नई दिल्ली । 2018 में देश में कुल करोड़पतियों की संख्या बढ़कर 3,26,052 तक पहुंच चुकी थी। यह पिछले पांच वर्षों के मुकाबले 30 प्रतिशत ज्यादा है। उधर, अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (यूएचएनडब्ल्यूआई) की संख्या बढ़कर 1,947 हो गई। यूएचएनडब्ल्यूआई की कैटिगरी में वे महाअमीर आते हैं जिनका नेट वर्थ यानी वैसे 2 अरब रुपये से ज्यादा होता है और 2013 से 2018 के बीच ऐसे महाअमीरों की तादाद में 24 प्रतिशत बढ़ी है।
पिछले एक साल (2017-18) में देश के अल्ट्रा हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स की संख्या 7 प्रतिशत जबकि करोड़पतियों की तादाद 6 प्रतिशत बढ़ी। नाइट फ्रैंक वेल्थ रिपोर्ट 2019 के आंकड़े बताते हैं कि अगले पांच वर्षों (2018-23) में भारत में यूएचएनडब्ल्यूआई की संख्या 39 प्रतिशत बढ़कर 2,697 जबकि करोड़पतियों की तादाद 35 प्रतिशत बढ़कर 4,38,779 होने का अनुमान है।
2018 में रूस और भारत में करोड़पतियों एवं महाधनवानों की संख्या की वृद्धि दर सबसे ज्यादा रही। इतना ही नहीं, 2018-23 के बीच करोड़पतियों एवं महाधनवानों, दोनों श्रेणियों के अमीरों की संख्या वृद्धि के लिहाज से भारत रिपोर्ट में शामिल सभी 41 देशों में से सबसे आगे रहेगा। यह वृद्धि एशिया के साथ-साथ विश्व स्तर पर सबसे ज्यादा रहने वाली है। तब तक मुंबई 797 जबकि दिल्ली 211 महाधनवानों के साथ देश में क्रमश: पहले और दूसरे नंबर पर होंगे।