मूले त्वस्य स्थितो ब्रह्मा मध्ये मातृगणाः समृताः
कुक्षौ तु सागराः सप्त सप्तद्वीपा च मेदिनी
ऋग्वेदोथ यजुर्वेदः सामवेदो ह्याथर्वणः
अड़्गैश्च सहिताः सर्वे कलशाम्बुं समाश्रिताः।।
अर्थात महाकुंभ में ब्रह्मा, विष्णु, महेश, देवियां, सातों द्वीप और सभी महासागर विद्यमान हैं। इसमें अथर्ववेद, ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद का ज्ञान समाहित है। जो कुछ भी इस जगत में है और जो कुछ जीवंत हैं, कुंभ उसका प्रतीक है। इसी कुंभ की प्राप्ति की कामना से समस्त श्रद्धालु कुंभ मेले में आते हैं। कुंभ मेला एक उत्सव है, कुंभ की महिमा का एक पर्व है।
एक ऐसा उत्सव जहां पग-पग पर सनातन की गूंज सुनाई देती है, जहां कण-कण में आध्यात्म और आस्था की छाया दिखाई देती है, जैसे ही हजारों-लाखों लोग संगम तट की ओर स्नान-ध्यान के लिए बढ़ते हैं, तो मानो कोई अदृश्य शक्ति उन्हें अपनी ओर खींच रही हो। सुबह की पहली किरणों के साथ गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र जल में डुबकी लगाते श्रद्धालु, आत्मा की पवित्रता को बखूबी महसूस करते हैं। महाकुम्भ केवल आस्था का नहीं, बल्कि मानवता और एकता का महायज्ञ है। 2025 में प्रयागराज में संगम तट पर होने वाले महाकुंभ की अद्भुत तैयारी चल रही है। जहां आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित पावन संगम आपके स्वागत के लिये तैयार है। 2019 में हुए कुंभ की अपेक्षा इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं की दोगुनी संख्या पहुंचने का अनुमान है। जिसे लेकर बुनियादी सुविधाओं के साथ स्वच्छता, सुरक्षा और शाही स्नान में अधिक से अधिक लोगों की उपस्थिति को लेकर सरकार हरसंभव व्यवस्था को अंजाम तक पहुंचाने में लगी हुई है। करोड़ों श्रद्धालुओं के साथ आप भी इस दिव्य एवं भव्य महाकुंभ में आइये, अद्वितीय आध्यात्मिक व आत्मिक अनुभव का आनंद लीजिये।
प्रयागराज में होता है महाकुंभ का खास आयोजन
महाकुम्भ का प्राचीन शास्त्रीय विवरण समुद्र मंथन की कथा से जुड़ा है, जब देवता और असुरों ने मिलकर अमृत प्राप्ति के लिए समुद्र मंथन किया था। मंथन के दौरान अमृत की बूंदें प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरी, जिसके कारण ये स्थल अमरत्व के प्रतीक माने गए। इनमें भी प्रयागराज में लगने वाले कुंभ का महत्व सबसे अधिक है। वहीं इस बार प्रयागराज में 12 वर्षों पर लगने वाला महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। प्रयागराज में अनेक पौराणिक मंदिर स्थित हैं, जिनमें से एक है नागवासुकि मंदिर। प्राचीन मान्याताओं के अनुसार यह वही स्थान है जहां समुद्र मंथन के बाद नागराज वासुकि ने विश्राम किया था। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन भी अवश्य करते हैं। यह महाकुंभ जो कि अपने आप में दिव्य है, और इस दिव्य महाकुंभ को भव्य बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार अपनी ओर से तैयारियों में कोई कमी नहीं रखना चाह रही है।
1. 13 जनवरी, पौष पूर्णिमा:-
