श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हर साल पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है।इस बार जन्माष्टमी का त्योहार दो तिथियों में यानी 2 सितंबर और 3 सितंबर दोनों ही दिन मनाया जा रहा है।उदयकालीन अष्टमी सोमवार 3 सितंबर 2018 यानी आज के दिन है। इसलिए जन्माष्टमी आज मनाई जा रही है।
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था। जन्माष्टमी के अगले दिन को नंद उत्सव के रूप में मनाया जाता है। भगवान कृष्ण को 56 भोग चढ़ाया जाता है।मथुरा में कटरा केशवदेव के विशाल टीले पर स्थित भागवत-भवन में आयोजित होने वाला ‘श्रीकृष्ण जन्मोत्सव’ आकर्षण का मुख्य केंद्र होता है।इस अवसर पर दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मथुरा-वृन्दावन एवं ब्रज के अन्य धर्मस्थलों की ओर उमड़ रहे हैं।मथुरा के ठाकुर द्वारिकाधीश, वृन्दावन के ठाकुर बांकेबिहारी, इस्कॉन के ठाकुर कृष्ण-बलराम मंदिर, गोकुल के गोकुल नाथजी, बरसाना के लाड़िलीजूं आदि सभी मंदिरों में कृष्ण जन्माष्टमी काफी धूमधाम से मनाया जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादो माह की कृष्ण अष्टमी को घनघोर आंधी-तूफान के बीच रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, एक ऐसा ही त्योहार है जिसे लोग पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं।इस पवित्र दिन पर भक्त मंदिरों में भगवान से प्रार्थना कर उन्हें भोग लगाते हैं।इस दिन ज्यादातर हिन्दू लोग अपने घरों में बालगोपाल का दूध, शहद और पानी से अभिषेक कर उन्हें नए वस्त्र पहनाते हैं।कई जगहों पर श्रीकृष्ण की झाकियां भी निकाली जाती हैं।वहीं गुजरात और महाराष्ट्र में जन्माष्टमी के मौके पर दही हांडी की प्रथा के साथ यह पर्व को मनाया जाता है।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी हैं।