लखनऊ – भारतवर्ष जिस विकास को लक्ष्य कर रहा है, उसका मार्ग मात्र ग्रामीण उद्यमिता से ही निकलता है। हमारा देश न केवल विविध प्राकृतिक साधनों व संपत्तियों का ही देश है वरन् यहाँ मानव श्रम भी प्रचुर मात्रा में है। यदि इन दोनों का बुद्धिमानी व दूरदृष्टि से कृतसंकल्पित होकर सर्वश्रेष्ठ संयोजन किया जाये तो पुरातन काल का विश्वगुरु भारत एक बार फिर विश्व के सबसे ऊँचे पायदान पर स्थापित हो सकता है। यह संदेश है कर्नल नीलेश इंगले (सीनियर कंसल्टिंग एडीटर, आई सी एन) के ‘भारतवर्ष में ग्रामीण…
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