ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम के द्वारा आई.सी.एन. इंटरनेशनल के पत्रकारो ने “स्वदेशी, स्वावलंबन और स्वाभिमान” का बिगुल बजाया

एज़ाज़ क़मर, एसोसिएट एडिटर-ICN
नई दिल्ली। “ग्रीन स्पॉट्स अंडर आई०सी०एन० रूलर एंटरप्रेन्योरशिप सीरीज़ – 1” नामक शीर्षक से दिनांक 28 जून को 2020 को आई०सी०एन० मीडिया हाउस द्वारा महाबली इंटर कॉलेज हसनापुर (मलिहाबाद), लखनऊ मे वेब-संगोष्ठी व वेब-कार्यशाला (वेबिनार व वेबशाप) का आयोजन किया गया जिसमे 11 ग्राम सभा के 55 गांवों के प्रतिनिधियो ने भाग लिया।आई०सी०एन० मीडिया हाउस को पत्रकारो की समाज सेवी संस्था आई०सी०एन० ट्रस्ट संचालित करती है, जिसका उद्देश्य पत्रकारिता के मूल्यो की रक्षा करना और भावी पत्रकारो को प्रशिक्षण देकर उन्हे पत्रकारिता की मुख्यधारा से जोड़ना है।
“ग्रामीण उद्यमिता के माध्यम से सर्वांगीण विकास करके महात्मा गांधी के स्वराज और स्वावलंबन के लक्ष्य को सहजता और सुगमता से प्राप्त किया जा सकता है”, स्वदेशी जागरण मंच के संयोजक और आई०सी०एन० मीडिया हाउस के सीनियर कंसल्टिंग एडिटर, डॉ० भोला नाथ मिश्रा ने लखनऊ मे आयोजित वेब-सेमिनार मे अपने विचार व्यक्त करते हुये स्वदेशी और स्वावलंबन को परिभाषित किया और लक्ष्य प्राप्ति के लिये कई सुझाव दिये। ‘अपशिष्ट निपटान (कूड़ा निस्तारण) प्रबंधन’ से देसी खाद बनाने और गोबर गैस का उत्पादन करने की विधियां बताते हुये उन्होने महात्मा गांधी के दक्षिण-अफ्रीका स्थित टॉलस्टॉय फॉर्म हाउस की चर्चा करी जहां बापू ने तीन गड्ढे खोदे थे, जिसमे से एक गड्ढे मे मानव-मल, दूसरे गड्ढे मे झूठा-खाना और तीसरे गड्ढे मे बिना उपयोग की फल-सब्जियो को गलाकर खाद का उत्पादन किया जाता था।कर्म की उपयोगिता व भारतीय वर्तमान के परिवेश में इसकी आवश्यकता पर भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम का श्रीगणेश करते हुये सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर तरुण प्रकाश श्रीवास्तव ने विचार व्यक्त किये कि रोटी से साहित्य की गंध और साहित्य से रोटी की खुशबू, यही एक सुसंस्कृत, सुगठित व संतुलित समाज की पहली पहचान हेै। सकारात्मक व ज़िम्मेदार पत्रकारिता मे वैश्विक स्तर पर अपने आप मे एकमात्र अनूठी पहचान रखने वाली आई०सी०एन० यह भी मानती है कि अच्छे से अच्छा विचार भी मात्र शब्दो से रचा सम्मोहन मात्र है जब तक वह समाज के ज़मीनी स्तर पर प्रक्रियात्मक रूप से अपनी उपयोगिता को सिद्ध नही करता और यही कारण है कि जब विकास की बात आती है, आई०सी०एन० की ठोस व स्पष्ट मान्यता है कि “देश का सर्वांगीण विकास केवल तभी संभव हेै जब देश का हर नागरिक जहां पर है, वही विकसित हो सके” अर्थात पलायन पर लगाम लगे। जब कभी एंटरप्रेन्योरशिप की बात आती है, इसे अकथित व अलिखित रूप से नगरीय विकास के साथ जोड़ दिया जाता है किंतु ग्रामीण क्षेत्र इस उद्यमिता से वंचित रह जाता है। परिणामस्वरूप ग्रामीण प्रतिभाये व श्रम, दोनो ही न केवल पलायनवादी ही हो जाते है वरन् नगरो पर आवश्यकता से अधिक दबाव व ग्रामीण क्षेत्रो की कल्पना से अधिक दुर्दशा, दोनो ही सामान्य रूप से दृष्टिगत होते़ है।

