UNESCO , स्मार्ट संस्था , सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ साथ कई बड़े संस्थान मिलकर करते हैं आयोजन ।
देश भर से गिने चुने रेडियो संस्थान करते हैं शिरकत , सेलेब्रेट किया जाता है राष्ट्रीय स्तर पर ।
हर साल होती है एक खास थीम , इस बार की थीम है ‘New World, New Radio – Evolution, Innovation, Connection’.
छपरा : वर्ल्ड रेडियो डे पूरे विश्व में 13 फरवरी को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है । दुनिया भर के ऑडियो प्रेमी लोग इस दिन को एक उत्सव की तरह मनाते हैं , क्योंकि इसी दिन रेडियो का पहला प्रसारण हुआ था । 29 सितंबर 2011 को यह फैसला हुआ था कि दुनिया ‘वर्ल्ड रेडियो डे’ मनाएगी। जमाना भले ही स्मार्टफोन्स का हो लेकिन रेडियो के लिए लोगों की दीवानगी आज भी कम नहीं हुई है।
हर वर्ष वर्ल्ड रेडियो डे पर दिल्ली में ‘द रेडियो फेस्टविल’ सेलिब्रेट किया जाता है । यूनेस्को , स्मार्ट संस्था और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ साथ कुछ बड़े संस्थान मिलकर इसका आयोजन करते हैं । इस बार भी ये उत्सव मनाया जा रहा है । हर वर्ष रेडियो डे पर एक थीम रखी जाती है और इस बार की थीम है ‘New World, New Radio – Evolution, Innovation, Connection’.
छपरा भी रेडियो से अछूता नहीं है । वर्ष 2016 में छपरा का अपना कम्युनिटी रेडियो स्टेशन रेडियो मयूर 90.8 FM की शुरुआत हुई जो अपने शुरुआत से ही छपरा वासियों के दिल में बस गया । पिछले 4 वर्षों से रेडियो मयूर की टीम ने सामुदायिक विकास व मनोरंजन में एक अपनी अलग छाप छोड़ी है और कम्युनिटी रेडियो के उद्देश्य को भी पूरा करने की कोशिश की है । सारण की कुछ सबसे पुरानी सांस्कृतिक संस्थाओं में से एक मयूर कला केंद्र इसकी पैतृक संस्था है , जो कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में एक जाना पहचाना नाम है ।
इस बार वर्ल्ड रेडियो डे पर दिल्ली में आयोजित ‘द रेडियो फेस्टविल’ में बिहार की ओर से कम्युनिटी रेडियो को प्रस्तुत करेंगे , रेडियो मयूर के संचालक अभिषेक अरुण , जो कि फोरम ऑफ बिहार कम्युनिटी रेडियो के प्रवक्ता भी हैं । अभिषेक को इस महोत्सव में बतौर पैनलिस्ट आमंत्रित किया गया है और इस आयोजन में इनका एक डिस्कशन सेशन भी रखा गया है जिसमें इनका विषय है ‘Mainstremaing the Marginalized : The Covid 19 Story ‘
अभिषेक बताते हैं कि ,” ये हम सबके लिए खुशी की बात है कि बिहार में भी अब कम्युनिटी रेडियो को सभी एक स्थान दे रहे हैं , लोग हमें नोटिस कर रहे हैं । यह एक सशक्त माध्यम हैं अपने लोगों से जुड़े रहने का । covid 19 के वक़्त हमने बहुत से विषम परिस्थितियों को देखा लेकिन हम लगातार इसका प्रसारण करते रहे । जितना हो सका हमने लोगों को एंटरटेन किया और जागरूक रखा । बिहार के सभी कम्युनिटी रेडियो बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और आगे हम सबको एक जुट होकर बेहतर काम करते रहना है , मेरा सपना है कि सरकार का हर विभाग हमारे माध्यम से ग्राउंड लेवल पर आम जनता से सीधे जुड़ें क्योंकि हम अपने लोगों के बीच हैं , उनकी आवाज़ बनकर ” ।
डिजिटल दुनिया में भी रेडियो का अपना एक श्रोता वर्ग का होना अपने आप मे इसकी सफलता बयान कर देता है । कम्युनिटी रेडियो के रूप में रेडियो मयूर 90.8 FM ने अपनी ज़िम्मेदारी बखूबी निभाने की कोशिश की है और यही वजह है जो छपरा का नाम अब देश के बड़े आयोजनों में गर्व से लिया जा रहा है । अब ज़रूरत है कि कम्युनिटी रेडियो को भी बाकी के संचार माध्यमों के जैसा देखा जाए और इन्हें भी मेनस्ट्रीम में जोड़ कर इनका लाभ लिया जाए ।