“जिसका डर था बेदर्दी वो ही बात हो गई” अभिनेता इरफान खान का 54 वर्ष की अवस्था में निधन

सुरेश ठाकुर
“हमने आत्मसमर्पण कर दिया है |” अधिकारिक प्रवक्ता की ओर से इन शब्दों के साथ वुधवार (आज) सुबह मुम्बई के “कोकिलाबेन धीरूभाई अस्पताल” से अभिनेता इरफान ख़ान के हवाले से आई मनहूस ख़बर लोगों की दुआओं को इस तरह मायूस कर जायेगी, उम्मीद न थी | कल शाम जब उनके अस्पताल में भर्ती होने की ख़बर आई थी तो उनके चाहने वालों का दिल एक बार फिर किसी अनहोनी के अंदेशा से बेसाख़्ता धड़कने लगा था और और हाथ दफ़्अतन दुआओं के लिए उठ गए थे | लेकिन बदनसीबी, कि इस बार शिकस्त दुआओं के हिस्से में आई और मौत ने बाज़ी मार ली | लोगों को उनके चहेते कलाकार के ग़म ने इस दर्जा बेज़ार कर दिया है कि वे कोरोना जैसी महामारी की त्रासदी को भी कुछ वक़्त के लिए मानो भूल गए हैं | खुश्क़ लब और नम आँखें गोया कि ग़म की ये इबारत हर चेहरे पर बड़ी आसानी से पढ़ी जा सकती है |सिने-जगत ने वाकई एक प्रतिभाशाली कलाकार खो दिया है | ज़बानों की ईजाद से पहले की अदाकारी का हुनर था उसके पास | आँखों की पुतलियों की एक हल्की सी जुम्बिश से इतना कुछ कह जाता था ये फ़नकार, जितना कहने के लिए दीगर अदाकारों को न जाने कितने अल्फ़ाज़ इस्तेमाल करना पड़ जाते हैं | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमिताभ बच्चन ने भी अपने शोक संवेदना संदेश (ट्वीट) में इरफान खान की मौत को फ़िल्म जगत् के लिए बड़ा आघात बताया है | जो लोग भी इरफान खान को करीब से जानते थे उन सबका कहना है कि उन्होंने ट्यूमर जैसी खतरनाक बीमारी के साथ ज़िंदगी और मौत की लड़ाई बड़ी बहादुरी के साथ लड़ी | पत्नी सुतापा इस लड़ाई में एक आत्मसंबल के रुप में हर पल इरफान के साथ रहीं | “Love from the inside, making sure to show it outside !” “इंग्लिश मीडियम” का उनका ये संवाद आज जैसे उनके व्यक्तित्व का अहम् हिस्सा बन गया है | “स्लमडॉग मिलियनेयर”, “लाइफ़ ऑफ़ पाई” और “जुरासिक वर्ल्ड” इरफान खान की वे फिल्में हैं जिन्होंने उन्हें देश की सीमाओं के बाहर एक यादगार पहचान दिलाई | फ़िल्म “हिंदी मीडियम” के लिए उन्हें 2018 का फ़िल्म फेयर दिया गया था | उनकी फिल्मों की एक लम्बी फेहरिश्त है जिनमें “द लंच बॉक्स”, “पीकू”, “पान सिंह तोमर”, “बाजीराव मस्तानी”, “हैदर” प्रमुख हैं | ये बहुप्रतिभाधनी कलाकार अपनी फिल्मों और अभिनय के माध्यम से हमेशा जिंदा रहेगा, ये एक हक़ीक़त है | एक बेहतरीन अदाकार के लिए पूरा देश दिल की गहराइयों से ख़िराज़-ए-अक़ीदत पेश करता है |

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