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि “आई०सी०एन० मात्र एक वैचारिक क्रांति ही नही है बल्कि यह वह सामाजिक प्रयोगशाला है जहां सामाज के सर्वांगीण विकास के संदर्भ मे अद्भुत परिणामो की अनंत संभावनाएं उपस्थित है”।  उन्होने आई०सी०एन० के लक्ष्यो और योजनाओ पर प्रकाश डालते हुये बताया कि आई०सी०एन० के अनेक सर्वहितकारी मिशनो मे से एक मिशन “रूरल एंटरप्रेन्योरशिप” है जिसका अर्थ ग्रामीणो के सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक हितो के संवर्धन व संरक्षण की दृष्टि से उन्हे “गोद लेना” है तथा उन्हे सामूहिक रूप से जोड़कर उन्हे सामाजिक व आर्थिक रूप से स्वयं बेहतर जीवन स्तर प्राप्त करने योग्य बनाना है। 

आई०सी०एन० के एडिटर इन चीफ डॉ० शाह अयाज़ सिद्दीक़ी ने जल संरक्षण, रेन-वॉटर हार्वेस्टिंग, अन्न-भंडारण, परिवहन और विपणन प्रबंधन पर प्रकाश डालते हुये “पारस्परिक संवाद की निरंतरता” के महत्व को गहराई से समझाते हुये “संचार प्रबंधन” (कम्युनिकेशन मैनेजमेंट) की प्रणालियो और तकनीको की जानकारी दी।उन्होने भविष्य की योजनाओ के बारे मे विस्तृत विवरण देते हुये कहा कि भविष्य मे वेब-शॉप (वेब-कार्यशाला) के द्वारा “ग्रामीण उद्यमिता” को व्यवहारिक रूप   देने के लिये रेशम-कीट पालन, मधुमक्खी पालन, केंचुआ खाद बनाने और मशरूम की खेती जैसे कृषि आधारित उद्योगो की विस्तृत जानकारी दी जायेगी। उन्होने आगे कहा कि जड़ी-बूटियो के उत्पादन से औषधि निर्माण, दुग्ध से विभिन्न प्रकार उत्पाद बनाकर तथा अति कुटीर उद्योगो जैसे अचार, पापड़, नमकीन, चिप्स, मेहंदी, जैम, जैली तथा दोना-पत्तल आदि के द्वारा उद्यमिता की संभावनाओ पर भी प्रशिक्षण देने के लिये वेब-कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा।
सीनियर एसोशियेट एडिटर एवं प्रिंसिपल कोऑर्डिनेटर हार्दिक मुरारका ने कैशक्रॉप्स की संक्षिप्त चर्चा करने बाद आम के बाग मे पेड़ो के बीच मे मौजूद खाली स्थानो पर “हल्दी, लेमन-ग्रास, अनन्नास और आरटीमीशिया” की फसल उगाने की चित्रो तथा वीडियो के द्वारा विस्तृत जानकारी दी।हार्दिक मुरारका ने ऑस्ट्रेलिया में रहते हुए किसानो के साथ की गयी एग्रीकल्चर ट्रेनिंग के बारे में अपने अनुभव को भी बताया की किस प्रकार से ऑस्ट्रेलियाई फार्मर्स ने टेक्नोलॉजी को अपना कर कृषि सेक्टर में विकास किया हैं।
राजस्थान के धौलपुर स्थित राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के प्रधानाचार्य और आई०सी०एन० के कंसलटिंग एडिटर लेफ्टिनेंट कर्नल नितेश एस. इंगले ने शाद्वल कृषि अथवा मरूद्यान की विस्तृत जानकारी के माध्यम से बंजर भूमि को हरा-भरा बनाने का कृषको को प्रशिक्षण दिया। उन्होने धौलपुर स्थित अपनी मरूद्यान परियोजना (प्रोजेक्ट) का वेब-प्रस्तुतीकरण किया।
