तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप आखिर एक समाज में पत्रकारिता की क्या भूमिका होनी चाहिए? क्या मात्र तथ्य को तथ्य रूप में प्रस्तुत से और सत्य को सत्य कहने से पत्रकारिता की भूमिका का निर्वहन हो जाता है अथवा पत्रकारिता इससे भी आगे की चीज है? ‘समाज कैसे यात्रा करता है?’ प्रश्न रोचक था लेकिन अत्यंत गंभीर भी। जब यह प्रश्न मेरे सामने आया था तो कुछ देर तक तो मैं मात्र प्रश्न को समझने और उसकी तह में जाने की कोशिश करता रहा और कुछ पलों…
Read MoreDay: August 25, 2024
गुड पेरेंटिंग: आज और भविष्य की ज़रूरत
डॉ. प्रांजल अग्रवाल, डिप्टी एडिटर-ICN लखनऊ। भौतिकता के इस दौर में, मकान हो या मोटर कार, क्रेडिट कार्ड हो या विदेश यात्रा, सभी भौतिक वस्तुओं तक लगभग सभी की पहुँच होती जा रही है | देखा- देखी के इस दौर में, किसी ज़रूरतमंद की मदद करने से बेहतर, लोग शादी-पार्टी में अथवा गोल्ड लाउन्ज में सिनेमा देखने में अत्यधिक खर्च करना बेहतर समझते हैं | दिखावे का माहोल ऐसा बन पड़ा है की शहर में बड़े मकान से ले कर मोटर कार तक, या फिर मोबाइल फ़ोन से ले कर घड़ी/पर्स इत्यादि…
Read Moreप्राचीन गुरु व शिष्य, बनाम आधुनिक अध्यापक व विद्यार्थी
मोहम्मद सलीम खान, एसोसिएट एडिटर-आईसीएन सहसवान/बदायूँ । ईश्वर ने इंसान को दुनिया में रहने के लिए इंसान के रिश्ते और उसके रिश्तेदार बनाए हैं। प्रकृति की सबसे अनमोल धरोहर माता-पिता बनाए भाई बहन अन्य रिश्तो की सौगात हमारी झोली में डाली। किसी भी व्यक्ति की कामयाबी पर उसके माता-पिता भाई-बहन वह अन्य सगे संबंधी बहुत ज्यादा प्रसन्न होते हैं मगर इन रिश्तों के बीच में एक ऐसा रिश्ता भी है जो रिश्ता खूनी व कुदरती तो नहीं मगर प्रेम स्नेह व वफा की कसौटी पर सदियों से खरा उतरता आ रहा…
Read Moreधुएँ में स्वाहा होती जिंदगियां।
डॉ अनुरूद्ध वर्मा तम्बाकू एवँ धूम्रपान से होने वाली बीमारियों की गंभीरता का अनुमान विश्व स्वास्थ्य संगठन के इन आंकड़ों से लगाया जा सकता है कि दुनिया में प्रतिवर्ष लगभग 80 लाख लोग तम्बाकू जनित बीमारियों के कारण असमय मौत का शिकार हो जातें हैं तथा भारत मे यह आंकड़ा 10 लाख से ऊपर है। वर्तमान समय में तम्बाकू एवँ धूम्रपान की लत पूरे विश्व में जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या बनी हुई है और पूरा चिकित्सा जगत समस्या से चिंतित है कि किस प्रकार इससे मुक्ति पाया जाए।तम्बाकू के…
Read More