प्रयागराज में दो माह तक लगने वाले महाकुंभ मेले की तैयारी जोरों पर है। मेले में आने वाले राष्ट्रीय और अंतर्रराष्ट्रीय श्रद्धालुओं और पर्यटकों को लुभाने का खाका भी अब जमीन पर उतरना शुरू हो गया है। ऐसे में देशी-विदेशी पर्यटकों का ठहरने, खाने-पीने और घूमने के लिए पर्यटन विभाग ने ढेरों इंतजाम किये हैं। इसी क्रम में मेला क्षेत्र के दो हजार घरों को होमस्टे में तब्दील किया गया है। समूचे मेला क्षेत्र में 2,000 लग्जरी टेंटों को स्थापित कर मेला क्षेत्र को टेंटसिटी के रूप में परिवर्तित कर एक अलग लुक दिया जा रहा है। 2019 के कुंभ के आयोजन में 5,721 स्वयंसेवी संस्थाओं ने भागीदारी की थी, इस बार लगभग 10,000 संस्थाएं इस आयोजन के लिए काम करेंगी। सरकार इस बार महाकुंभ में 2019 में आयोजित कुंभ से दोगुनी भीड़ होने की संभावना को लेकर व्यवस्था कर रही है। इसके लिए मेला क्षेत्र का दायरा बढ़ाया गया है। इसी तरह पार्किंग स्थलों को भी बढ़ाया गया है। इस बार के महाकुंभ को और अधिक भव्य एवं दिव्य बनाने के लिए 4,000 हेक्टेयर में मेला क्षेत्र को 30 सेक्टर्स में बांटकर बसाया जा रहा है। 12 किलोमीटर लंबाई में स्नान घाट, 1,800 हेक्टेयर में 120 पार्किंग स्थल की व्यवस्था, 450 किलोमीटर लोहे की चकई प्लेट वाली सड़कें, 30 पांटुन पुल, 67026 स्ट्रीट लाइट्स, 1,50,000 पब्लिक टॉयलेट्स और 2000 टेंटसिटी में 1.25 लाख पर्यटकों के रुकने की व्यवस्था की जा रही है। मेला क्षेत्र के परेड ग्राउंड, अरैल और झूंसी में टेंटसिटी बसाया जा रहा है। इन व्यवस्थाओं से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के रहने-सोने में सहूलियत होगी।
महाकुंभ 2025 के लिए कुंभ नगरी और गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम के घाटों पर कार्यों की गति अब अंतिम दौर में पहुंच गयी है। संगम की रेती पर महाकुंभ 2025 के लिए नया नगर बसाया जायेगा। इस बार महाकुंभ के लिए बसने वाले नगर का दायरा बढ़ा दिया गया है। 4,000 हेक्टेयर में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। वहीं पार्किंग के लिए अलग से 1800 हेक्टेयर में 120 पार्किंग स्थल चिह्नित की गयी है। आस्था की नगरी की बसावट का खाका तैयार कर अब इसे धरातल पर उतारने की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है। बढ़े हुए दायरा के साथ आस्था की इस नगरी का क्षेत्रफल और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दुनिया के कई देशों की आबादी और क्षेत्रफल से भी अधिक होगा। कई ऐसे देश हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल भी 4,000 हेक्टेयर से कम हैं। वहीं कई ऐसे देश हैं जिनकी आबादी 6 करोड़ से भी कम हैं, जबकि मौनी अमावस्या को ही महाकुंभ में सर्वाधिक 6 करोड़ से अधिक लोगों के संगम तट पर स्नान करने का अनुमान है। महाकुंभ में इस बार 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और देशी-विदेशी पर्यटकों के आने की संभावना है। महाकुंभ में 25 लाख के करीब कल्पवासी भी लगभग 45 दिनों तक संगम तट पर जप-तप, ध्यान-सत्संग और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करेंगे। इनके रहने के लिए टेंटसिटी के अलावा स्वयंसेवी संगठनों द्वारा भी अपने संसाधनों से टेंट लगाये जा रहे हैं।
प्रदेश सरकार प्रयागराज महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुविधाएं देने की तैयारी कर रही है। शहर के साथ ही कुंभ क्षेत्र में आगंतुकों के ठहरने के लिए टेंट सिटी बनायी जा रही है। इसके साथ ही पहली बार अत्याधुनिक स्लीपिंग पॉड्स की सुविधा देने की भी तैयारी है। पर्यटन विभाग ने इसके लिए रोडमैप तैयार कर लिया है। प्रयागराज रेलवे स्टेशन में स्लीपिंग पॉड्स की सुविधा पहले से ही है। अब कुंभ क्षेत्र में भी श्रद्धालु और पर्यटक विश्वस्तरीय सुविधाओं वाले स्लीपिंग पॉड्स का आनंद उठा सकेंगे। श्रद्धालुओं के लिए मेला क्षेत्र में तीन टेंटसिटी बनाई जा रही है। श्रद्धालुओं के