बांदा, 29.11.2020.इतिहास ने जिस बुंदेलखंड की धरती पर समय-समय पर आल्हा ऊदल व रानी लक्ष्मी बाई के रूप में शहीदों की फसल उगाई है, वह हरियाली के उस प्रजनन सुख का उस भाँति कभी भी अनुभव नहीं कर पाई जैसा सुख उसके पड़ोसी प्रांतों ने किया। चेहरे पर शत्रुओं को आतंकित कर देने वाले अतुलित तेज और विशाल भुजाओं में शत्रु दमन हेतु असीम बल समेटे बुंदेलखंड के भूख और अभाव से धँसे हुये पेट की ओर न कभी केंद्रीय सत्ता की दृष्टि गयी और न ही कभी प्रादेशिक सरकार…
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