चन्द्रकान्त पाराशर, एडीटर-ICN दिल्ली एनसीआर: अति आधुनिकता के इस मशीनी-युग में पारंपरिक संयुक्त परिवार की अवधारणा समाप्तप्रायः हो गई है , ऐसे में परिवार के बड़े-बुजुर्ग अकेलेपन व उससे उत्पन्न विभिन्न मानसिक, शारीरिक अस्वस्थता का ज़बरदस्तशिकार होते जा रहे हैं , कारण कई है -विशेषकर उनके बच्चे या तो विदेशों में है या व्यावसायिक कारणों से वहीं कहीं अलग रहते हैं ।जीवन के चौथे आश्रम की दहलीज़ पर पहुँचे सभी वरिष्ठ जन आवश्यक देखभाल की दरकार रखते है ।वरिष्ठ जनों की देखभाल तथा उत्थान को अपने दृष्टि-केंद्र में रख कर “आल…
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