कोरोना एवम् सियासत: राजस्थान का राजनीतिक परिद्र॒श्य

डॉ. करन पलसानियाँ 

पुरे विश्वभर में आज कोरोना महामारी का प्रकोप फ़ैला हुआ है और विश्व के 215 देश व 50 लाख लोग इसकी चपेट में आ चुके है| भारत के शीर्ष नेतृत्व ने, समय रहते हुये कोरोना के संकट को विकट होने से बचाने के लिये कठिन प्रयास किये है| वही दूसरी तरफ राजस्थान की कांग्रेस सरकार इस मामले में विफ़ल होती नज़र आ रही है| राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्ववाली कांग्रेस की सरकार ने प्रियंका गाँधी के आदेश पर अमानवीयता का परिचय देते हुये सेकड़ो बसों को भरतपुर के रास्ते उत्तरप्रदेश में ओछी राजनीति करने के लिये भेजा | यह किसी राज्य के मुख्यमंत्री का पूर्ण रूप से गैर जिम्मेदार क़दम ही करार दिया जायेगा |

राजस्थान में इस समय भाजपा विपक्ष की भूमिका में है मगर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने सहयोग किचन की शुरुआत करके मजदूरों की तरफ़ मदद का हाथ बढ़ाया है | राजनीति को सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में एक बार फ़िर से स्थापित करने की आवश्यकता समाज को एक लम्बें अरसे से महसूस होने लगी थी| इस रिक्तता को पाटने का कार्य सहज, स्वभाव वाले, निस्वार्थ भाव के धनी सतीश पूनियां ने बख़ूबी रूप से किया है| राजस्थान की राजनीति पे एक पारखी नज़र डालने पर बख़ूबी रूप से इस बात का एहसास हो जाता है की पूर्व में भी अपने पुत्र मोह के चलते प्रदेश की जनता को ठगने का कार्य मुख्यमंत्री महोदय ने किया है|

क्या डॉ सतीश पूनियां वैकल्पिक राजनीति के स्तम्भ ? 

अभी हाल ही के घटनाक्रमों पर नज़र डालने से पता पड़ता है की जिस प्रकार से माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू नही करने के निर्णय से प्रदेश की जनता को केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ नही मिल पाया है| प्रदेश में इस राजनीतिक शुन्यता को पाटने का कार्य विपक्षी पार्टी के अध्यक्ष माननीय सतीश पूनियां ने किया है| इन सार्थक प्रयासो में से कुछ इस प्रकार से है| 

  1. विदेशों में रह रहे प्रवासी भारतीयों के साथ संवाद स्थापित करके उनको भारत लाने का प्रबंध करने का आग्रह केंद्र सरकार को किया एवम प्रवासियों की समस्यों से सरकार को अवगत करवाया| 
  2. विदेश में पढ़ रहे राजस्थानी छात्रों की वतन वापसी की व्यवस्था केंद्र सरकार के साथ मिलकर की| 
  3. प्रदेश में सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाते हुये प्रदेश भर में “सहयोग किचन” के माध्यम से जरुरत मंदों को खाना खिलाया| 
  4. प्रदेश के मजदूरों की बदहाली और समस्यों को माननीय राज्यपाल महोदय को अवगत करवाया| 

एक जननायक का कार्य सरकार को सवाल पूछने के साथ ही लोगों के लिये जरुरत के समय साथ खड़ा होना होता है| ये बात आज सटीक रूप से राजस्थान की राजनीति में उभरकर सामने आ रही है जो की आज के दौर में एक सकारात्मक राजनीति की तरफ इशारा करता है|

Dr. Karan Palsaniya (Kaluram) Indo-Srilanka Foundation, BRICS, Women’s World Congress Delegate and India representative. 

 

(ये लेखक के अपने व्यक्तिगत विचार है)       

         

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