6वें चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का समापन, देश-विदेश की कई फिल्मों को दिए गए अवार्ड

इटावा : दो दिवसीय के.आसिफ चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का रविवार को समापन हो गया। पंचायत राज राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय सभागार में हुए इस फिल्म फेस्टिवल में दो दिनों में देश-विदेश की तमाम फिल्मों को दिखाया गया। फिल्म निर्माण पर एक वर्कशॉप भी हुई और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।समापन के मौके पर के.आसिफ चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ज्यूरी ने यहां दिखाई फिल्मों में से चुनी गई फिल्मों को अवार्ड दिए।
फीचर फिल्म कैटेगरी में बेस्ट भारतीय फीचर फिल्म का अवार्ड नीलेश उपाध्याय की फिल्म बन्नी’ को मिला जबकि इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी में जर्मनी की फिल्म डाय वाहरे स्कॉन्हिट (Die Wahre..Schonheit) को मिला। बेस्ट निर्देशक का अवार्ड शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में मिशन पर्फॉर्मेंस के लिए जतिंदर साइराज को और बेस्ट एक्टर का अवार्ड इसी फिल्म के लिए कुमार शर्मा को दिया गया।
समापन समारोह के मुख्य अतिथियों में मॉडल और अभिनेत्री मान्या पाठक, फिल्म और टीवी सीरियल समीक्षक कौसर खान, प्रो.मोहन दास, प्रो.शाहअयाज सिद्दीकी,सिद्धार्थ अमर रस्तोगी, वरिष्ठ पत्रकार शंकर देव तिवारी शामिल रहे। अपने संबोधन में मॉडल मान्या पाठक ने कहा कि नए लोगों को फिल्म लाइन में आगे बढ़ने के लिए ‘सुनो सबकी, करो दिल की’ वाली भावना हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार शंकर देव तिवारी ने कहा कि चंबल क्षेत्र में एक से बढ़कर एक खूबसूरत लोकेशन हैं और यहां के लोगों में भी अपार संभावनाएं हैं। उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास होते रहना चाहिए।
चंबल फाउंडेशन के प्रमुख डॉ.शाह आलम राना की अगुवाई में हो रहे इस फिल्म फेस्टिवल में फिल्म मेकिंग वर्कशॉप भी हुई। फिल्म निर्माण और निर्देशन से जुड़े विशेषज्ञों ने वहां मौजूद छात्र-छात्राओं को सीमित संसाधनों के साथ फिल्म निर्माण की बारीकियां समझाईं। सिनेमेटोग्राफर शारिक हैदर नकवी ने कहा कि एक फिल्मकार कैमरे के जरिए वीडियो शूट करके अपनी बात कहता है। नए लोगों को सीमित संसाधनों का रोना रोने की बजाय किसी भी कहानी, घटना लोकेशन को गंभीरता के साथ ऑब्जर्व करने पर फोकस करना चाहिए। वह मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम से अपनी बात को करोडों लोगों तक पहुंचा सकते हैं।
वीडियो रिकॉर्डिंग की बारीकियों को बताते हुए उन्होंने कहा कि वीडियो रिकॉर्डिंग करते वक्त ध्यान रखा जाना चाहिए रोशनी हमेशा कैमरे के पीछे की तरफ से आनी चाहिए। कैमरे के सामने से रोशनी आएगी तो तस्वीर काली रिकॉर्ड होगी। मोबाइल फोन से रिकॉर्डिंग करते समय आगे बढ़कर और पीछे हटते हुए जूम इन या जूम आउट करें। हमेशा अलर्ट रहें क्योंकि कहानी आपको कहीं भी मिल सकती है, आपको उसे पहचानना है और उसे रिकॉर्ड कर लेना है। वीडियो या फिल्म में पूरी कहानी दिखाई जानी चाहिए ना कि एकतरफा या आधी-अधूरी।
फिल्म निर्देशक और ज्यूरी के सदस्य प्रो.मोहन दास ने कहा कि आप प्रोफेशन तभी बन पाएंगे जब काम को ईमानदारी और पूरे फोकस के साथ करना शुरु करेंगे। देश-विदेश का सिनेमा, शॉर्ट फिल्में देखें और उनसे सीखने की कोशिश करें। कैमरा एक्सपर्ट सुनील दत्ता ने कहा कि तकनीकि के विकास से आज वीडियो रिकॉर्डिंग सस्ती और आसान हो गई है लेकिन इससे प्रतियोगिता बढ़ भी गई है। ऐसे में अपने दिमाग का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करते हुए रचनात्मकता दिखाई होगी। पंजाब से आए निर्देशन जतिंदर साइराज ने कहा कि छोटी-छोटी फिल्में बनाने से शुरुआत करें क्योंकि इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता जाएगा और आप बेहतर कर पाएंगे।
इस दो दिवसीय फिल्म फेस्टिवल की थीम चंबल क्षेत्र में ‘सिनेमा और पर्यटन’ रखी गई थी। इस दो दिवसीय आयोजन में इसी थीम से जुड़े कई सांस्कृतिक कार्यक्रम, रंगोली और पेंटिंग प्रतियोगिता भी हुई। इसमें अर्चना मेमोरियल एंड जीएम इंटर कॉलेज, पानकुंवर इण्टर कॉलेज, सेवन हिल्स इंटर कॉलेज, सुदिति ग्लोबल एकैडमी, शिवाजी शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज,पंचायत राज स्नातकोत्तर महिला महा विद्यालय, सनातन धर्म इंटर कॉलेज, सनशाइन पब्लिक स्कूल, तिवारी प्रसाद आर्य कन्या इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। के.आसिफ चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की तरफ से इन छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।

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