लिए परेड ग्राउंड में परंपरागत टेंट सिटी बनायी जा रही है। अरैल और झूंसी क्षेत्र में भी पीपीपी मोड में लग्जरी सुविधाओं वाली दो टेंट सिटी बसाई जा रही है। अरैल में 2,000 टेंट की क्षमता वाले टेंटसिटी में अभी से बुकिंग फुल हो गई है। इसमें झूंसी में बन रही दूसरी टेंट सिटी में 400 स्लीपिंग पॉड्स बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। स्लीपिंग पॉड्स कैप्सूल के आकार में होंगे, जो आधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगें। श्रद्धालुओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पॉड तैयार किये जायेंगे। पॉड में आराम से सोने के साथ ही इसमें अपने आवश्यक कार्यों को भी पूरा करने की सुविधाएं होती हैं।
मेला क्षेत्र में इन स्थलों पर ठहर सकेंगे पर्यटक
पूरे मेला क्षेत्र में 2,000 लग्जरी टेंट हाउस
स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा टेंट 10,0000 टेंट
परेड क्षेत्र में 200 टेंट सिटी
अरैल क्षेत्र में 200 टेंट सिटी
झूंसी क्षेत्र में 200 टेंट सिटी
पूरे मेला क्षेत्र में 2,000 होमस्टे
मेला क्षेत्र में टेंट कॉलोनी 25
मेला क्षेत्र में रैन बसेरा 25
पावन संगम की नगरी प्रयागराज में गंगा-यमुना की रेती पर जप-तप और प्रवचन- यज्ञ के लिए कुंभनगरी बसाने की तैयारी भी पूरी हो चुकी है। महाकुंभ मेला के लिए इस बार का लेआउट बनकर तैयार हो गया है। कुल 25 सेक्टरों में मेला क्षेत्र बसाया जायेगा। पिछले कुंभ में 20 सेक्टर बने थे। सभी सेक्टर से संगम की ओर आवागमन के लिए 30 पांटुन पुल बनाये जायेंगे। लेआउट के मुताबिक सबसे ज्यादा 14 सेक्टर इस बार झूसी इलाके में होंगें। झूसी क्षेत्र में सेक्टर नंबर 10 से 22 तक होगा। वहीं सेक्टर 5 भी झूसी क्षेत्र में ही बसाया जायेगा। अरैल क्षेत्र में तीन सेक्टर 23, 24 और 25 बसाये जायेंगे। परेड क्षेत्र में सेक्टर 1 और 2 बसाया जा रहा है। सेक्टर 3 संगम क्षेत्र में बसाया जायेगा। सेक्टर 4 शास्त्री पुल के नीचे दारागंज में होगा। सेक्टर 6 नागवासुकि मंदिर के पास शहर की ओर बसेगा। नागवासुकि मंदिर के अप स्ट्रीट में शहर की ओर सेक्टर 7, 8 और सेक्टर 9 सलोरी के अप स्ट्रीम तक बसाया जायेगा। सभी सेक्टरों में सेक्टर मजिस्ट्रेट, प्रबंधक, सहायक प्रबंधकों की तैनाती की जा रही है। इन सभी सेक्टरों में सेक्टर कार्यालय बनाये जायेंगे। सेक्टरों को बसाने की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही महाकुंभ नगरी अस्थायी जनपद की घोषणा भी कर दी जायेगी।
प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक लगभग 45 दिनों तक महाकुंभ का आयोजन होगा। इस दौरान देश-दुनिया से तकरीबन 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के प्रयागराज में आने और संगम तट पर स्नान करने का अनुमान है। इतनी विशाल संख्या में आये लोगों की सुरक्षा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार सुरक्षा की तैयारियों में जुट गई है। दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महाकुंभ 2025 में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत जल, थल और नभ हर जगह सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जा रहे हैं। प्रदेश पुलिस और पीएससी के करीब 40,000 से अधिक जवान महाकुंभ में सुरक्षा के लिए तैनात रहेंगे। इसी क्रम में 220 हाईटेक डीप डाइवर समेत एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के सुरक्षाकर्मी 700 नावों पर सवार होकर 