पेट्रोल और डीजल के दामों में फिर से हुई बढ़ोतरी

नई दिल्ली। कच्चे तेल में आई हालिया तेजी के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। इस सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल करीब चार डॉलर महंगा हो गया है, हालांकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार जंग गहराने की आशंका से वैश्विक बाजार में शुक्रवार कच्चे तेल की तेजी थम गई। मगर, जानकार बताते हैं मांग और पूर्ति के बदलते परिदृश्य में बहरहाल तेल की महंगाई से निजात मिलने की संभावना नहीं दिख रही है।राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में शुक्रवार को फिर पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी हुई। दिल्ली में पेट्रोल के दामों में 22 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दामों में 28 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़त के बाद शुक्रवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 78.52 प्रति/लीटर तो वहीं डीजल की कीमत 70.21 प्रति लीटर हो गई है। जो अब तक का सबसे ऊंचा रिकॉर्ड है। दिल्ली में इससे पहले 28 अगस्त को डीजल की कीमत 69.61 रुपए प्रति लीटर के हाई लेवल पर पहुंच गई थी। वहीं मुंबई में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हुआ है। मुंबई में पेट्रोल 21 पैसे की बढ़त के साथ 85.93 रुपए प्रति लीटर तो वहीं डीजल में 30 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 74.54 प्रति लीटर रुपए पहुंच गया है। एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के रिसर्च (कमोडिटीज व करेंसी) के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता की माने तो ब्रेंट क्रूड में 80 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई (अमेरिकी लाइट क्रूड) में 75 डॉलर प्रति बैरल का स्तर तक का उछाल देखने को मिल सकता है। इस प्रकार पेट्रोल और डीजल की कीमतें आगे और बढ़ सकती हैं।अनुज गुप्ता ने कहा कि सऊदी अरब द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने, अमेरिका में पिछले सप्ताह तेल के भंडार में कमी और ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध से तेल की कीमतों में तेजी आई है, जो आने वाले दिनों में भी जारी रह सकती है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल का दाम बढऩे से भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहेगा।उन्होंने कहा, भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में महंगाई से फिलहाल निजात मिलने की संभावना नहीं दिख रही है क्योंकि कच्चे तेल के दाम में आगे और इजाफा होगा। गुप्ता ने कहा कि सर्दी के मौसम में अमेरिका में तेल की खपत बढ़ जाती है जिससे कीमतें बढऩे की पूरी संभावना दिख रही है। एनर्जी इन्फॉरमेशन एडमिनिस्ट्रेशन (ईआईए) की रिपोर्ट के मुताबिक, 24 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार 26 लाख बैरल घटकर 40.58 करोड़ बैरल रह गया। कमोडिटी विशेषज्ञ अनुज गुप्ता ने कहा, डॉलर के मुकाबले रुपये में जारी गिरावट से तेल का आयात महंगा होता जा रहा है जिससे भारत में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में तेजी बनी रह सकती है। गुप्ता ने कहा कि तेल का दाम बढऩे से पूरी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है क्योंकि परिवहन लागत बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, दाल को छोड़कर बाकी सभी वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही है। इसलिए त्योहारी सीजन में महंगाई और बढ़ सकती है।

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