बलिदान दिवस पर काकोरी के शहीदों को काव्यमय श्रद्धांजलि

शाहजहांपुर। शहीद फाउंडेशन के तत्वावधान में काकोरी के अमर शहीदों पं. राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां व ठा. रोशन सिंह को काव्यमय श्रद्धांजलि अर्पित की गई।बृहस्पतिवार को एमनजई जलालनगर स्थित शहीद अशफाक उल्ला खां स्मारक परिसर में आयोजित कवि सम्मेलन व मुशायरे में रचनाकारों ने देशप्रेम से ओत प्रोत कविताएं और गीत गजलें प्रस्तुत कर शहीदों को नमन किया।
शायर असगर यासिर ने सुनाया –
उनसे घबराना क्या, उनसे कतराना क्या।
हादसों से मेरी जान पहचान है।।
व्यंग्य कवि उमेश चंद्र सिंह ने राजनीति पर कुठाराघात करते हुए कहा –
बहुत दिन बाद ये ज़हमत उठाई जेबकतरों ने।
सुना है चौक में मीटिंग बुलाई जेबकतरों ने।।
कवि कुलदीप दीपक ने सुनाया –
रोशन, अशफ़ाक, भगत, बिस्मिल का करना कोटि कोटि वंदन।
फांसी पर चढ़ने वालों का सैकड़ों बार है अभिनंदन।।
शायर हमीद खिजर ने कहा –
नज़र आता नहीं जब भीड़ में कुछ।
जो बौने हैं उछल कर देखते हैं।।
कवि अजय अवस्थी ने कहा-
गली चलते बुजुर्गों से वो दिन भर बंदगी करना।
दुआ में उठते हाथों को चलो फिर ढूंढ लाते हैं।।
कवयित्री सरिता वाजपेई ने कहा-
लहू में शौर्य शोणित ज़िंदगी अभिमान करती है।
ये अशफ़ाक, रोशन, बिस्मिल की धरती है।।
राशिद हुसैन राही जुगनू ने सुनाया –
हिन्दुस्तान के हम हैं वासी, हिंद है हमको प्यारा।
आओ बंधु! मिलके लगाएं हम जय हिंद का नारा।।
शायरा गुलिस्तां खान ने कहा-
हवाएं दी थीं कभी तूने जिनको वो शोले।
घरों में आग लगाने का काम करने लगे।।
पीयूष शर्मा ने कहा –
रंग इसमें वफ़ा के भरेंगे सदा।
ध्यान अपनी धरा का धरेंगे सदा।।
इनके अलावा फ़िरासत उल्ला खां व बिस्मिल आफताब आलम ने भी काव्य पाठ किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व पालिकाध्यक्ष तनवीर खां, विशिष्ट अतिथि फ़िरासत उल्ला खां, अशफ़ाक उल्ला खां, सरदार शर्मा, मोहम्मद इरफान, आरिफ सिद्दीकी ने कवियों व शायरों को माल्यार्पण कर शाल ओढ़ाकर व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। संचालन डा. सुरेश मिश्रा ने किया। शहीद फाउंडेशन के अध्यक्ष आरिफ सिद्दीकी व संयोजक राशिद हुसैन राही ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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