असम पहला भारतीय राज्य है जहां असली भारतीय नागरिकों के नाम शामिल करने के लिए 1951 के बाद एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है।
गुवाहाटी। असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) का ड्राफ्ट सोमवार को जारी कर दिया गया है। इस ड्राफ्ट में 2 करोड 89 लाख 677 लोगों को नागरिकता के योग्य पाया गया है जबकि 40 लाख के नाम इस लिस्ट से बाहर रखा गया है। आपको बता दें कि वैध नागरिकता के लिए 3,29,91,384 लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें 40,07,707 लोगों को अवैध माना गया है। इस मौके पर रजिस्ट्रार जनरल ने कहा कि यह ड्राफ्ट है और इसे अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। जिन लोगों के नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं हुए हैं, उन्हें दावा करने और आपत्ति दर्ज करने का मौका है।NRC के मुताबिक असम की कुल आबादी में 40 से 41 लाख ऐसे हैं, जो भारत के नागरिक नहीं है। आंकड़ो से समझने की कोशिश कीजिए कि आखिर कैसे बदली असम की डेमोग्राफी और बीते सालों में भारत सरकार ने कितने बांग्लादेशियों को बाहर का रास्ता दिखाया?गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह प्रकिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से पूरी की गई। उन्होंने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा, ‘किसी के भी खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाएगी इसलिए किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है।’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए उस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया।’