तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप आखिर एक समाज में पत्रकारिता की क्या भूमिका होनी चाहिए? क्या मात्र तथ्य को तथ्य रूप में प्रस्तुत से और सत्य को सत्य कहने से पत्रकारिता की भूमिका का निर्वहन हो जाता है अथवा पत्रकारिता इससे भी आगे की चीज है? ‘समाज कैसे यात्रा करता है?’ प्रश्न रोचक था लेकिन अत्यंत गंभीर भी। जब यह प्रश्न मेरे सामने आया था तो कुछ देर तक तो मैं मात्र प्रश्न को समझने और उसकी तह में जाने की कोशिश करता रहा और कुछ पलों…
Read MoreDay: May 22, 2023
शेष विश्व के लिए अनदेखा अनजाना बेहतरीन पर्यटन-स्थल : कोस्टारीका
चन्द्रकान्त पाराशर , एडीटर-ICN हिंदी लिमोन/कोस्टा रीका(मध्य अमेरिका) : एक बहुत सुंदर और सुरक्षित देश है कोस्टा रीका, इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि यह पर्यटकों विशेषकर प्रकृतिप्रेमी व शान्त जीवन यापन करने वाले प्रवासियों की पसंद के रडार पर बना ही रहता है। वैसे भूगोल के हिसाब से उत्तरी अमरीका एवं दक्षिणी अमेरिका को जोड़ने वाले केंद्रीय स्थलजलडमरु मध्य (इस्थमस)पर कोस्टा रीका देश अवस्थित है,यह उत्तरी अमेरिका का हिस्सा है लेकिन लैटिन अमरीकन सांस्कृतिक विरासत को अपने में समेटे हुए प्रतीत होता है। सांस्कृतिक विरासत किसी…
Read Moreगुड पेरेंटिंग: आज और भविष्य की ज़रूरत
डॉ. प्रांजल अग्रवाल, डिप्टी एडिटर-ICN लखनऊ। भौतिकता के इस दौर में, मकान हो या मोटर कार, क्रेडिट कार्ड हो या विदेश यात्रा, सभी भौतिक वस्तुओं तक लगभग सभी की पहुँच होती जा रही है | देखा- देखी के इस दौर में, किसी ज़रूरतमंद की मदद करने से बेहतर, लोग शादी-पार्टी में अथवा गोल्ड लाउन्ज में सिनेमा देखने में अत्यधिक खर्च करना बेहतर समझते हैं | दिखावे का माहोल ऐसा बन पड़ा है की शहर में बड़े मकान से ले कर मोटर कार तक, या फिर मोबाइल फ़ोन से ले कर घड़ी/पर्स इत्यादि…
Read Moreधुएँ में स्वाहा होती जिंदगियां।
डॉ अनुरूद्ध वर्मा तम्बाकू एवँ धूम्रपान से होने वाली बीमारियों की गंभीरता का अनुमान विश्व स्वास्थ्य संगठन के इन आंकड़ों से लगाया जा सकता है कि दुनिया में प्रतिवर्ष लगभग 80 लाख लोग तम्बाकू जनित बीमारियों के कारण असमय मौत का शिकार हो जातें हैं तथा भारत मे यह आंकड़ा 10 लाख से ऊपर है। वर्तमान समय में तम्बाकू एवँ धूम्रपान की लत पूरे विश्व में जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या बनी हुई है और पूरा चिकित्सा जगत समस्या से चिंतित है कि किस प्रकार इससे मुक्ति पाया जाए।तम्बाकू के…
Read Moreउर्दू शायरी में ‘आसमान’ : 1
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप आखिर यह आसमान है क्या? सुनते हैं – दिन को नीला, रात को काला और कभी-कभी अपनी ही मनमर्ज़ी से रंग बदलने वाला यह आसमान सिर्फ़ एक फ़रेब भर है। विज्ञान कहता है कि आसमान, आकाश, नभ, गगन, अंबर, फ़लक, अर्श या आप उसे जो भी कहते हैं, शून्य मात्र है। शून्य अर्थात ज़ीरो अर्थात कुछ भी नहीं। शून्य का कहीं कोई अस्तित्व नहीं होता लेकिन हमें तो सर के ऊपर इतना बड़ा आसमान दिखाई देता है जिसका न कोई ओर है न कोई…
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