कोलकाता। शांतिनिकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने असुविधा के लिए छात्रों से क्षमा मांगी। बांग्ला भाषा में अपने संबोधन की शुरुआत करने के बाद उन्होंने कहा कि मैं चांसलर होने के नाते यहां हुई असुविधाओं के लिए क्षमा मांगता हूं। पीएम ने कहा कि जब वह आ रहे थे तो रास्ते में कुछ बच्चे इशारों में कह रहे थे कि यहां पीने का पानी भी नहीं है। मैं आप सबसे इसके लिए क्षमा मांगता हूं।पीएम ने आगे कहा कि ‘मैं यहां एक अतिथि नहीं बल्कि चांसलर के तौर पर आया हूं। हमारे यहां कहा गया है कि आचार्य के पास जाए बगैर विद्या नहीं मिलती। यह मेरा सौभाग्य है कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि पर इतने आचार्यों के बीच मुझे समय गुजारने का मौका मिला है।’ उन्होंने कहा कि मैं जब अभी कार से उतरकर मंच की तरफ आ रहा था तो सोच रहा था कि कभी इस भूमि के कण कण पर गुरुदेव के कदम पड़े होंगे। कभी यहां उन्होंने महात्मा गांधी से चर्चा की होगी।शांति निकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पीएम के साथ बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीन भी पहुंचीं। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल और झारखंड के दौरे पर हैं।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा था कि वह शनिवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात करेंगी, लेकिन तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे के मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि तीस्ता नदी पर चर्चा के लिए इस कार्यक्रम के दौरान कोई जगह नहीं है।
Related posts
-
काकोरी ट्रेन एक्शन के सौवें वर्ष पर दस्तावेजों की लगी प्रदर्शनी
क्रांतिगाथा ———————— – काकोरी एक्शन और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के सही इतिहास और विरासत से कराया... -
कुरआन मजीद पर यह लिखकर अशफाक ने चूमा था फांसी का फंदा
डॉ. शाह आलम राना, एडीटर-ICN HINDI लखनऊ : अशफाक उल्ला खां एक ऐसे क्रांतिवीर जो वतन... -
बलिदान दिवस पर सपा जिलाध्यक्ष तनवीर खां ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
शाहजहांपुर। बलिदान दिवस पर सपा जिला अध्यक्ष एवं पूर्व चेयरमैन तनवीर खान ने टाउन हॉल स्थित...