डायरेक्टर एक्वा-सेंटर ए.आई.टी (थाईलैंड) और आई०सी०एन० के सीनियर कंसल्टिंग एडिटर डॉ राम सी भुजेल ने मछली पालन परियोजना का विस्तृत वेब-प्रस्तुतीकरण किया जिसमे प्रजातीय-पालन संस्कृति (एकीकृत मछली पालन संस्कृति तथा मिश्रित मछली पालन संस्कृति), पालन प्रणालियां (जल आधारित पिंजरा अथवा केज पालन और भूमी आधारित तालाब तथा सघन टैंक) और पालन की तकनीक (स्टॉकिंग, हस्त संसर्ग, संकरण तथा हारमोनल लिंग-उत्क्रमण) की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम का समापन करते हुये समाजसेवी व भूतपूर्व विधायक इंदल कुमार रावत ने कहा कि “सर्वांगीण ग्रामीण विकास के लिये भारत सरकार पंचवर्षीय योजनाओ के अंतर्गत अनेको कार्यक्रम चलाकर ग्रामीणो के उत्थान और कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है और अब शीघ्रता से लक्ष्यो की प्राप्ति के लिये निजी क्षेत्रो तथा समाजसेवी संस्थाओ से सहयोग और योगदान का आवाहन किया गया है”। उन्होने सभी प्रतिभागियो और पत्रकारो का धन्यवाद देते हुये उनसे मानव कल्याण की वसुधैव कुटुंब वाली भावना से राष्ट्र निर्माण के यज्ञ मे आहुति देने का आग्रह किया।
शिमला से विजय कुमार वर्मा ग्रुप एडिटर, लखीमपुर कैम्पस चंद्रशेखर कृषि विश्वविद्यालय के डीन व एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर प्रोफेसर आर.के.यादव, डॉ. श्वेता व कोलकाता से श्रीमती बरनाली बोस, एडिटर ICN वर्ल्ड गुवाहाटी से ऍम एस मजुमदार, एडिटर ICN ग्रुप, सी पी सिंह, एडिटर ICN ग्रुप ने कार्यक्रम में भाग लिया तथा आई.सी.एन. की इस अद्भुत मिशन में अपनी प्रतिभागिता की।
थाईलैंड से राजीव सक्सेना, एडिटर ICN इंटरनेशनल व कंसल्टिंग एडिटर ICN इंटरनेशनल, वेरापन सूतिपथ, एसोशियेट एडिटर विक बेलानी, उक्रेन से उजेनी, जर्मनी से सिरुस, रशिया से एक्जीक्यूटिव एडीटर लीडिया मयलकीना, एक्जीक्यूटिव एडीटर ICN ग्रुप श्री मो० ज़ैद, सीनियर एसोशियेट एडिटर डॉ वासु, एक्जीक्यूटिव एडिटर डॉ शाह नवाज़ सिद्दिक़ी, एसोशियेट एडिटर राहिल अख़्तर, डिप्टी ब्यूरो चीफ़ उत्तर प्रदेश श्री मो० तौसीफ़, मेराज खान ने कार्यक्रम में भाग लिया तथा आई.सी.एन.“रूरल इंटरप्रिन्यूरशिप” मिशन में अपनी प्रतिभागिता की।
आई०सी०एन० के चीफ एडवाइज़र प्रोफेसर के० वी० नागराज ने वेब-संगोष्ठी व वेब-कार्यशाला के सफल आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये आई०सी०एन०एन० के पत्रकारो और ग्रामसभा के प्रतिनिधियो को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
सीनियर एडवाइज़र एवं सीनियर एडिटर राकेश लोहुमी  ने कार्यक्रम के सफल आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये आई०सी०एन०एन० के पत्रकारो और ग्रामसभा के प्रतिनिधियो को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम मे सभी स्वयंसेवको ने राष्ट्र कल्याण के लिये सदैव तत्पर रहने तथा प्राण न्योछावर करने की शपथ लेते हुये अपने क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिये आई०सी०एन० ट्रस्ट के विशेषज्ञो के मार्गदर्शन मे एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लिया। हरिशंकर यादव प्रधान,  चन्द्र पाल रावत मास्टर, जनाब नज्म मुस्तफा,  बलराम रावत जिला पंचायत सदस्य,  जितेन्द्र यादव गुड्डू प्रधान संघ अध्यक्ष, बुद्धा लाल पूर्व प्रधान  राम रावत मास्टर,  भगवत मौर्या, संदीप यादव युवा नेता, आदि लगभग 11 ग्राम सभा के 55 गांवों के लोगो ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया।

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