रियोडीजनेरो। कुर्द शरणार्थी से कैंब्रिज विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफ़ेसर बने कौचर बिरकर गणित के क्षेत्र का नोबेल फील्ड्स मेडल मिलने के कुछ ही मिनट में चोरी हो गया। बिरकर को तीन अन्य लोगों के साथ यह सम्मान दिया गया है। फील्ड्स समारोह का आयोजन करने का सम्मान पाने वाले पहले लैटिन अमेरिकी शहर रियोडीजनेरो के लिए यह काफी शर्मनाक रहा। यह शहर अपराधों की गिरफ्त में है।फील्ड्स समारोह हर चार साल में होता है। बीजगणित ज्यामिति में विशेषज्ञ 40 वर्षीय बिरकर को 14 कैरेट का स्वर्ण पदक मिले एक घंटे से भी कम समय हुआ था कि उनका बैग गायब हो गया। समारोह के आयोजक इंटरनैशनल कांग्रेस ऑफ मैथमैटिक्स ने कहा कि इस घटना पर गहरा खेद है। बिरकर ने सह-विजेताओं एलेसियो फिगाली, पीटर शूल्ज और भारतीय मूल के अक्षय वेंकटेश के साथ इस उपलब्धि का जश्न मनाया।कुर्द होने के कारण उनके लिए यह किसी परी कथा के सच होने जैसा है। उन्होंने कहा, ”मुझे उम्मीद है कि यह खबर उन चार करोड़ लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाएगी। ईरान-इराक सीमा के समीप जातीय कुर्द प्रांत मारीवान के एक गांव में जन्मे बिरकर ने कहा, ‘कुर्दिस्तान में किसी बच्चे के मन में गणित के लिए रूचि पैदा होना असंभव था इसके बावजूद वह तेहरान विश्चविद्यालय गए। गणित में अद्भुत प्रतिभा के चलते उन्होंने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण ली और वहां की नागरिकता हासिल की।
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