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहेंगे, जोकि स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करेंगे। सनातन धर्म के इस सबसे बड़े सामूहिक आयोजन महाकुंभ में योगी सरकार हर आपातकालीन स्थिति से निबटने की तैयारी कर रही है। सीएम के निर्देश पर देश-विदेश से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की पुख्ता सुरक्षा के लिए हर तरह के इंतजाम किये जा रहे हैं। इसे लेकर गोवा, कोलकाता और महाराष्ट्र समेत देश की चुनिंदा जल पुलिस के जवानों को प्रयागराज में तैनात किया जा रहा है। स्नान के दौरान कोई अनहोनी न हो, इसे लेकर पहली बार इतनी संख्या में हाईटेक डीप ड्राइवरों की ड्यूटी लगाई जा रही है, महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए किए गए प्रबंधों से श्रद्धालुओं को निर्बाध और सुरक्षित अनुभव होगा।
प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पूरे मेला क्षेत्र को अभेद्य किला के रूप में तैयार किया जा रहा है। महाकुंभ के सकुशल एवं सुरक्षित आयोजन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई से लेकर अन्य अत्याधुनिक संसाधनों की मदद से अभेद्य सुरक्षा घेरा तैयार किया जा रहा है। आतंकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए खुफिया इकाइंयों को अभी से ही सक्रिय कर दिया गया है। इस महाकुंभ में देश-विदेश के करीब 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने के संभावना है। प्रयागराज में संगम पर आयोजित हो रहे विश्व के सबसे बड़े धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में इस बार सात स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था होगा। इस सुरक्षा घेरा की व्यवस्था संभालने के लिए करीब 37 हजार पुलिसकर्मी मुस्तैद रहेंगे। मुख्यमंत्री सुरक्षा से लेकर अन्य प्रबंधों की निगरानी और समीक्षा स्वयं कर रहे हैं। महाकुंभ में सुरक्षा को लेकर कई नई व्यवस्था और तकनीक के प्रयोग किये जा रहे हैं। महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा में 37,611 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। इसमें मेला क्षेत्र में 22,953 पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी। इसके अलावा प्रयागराज कमिश्नरेट में 6,887 पुलिसकर्मी और जीआरपी में 7,771 पुलिसकर्मियों की तैनाती रहेगी। महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 1,378 महिला पुलिसकर्मी भी मुस्तैद रहेंगी। महाकुंभ में सुरक्षा के दृष्टिकोण से पूरे मेला क्षेत्र को इस बार 10 जोन और 25 सेक्टरों में बांटा जायेगा। इन सेक्टरों में 56 थाने और 155 पुलिस चौकियां स्थापित हुई हैं। सात स्तरीय सुरक्षा घेरे में पहले चक्र में मूल स्थल पर चेकिंग होगी। दूसरे चक्र में ट्रेन, बस और निजी वाहनों की चेकिंग होगी। तीसरे चक्र में प्रदेश की सीमाओं पर व्यापक चेकिंग होगी। चौथे चक्र में पुलिस जोन की सीमाओं और टोल प्लाजा पर, पांचवे चक्र में प्रयागराज कमिश्नरेट की सीमा पर, छइे चक्र में मेला क्षेत्र आउटर में और सातवें चक्र में इनर व आइसोलेशन कार्डन पर चेकिंग होगी।
महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर ‘तीसरी आंख’ से नजर रखी जायेगी। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस युक्त सीसीटीवी कैमरों और टेथर्ड ड्रोन के अलावा मोबाइल टावर्स पर हाई रिजॉल्यूशन वाले कैमरे इंस्टॉल किए जाएंगे। ये सभी कैमरे संगम तट, विभिन्न घाटों और मेला क्षेत्र के प्रमुख मार्गों पर होने वाले एक-एक गतिविधियों पर नजर रखेंगे। महाकुंभ के दौरान पुलिस 2700 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी करेगी। जिसमें 1,668 एआई युक्त कैमरे भी शामिल हैं। महाकुंभ में पहली बार चार टेथर्ड ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल होगा। ये कैमरे एक बड़े बैलून के साथ रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किये जाते हैं, जहां से यह पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख सकेंगे। इन कैमरों को 6-7 घंटों में एक बार चार्जिंग के लिए नीचे लाना जरूरी होता है। वहीं मोबाइल टावर्स पर हाई रिजॉल्यूशन वाले कैमरों को बार -बार उतारना नहीं पड़ेगा। यह पूरे मेला क्षेत्र पर निगरानी करने में सक्षम होंगे। इन कैमरों और ड्रोन को हाइटेक कंट्रोल रूम से सभी प्रमुख स्ािलों पर लगातार निगरानी रखी जायेगी।
प्रयागराज महाकुंभ आध्यात्मिकता के समागम के साथ ही स्वच्छता के नये मानक का प्लेटफॉर्म भी बनेगा। प्रदेश सरकार ने ‘स्वच्छता’ के आग्रह को जिस तरह महाभियान में तब्दील कर प्रदेश में स्वच्छता की अलख जगाई, उसी तरह प्रयागराज महाकुंभ को स्वच्छता की मिसाल के रूप में पेश करने की तैयारी है। यहां से दुनिया को स्वच्छता एकता और आध्यात्म का संदेश दिया जायेगा। प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने आये करोड़ों श्रद्धालुओं को स्वच्छ परिवेश प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार हरसंभव बंदोबस्त कर रही है। संगम पर पहुंचने वाली पानी की स्वच्छता व निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए ऊपर की धाराओं में किसी तरह के औद्योगिक उत्प्रवाह और सीवेज को न मिलने देने के लिए नये सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स बनाये गये हैं। महाकुंभ एरिया को पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त रखने की मुहिम चलायी जा रही है। महाकुंभ में करीब 40 करोड़ लोगों के पहुंचने की संभवना है, जहां लोगों को खाने-पीने के लिए 60 करोड़ पत्तल -दोना एवं कुल्हड़ की व्यवस्था की जा रही है। संगम की रेती पर बसने वाले तंबुओं की नगरी को प्लास्टिक मुक्त रखने हेतु पत्तल-दोना, कुल्हड़, जूट बैग, कपड़े के थैलों के लिए प्रदेश के 28 जिलों के साथ ही बिहार, झारखंड, ओडिसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश एवं उत्तराखंड की स्वयंसेवी संस्थाओं की महिलाओं को जिम्मेदारी दी गई है। मेला क्षेत्र में सॉलिड वेस्ट के निस्तारण के लिए प्रत्येक डस्टबिन पर एक-एक स्वच्छताग्रही को टैग करके उस स्वच्छताग्रही को कूड़ा गाड़ी से टैग किया जायेगा, ताकि डस्टबिन में ओवरफ्लो ना हो।
प्रयागराज में 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी 2024 तक चलने वाले महाकुंभ में देश -दुनिया की प्रमुख विभूतियां भी दर्शन-पूजन एवं स्नान-ध्यान के लिए यहां आयेंगी। महाकुंभ मेले के आयोजन को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार की तैयारियां तेजी से पूर्णता की ओर बढ़ रही है। इसमें स्वच्छता को लेकर बनायी गई विशेष कार्य योजना भी शामिल हैं। पूरा मेला क्षेत्र में खुले में शौचमुक्त और कूड़ों-कचरों के प्रबंधन की तैयारी की गयी है। तीर्थयात्रियों के लिए 1,50,000 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। लक्जरी टेंटों में टॉयलेट अटैच रहेगा। नमामि गंगे योजना के तहत लग रहे ये शौचालय सेप्टिक टेंक युक्त होंगे। मेले में विभिन्न