योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। लेकिन चाहे जीसस, चाहे मोहम्मद, चाहे पतंजलि, चाहे बुद्ध, चाहे महावीर, कोई भी व्यक्ति जो सत्य को उपलब्ध हुआ है, बिना योग से गुजरे हुए उपलब्ध नहीं होता। योग के अतिरिक्त जीवन के परम सत्य तक पहुंचने का कोई उपाय नहीं है। जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह…
Read MoreDay: June 21, 2021
आर्यम इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन के तत्त्वावधान में खाद्यान्न युक्त राशन-किट का नि:शुल्क वितरण
चन्द्रकान्त पाराशर, एडिटर, ICN हिन्दी “सर्वजन -उत्थान बना जिनका दिव्य युग-धर्म “ मसूरी(देहरादून)/शिमला हिल्स : “जल,रे दीपक,जल तू ,जिनके आगे अंधियारा है,उनके आगे उजल तू ….”राष्ट्र्कवि मैथिलीशरण गुप्त की दीपदान कविता का यह अंश समाज-व्यवस्था के अंतिम छोर पर रहने वाले मानवजन की ओर इंगित करता प्रतीत होता है कि जीवन जीने के लिए उसे भी उतने ही प्रकाश की आवश्यकता होती है जितनी कि आम इंसान को । इसी भावना के अनुरूप सर्वजन-कल्याण व मानव -उत्थान को अपना ध्येय मानने वाले आर्यम इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन के तत्त्वावधान में ज़िला देहरादून…
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