चन्द्रकान्त पाराशर , एडीटर-ICN हिंदी
शिमला: “आज दुनिया प्रौद्योगिकी से प्रेरित है और हमारे जीवन का हर पहलू प्रौद्योगिकी पर निर्भर है। विकसित देशों को भी हाल के दिनों में साइबर हमलों के कारण सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ा है। हमें ऐसे खतरों से सावधान रहना होगा और ऐसे हमलों के प्रभाव को कम करने में आईटी पेशेवरों की प्रमुख भूमिका रहेगी।”ये उदगार व्यक्त करते हुए नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने आज शिमला में पावर सीपीएसयू आईटी सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया। अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने आगे कहा कि सम्मेलन के दौरान साझा किया गया ज्ञान विद्युत क्षेत्र के सीपीएसयू को सर्वश्रेष्ठ साइबर सुरक्षा के खतरों को कम करने संबंधी उपायों को अपनाने और साइबर सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सहायता करेगा।
इस दो दिवसीय सम्मेलन में विद्युत मंत्रालय तथा ग्यारह सीपीएसयू यथा एनटीपीसी, एनएचपीसी, आरईसी, नीपको, पीएफसी, पावर ग्रिड, टीएचडीसी, पोसोको, बीबीएमबी, डीवीसी एवं एसजेवीएन भाग ले रहे हैं। उद्घाटन सत्र श्री ए. के. सिंह, निदेशक (वित्त) और श्री सुशील शर्मा, निदेशक (विद्युत) की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। समारोह में विद्युत मंत्रालय और विद्युत क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ आईटी अधिकारी भी उपस्थित रहे।
एम.ए.के.पी. सिंह, मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी, विद्युत मंत्रालय ने सम्मेलन के मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। संबंधित संगठनों द्वारा अपनाई जा रही आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर, ईआरपी और साइबर सुरक्षा में सर्वोत्तम प्रैक्टिसेस पर भाग लेने वाले सीपीएसयू प्रस्तुतीकरण देंगे और साइबर सुरक्षा और ईआरपी पर पैनल चर्चा की जाएगी।
एसजेवीएन के लिए साइबर सुरक्षा का बहुत महत्व है और साइबर खतरों की रोकथाम और प्रभाव को कम करने के लिए कई पहलें संगठनात्मक स्तर पर की गई हैं, जिसमें साइबर संकट प्रबंधन योजना का कार्यान्वयन, ईआरपी डाटा सेंटर और एनजेएचपीएस में आईएसएमएस 27001 का कार्यान्वयन, आवधिक अतिसंवेदनशीलता मूल्यांकन और परीक्षण, नाथपा झाकड़ी जलविद्युत परियोजना एवं रामपुर जलविद्युत परियोजना में, परिचालन प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी (ओटी एवं आईटी) प्रणालियों का हार्ड-आईसोलेशन, एसएपी ईआरपी का कार्यान्वयन और साइबर स्वच्छता केंद्रों पर ऑन-बोर्डिंग शामिल हैं।