प्रकार के शौचालयों में एफआरपी शौचालय, टिन शौचालय, स्टील शौचालय, कनात शौचालय और फाइबर शौचालयों की स्थापना की जा रही है। कूड़े-कचरों के लिए करीब 1 लाख डस्टबीन पूरे मेला क्षेत्र में विभिन्न स्थलों पर लगाये जायेंगे। गंदगी नहीं फैलाने और स्वच्छता को अपनाने और प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल नहीं करने को लेकर पूरे मेला क्षेत्र और प्रयागराज शहर में सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिंग लगवाने के साथ ही साइनबोर्ड और पॉकेट बुकलेट, पोस्टर और अन्य पत्रक वितरित किये जायेंगे। 25 सेक्टरों में बंटे मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में सफाईकर्मियों के आवास की व्यवस्था है। कूड़ों के निस्तारण में सफाईकर्मियों को कूड़ा गाड़ी से टैग करके डस्टबीन साफ कराने की व्यवस्था की गई है।
jप्रयागराज स्वच्छ महाकुंभ की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। स्वच्छता और स्थिरता पर ध्यान देने के साथ, इस महाकुंभ के हर पहलू को एक सहज और पवित्र अनुभव प्रदान करने के रूप में डिज़ाइन किया गया है। बेहतर स्वच्छता प्रणालियों के साथ, महाकुंभ का पर्यावरण सभी भक्तों के लिए एक स्वागत योग्य माहौल सुनिश्चित करेगा। प्रयागराज महाकुंभ आध्यात्मिकता और पर्यावरणीय सद्भाव दोनों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। महाकुंभ के स्वच्छ और सुंदर बनाने के मुख्यमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं। प्रशासन का प्रयास है कि मेला क्षेत्र में किसी भी तरह के प्लास्टिक का उपयोग नहीं हो सके। इसके रिप्लेसमेंट विकल्प के रूप में आमलोगों और महाकुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को प्लास्टिक की बजाय विभिन्न प्रकार के जूट और कपड़ों के बैग या थैलों का ही उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित और जागरूक भी किया जा रहा है।
1. नागरिक पुलिस :- 18,479
2. होमगार्ड जवान :- 13,965
3. यातायात पुलिस :- 1,405
3. महिला पुलिस :- 1,378
5. सशस्त्र पुलिस :- 1,158
6. एलआईयू :- 510
7. जल पुलिस :- 340
8. परिवहन शाखा :- 230
9. घुड़सवार पुलिस:- 146
1. 40 करोड़ लोगों के प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचने का अनुमान है। 2019 के कुंभ में 24.39 करोड़ लोग पहुंचे थे।
2. महाकुंभ में पहुंचने वाले लोगों की संख्या विश्व के कई देशों की कुल आबादी से भी अधिक है।
3. भारतीय रेलवे महाकुंभ मेला के दौरान देश के अलग-अलग राज्यों से करीब 992 महाकुंभ स्पेशल ट्रेनें चलायेगा।
4. इन महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों की 1,984 बोगियों पर डुबकी लगाते नागा साधुओं की तस्वीरें रहेंगी।
5. महाकुंभ मेला एरिया का क्षेत्रफल 3,200 से बढ़ाकर 4,000 हेक्टेयर किया गया है, जो कि कई देशों के क्षेत्रफल से भी ज्यादा है।
6. पार्किंग के लिए अलग से 1800 हेक्टेयर में 120 पार्किंग जोन बनाए गए हैं
7. महाकुंभ मेला एरिया में इस बार सेक्टर 20 से बढ़ाकर 25 किया गया है
8. संगम तट पर 2019 के कुंभ में चार करोड़ लोगों के स्नान की व्यवस्था थी, इस बार छह करोड़ से अधिक लोगों के स्नान की व्यवस्था की गयी है।
9. 2019 में 10 लाख कल्पवासियों के रहने की व्यवस्था थी, इस बार 25 लाख से भी ज्यादा कल्पवासियों के रहने की व्यवस्था की गयी है।
10. 2019 में 5,719 स्वयंसेवी संस्थाएं कुंभ में शामिल हुई थी, इस बार यह संख्या 10,000 पार करने की संभावना है।