काकोरी ट्रेन एक्शन के सौवें वर्ष पर दस्‍तावेजों की लगी प्रदर्शनी

क्रांति‍गाथा ———————— – काकोरी एक्शन और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के सही इतिहास और विरासत से कराया अवगत -क्रांतिवीर राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ और साथियों से संबधित दस्‍तावेजों ने इति‍हास के गुम पन्‍नों से मिलाया ———————— अंबाह, मुरैनाः चंबल संग्रहालय, पंचनद द्वारा ‘काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी वर्ष समारोह’ के दो दिवसीय आयोजन के आखिरी दिन नई पीढ़ी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज महान क्रांतिवीर राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ और साथियों से संबधित पत्रों, डायरी, टेलीग्राम, तस्वीरों और अन्‍य मुकदमें से जुड़ी दुर्लभ फाइलों, दस्तावेजों की अम्बाह पीजी कालेज सभागार में…

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कुरआन मजीद पर यह लिखकर अशफाक ने चूमा था फांसी का फंदा

डॉ. शाह आलम राना, एडीटर-ICN HINDI लखनऊ : अशफाक उल्ला खां एक ऐसे क्रांतिवीर जो वतन की आजादी के लिए महज सत्ताईस साल की उम्र में कुर्बान हो गए। उनकी रगों में बहता लहू का हर एक कतरा सिर्फ इस देश की आजादी के लिए ही था। वे देशभक्ति की ऐसी मिसाल हैं जिनका बस नाम ही काफी है। अशफाक के लिखे वे राज जो उनकी डायरी के पन्नों में दफ्न थे, उनकी तहें पहली बार खोली जा रही हैं। जून, 2011 गर्मियों की बात है। अशफाकके शाहजहांपुर स्थित पुश्तैनी…

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बलिदान दिवस पर सपा जिलाध्यक्ष तनवीर खां ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

शाहजहांपुर। बलिदान दिवस पर सपा जिला अध्यक्ष एवं पूर्व चेयरमैन तनवीर खान ने टाउन हॉल स्थित नगर निगम में शाहजहांपुर के क्रांतिकारी शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह, प्रेम कृष्ण खन्ना की प्रतिमा पर फूल माला पहनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।उसके बाद शहीद फाउंडेशन द्वारा महानगर शाहजहांपुर के मोहल्ला एमन ज़ई जलाल नगर में अमर शहीद अशफाक उल्ला खां की मजार शरीफ पर पहुंच कर उनकी मजार पर चादरपोशी व गुलपोशी कर खिराजे अकीकत पेश की।उसके बाद शहीद फाउंडेशन द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मुख्य अतिथि…

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बलिदान दिवस पर काकोरी के शहीदों को काव्यमय श्रद्धांजलि

शाहजहांपुर। शहीद फाउंडेशन के तत्वावधान में काकोरी के अमर शहीदों पं. राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां व ठा. रोशन सिंह को काव्यमय श्रद्धांजलि अर्पित की गई।बृहस्पतिवार को एमनजई जलालनगर स्थित शहीद अशफाक उल्ला खां स्मारक परिसर में आयोजित कवि सम्मेलन व मुशायरे में रचनाकारों ने देशप्रेम से ओत प्रोत कविताएं और गीत गजलें प्रस्तुत कर शहीदों को नमन किया। शायर असगर यासिर ने सुनाया – उनसे घबराना क्या, उनसे कतराना क्या। हादसों से मेरी जान पहचान है।। व्यंग्य कवि उमेश चंद्र सिंह ने राजनीति पर कुठाराघात करते हुए कहा…

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