प्रसिद्ध फल जो प्रोटीन से भरपूर होते हैं वे हैं खुबानी, अमरुद, शहतूत, काले जामुन, अनार, अंगूर आदि
प्रोटीन युक्त नट्स
नट्स जैसे बादाम, पिस्ते, अखरोट, काजू और मूंगफली प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत होते हैं और सोडियम तथा पोटैशियम (sodium and potassium) से भरपूर होते हैं। यह धावकों को खाने को दिया जाता है जिससे कि उनके पसीने में निकल गए इलेक्ट्रोलाइट्स (electrolytes) की भरपाई हो सके। इनमें से ज़्यादातर विटामिन इ, मैंगनीज, मैग्नीशियम (vitamin E, manganese, magnesium) तथा अन्य ज़रूरी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
मासाहारी प्रोटीन स्त्रोत–चिकन ब्रैस्
यह एक काफी मशहूर खाद्य पदार्थ है जो प्रोटीन से भरपूर होता है। चिकन ब्रैस्ट की ज़्यादातर कैलोरी प्रोटीन से आती है।आप इसे पकाकर आसानी से एक स्वादिष्ट व्यंजन में बदल सकते हैं जिसमें प्रोटीन ज़्यादा और कैलोरी कम होती है।
कद्दू के बीज
आप सब्जियां बनाने में लौकी का प्रयोग करते ही होंगे। पर आप अवश्य ही इसके बीजों को फेंक देते होंगे। पर अब समय इसे जमा करने का है क्योंकि इससे काफी प्रोटीन मिलता है। जी हाँ, आश्चर्यजनक रूप से लौकी के बीजों में काफी मात्रा में प्रोटीन होता है। आप इससे काफी मात्रा में जिंक, आयरन और मैग्नीशियम (zinc, iron and magnesium) भी प्राप्त कर सकते है