तेरा जाना, दिल के अरमानों का लुट जाना…..

सुरेश ठाकुर, कंसल्टिंग एडिटर-ICN (सुर सरस्वती लता मंगेशकर – एक विनम्र श्रद्धांजलि) कुछ बिरले लोग ही कला को इस सीमा तक आत्मसात कर पाते हैं कि वे उस कला विशेष का पर्याय बन जाते हैं । लता जी उनमें से एक थीं । उनका सम्पूर्ण व्यक्तित्व संगीत की मिट्टी से गढ़ा हुआ था। संगीत तो वास्तव में उन्हें विरासत में मिला था। पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक नाटक अभिनेता के साथ साथ गायक भी थे । घर में कला और संगीत का वातावरण था। लता जी सहित भाई हृदयनाथ मंगेशकर,…

Read More