ओशो जैसी हस्ती का किरदार निभाना आसान नही था : विवेक मिश्रा

सिमरिया मध्य प्रदेश के रहने वाले विवेक मिश्रा , पिता श्री रोहिणी नंद कुमार मिश्रा ।

विवेक बताते हैं सातवीं कक्षा में जब वह पिताजी की डर से है पढ़ाई करते करते चोरी चोरी टीवी देख रहे थे तब उन्होंने कमबख्त इश्क फिल्म देखी तब से उन्हें एक अंदर से आवाज आई कि उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर बनाना है रास्ता तय करना आसान नहीं था । एक छोटे गांव केे रहने वाले विवेक बताते हैं कि 11वीं कक्षा में जब वह अपने इसी मकसद के साथ जब भोपाल पहुंचे तो स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद उनकी मुलाकात भोपाल के माने जाने थिएटर आर्टिस्ट मिस्टर “बालेंद्र सिंह जी” से हुई लगातार तीन साल रंगमंच करने के बाद जब विवेक ने मुंबई की ओर रुख किया तो संघर्ष उनके लिए और बढ़ गया बॉलीवुड का रास्ता इतना आसान नहीं था 6 महीने लगातार संघर्ष के बाद उन्हें उनका पहला शो मंदा हर युग में मिला जिस के राइटर धीरज मिश्रा थे।

इसके बाद उनका भी उनका संघर्ष कम नहीं हुआ क्राइम पेट्रोल, सावधान इंडिया , प्यार तूने क्या किया और कई एपिसोड शो और कई शॉर्ट फिल्म्स किया इसके बाद बहुचर्चित शो “राधा कृष्ण” में उन्हें भैरव की भूमिका निभाने का मौका मिला और वही धीरज मिश्रा जी से के साथ “दीनदयाल एक युगपुरुष” जैसी फिल्मों में भूमिका निभाई दीनदयाल में धीरज जी को इनका काम बेहद पसंद है और उन्होंने उनके आगामी सीरियल “कस्तूरी” और क्रांतिकारी वीर कहानियों की में सूत्रधार के किरदार में उन्हें काम दिया इसके बाद धीरज मिश्रा की आने वाली “सरोजिनी नायडू “में भी यह देखेंगे इसके साथ साथ “रितेश कुमार जी के साथ “ओशो” आध्यात्मिक गुरु के ऊपर बन रही बन रही फिल्म “सीक्रेट्स ऑफ लव “में ओशो के किरदार में नजर आएंगे साथ ही साथ अनिल कुल चनिया के डायरेक्शन में बन रही फिल्म द वॉकिंग गॉड में भी नजर आएंगे इसके साथ साथ धीरज मिश्रा लिखित हिंदी सीरियल काली कवच में भी मुख्य भूमिका में नजर आएंगे सफर इनका यही खत्म नहीं होने वाला यह तो शुरुआत है और विवेक बताते हैं उनकी फैमिली के सपोर्ट के बिना यहां तक पहुंच पाना इतना आसान नहीं था और विवेक बताते हैं कि राइटर धीरज मिश्रा उनके लिए किसी गॉडफादर से कम नहीं है हमेशा वह मुझे कठिन परिस्थितियों में एक भगवान का भेजे हुआ फरिश्ते का काम करते हैं ।

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