सत्येन्द्र कुमार सिंह, लिटरेरी एडिटर-ICN
दुआओं
में शामिल
खुशियों की सौगात ।
शायद
फूलों की खुशबू जैसी
मुस्कराहट
चेहरे पर
थी असर इन दुआओं का ।
अचानक
ठोकरों के बीच
बदलता
रिश्तों का पैमाना ।
भूलने की फितरत,
दर्शाती बूँदें अश्क़ की
और
स्थापित करती
अरमानो का
भितरघात ।