तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप अगर ख़्वाब नहीं होते तो शायद हम इंसान भी नहीं होते। आदमी ख़्वाब देखता है लेकिन जानवर कभी ख़्वाब नहीं देखते। आदमी और जानवर के बीच सिर्फ़ ‘ख़्वाब’ ही मौजूद हैं। हर तरक्की के पीछे हमेशा किसी का कोई ख़्वाब ही पोशीदा है। धरती पर सृष्टि के जन्म लेने से आज तक के सफ़र में करोड़ों अरबों ख़्वाब हैं जो लोगों की आँखों के समंदर में किसी किश्ती कि तरह तैरे और जिसमें से कुछ को तो किनारा मिला और बाकी को…
Read MoreMonth: November 2020
आई सी एन : बुंदेलखंडी धरती पर हरित क्रांति के बीज
बांदा, 29.11.2020.इतिहास ने जिस बुंदेलखंड की धरती पर समय-समय पर आल्हा ऊदल व रानी लक्ष्मी बाई के रूप में शहीदों की फसल उगाई है, वह हरियाली के उस प्रजनन सुख का उस भाँति कभी भी अनुभव नहीं कर पाई जैसा सुख उसके पड़ोसी प्रांतों ने किया। चेहरे पर शत्रुओं को आतंकित कर देने वाले अतुलित तेज और विशाल भुजाओं में शत्रु दमन हेतु असीम बल समेटे बुंदेलखंड के भूख और अभाव से धँसे हुये पेट की ओर न कभी केंद्रीय सत्ता की दृष्टि गयी और न ही कभी प्रादेशिक सरकार…
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