By: Akhil Kumar Srivastava, Bureau Chief-ICN U.P.
भला हो शराबियों का, जो सुबह 4:00 बजे से बोतल पानी लेकर 6 – 6 घंटे तक धूप में लाइन लगाकर खड़े रहे, वे भी किसी वीर योद्धा से कम नहीं ।
अगर यह शराबी ना होते तो इस भयंकर महामारी से जूझ रहे देश की अर्थव्यवस्था की डोलती नैया को कौन संभालता।
जी हां, यह वे शराबी ही हैं जो इस कठिन समय में कड़ी धूप में लाइन लगाकर खड़े होकर देश की अर्थव्यवस्था का बीड़ा उठाने के लिए आगे बढ़े, यह बात सभी भली-भांति जानते हैं कि इस लाँक डाउन में सरकार को अगर चिंता थी तो इन शराबियों की ।
सरकार भी जानती है कि देश की अर्थव्यवस्था को अगर पटरी पर ला सकते हैं ,तो यह शराबी ही हैं । उन पत्नियों को अपने पतियो पर गर्व करना चाहिए जो शराब के सेवन से देश को डूबने से बचा रहे हैं ।
हमारे यह शराबी इस लाँकडाउन में कोरोना वारियर्स से कम नहीं, जो देश की खातिर किसी भी खतरे से लड़कर अपनी जान जोखिम में डालकर बोतल हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं । जब पति बोतल लेकर
घर पहुंचें, तो पत्नियों को उनकी आरती उतारनी चाहिए , अगर इस महायज्ञ में वे भी अपना योगदान दे सकती हैं तो निसंकोच आगे बढ़ना चाहिए । पति को कम्पनी मिल जायेगी और देश का उद्धार होगा ।
अगर दिन भर में उन्होंने एक पेग का भी योगदान दिया,तो मान लीजिए 3 दिन में एक क्वार्टर और 12 दिन में एक बोतल ,धन्य होगी वह पत्नी जो अपने पति के इस पुण्य कार्य मे उसका साथ देगी । जीवन भर की तमाम कटुतायें खत्म हो जाएंगी। कहते हैं जरूरत के समय खोटा सिक्का भी काम आता है।
यह विडंबना ही है कि शराबियों को हमेशा समाज में हेय दृष्टि से देखा जाता रहा है। आज यह वही शराबी हैं जो इस भयानक त्रासदी में भगवान बन कर आए हैं । अगर यह शराबी ना होते तो हमारे देश का उद्धार कौन करता , कौन राजकोष के खाली खजाने को भरता, जी हां यह वही शराबी है , जिनको कभी आपने सम्मान की नजर से नहीं देखा।
बच्चन जी को याद करते हुए उनको यह कुछ पंक्तियां समर्पित करता हूं,
बंद है सारे मंदिर मस्जिद, बंद है सारे चर्च और गुरुद्वारे , किसके थामें हाथ किसके ले सहारे,
टूट चुकी थी हिम्मत सारी, टूट चुके थे स्वप्न सारे, तभी झूमता आया एक मतवाला, युद्ध
भूमि में लिए हाथ मे प्याला ,
जेब भरी नोटों से चिल्लाता वो हाला हाला, बंद पड़े सारे प्रतिष्ठान खुला है अपना मधुशाला, गिनता नोट नहीं दे देता यह मतवाला ,
धन्य हो प्यारे तुम,
जो खोल दी तुमने मधुशाला।
धन्य है यह हाला प्रेमी इनको शत-शत नमन, मुमकिन है महीने भर में हमारे देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी ।
हम अपने इन शराब प्रेमियों को
सल्यूट करते हैं, निश्चित ही वे भी पुष्प वर्षा के अधिकारी होगें।